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High BP In Pregnancy: प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए। यह बात सिर्फ डॉक्टर ही नहीं, बल्कि घर के बड़े-बुजुर्ग भी कहते हैं। असल में प्रेग्नेंसी के दौरान तनाव लेने से गर्भवती महिला का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है और इसका नकारात्मक प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ सकता है। यहां तक कि कुछ गंभीर मामलों में यह भी देखने को मिलता है कि प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस लेने की वजह से गर्भावस्था में कॉम्प्लीकेशंस बढ़ जाते हैं और डिलीवरी के दौरान शिशु का वजन कम रह जाता है या उसका विकास सही तरह से नहीं होता है। बहरहाल, यह सुनने में आता है कि प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस लेने से बीपी की परेशानी भी हो सकती है। ऐसे में यह सवाल हर गर्भवती महिला के मन में जरूर उठता है कि क्या प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस लेने से हाई बीपी की दिक्कत हो सकती है? आइए, जानते हैं इस बारे में Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता क्या बताते हैं।
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क्या प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस लेने से हाई बीपी हो सकता है?- Can Stress Cause High BP In Pregnancy
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हां, यह सच है कि प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस लेने से हाई बीपी की समस्या हो सकती है। यहां तक कि तनाव की वजह से प्रेग्नेंसी में हाइपरटेंशन, प्रीक्लेम्पसिया जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। विशेषज्ञ इस बात को बेहतर तरीके से समझाती हैं, "प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस लेना बिल्कुल भी सही नहीं है। तनाव की वजह से प्रेग्नेंट महिलाओं में हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं, जो महिलाओं की ओवरऑल बॉडी को इफेक्ट करते हैं। विशेषकर, ब्लड वेसल्स पर असर पड़ता है, जो प्रेशर को बढ़ा देते हैं।" डॉक्टर आगे बताती हैं कि ध्यान रखें कि ये कंडीशन गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए खतरनाक है। ऐसे में प्रीटर्म या लो बर्थ वेट की दिक्कत हो सकती है।" यह कहने की जरूरत नहीं है कि जन्म के समय जिन शिशुओं का वजन कम होता है, उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है और संक्रमण से लड़ने की क्षमता भी सही तरह से डेवलप नहीं हो पाती है।
प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस किस तरह ब्लड प्रेशर को प्रभावित करता है?
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हार्मोनल रेस्पॉन्सः ध्यान रखें कि स्ट्रेस हार्मोन जैसे कोर्टिसोल को इफेक्ट करते हैं। इससे कार्डियोवास्कुलर फंक्शन प्रभावित होता है। ऐसे में बॉडी में सही तरह से ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो पाता है और ब्लड वेसल्स भी अपना काम सही तरह से नहीं कर पाती हैं।
पेरिफेरल रेजिस्टेंसः इसका मतलब होता है कि जब आपका हार्ट ब्लड पंप करता है, तो नसें (रक्त वाहिकाएं) उस खून के रास्ते में जो रुकावट या घर्षण पैदा करती हैं, उसे ही ’सिस्टमैटिक रेजिस्टेंस’ कहा जाता है। यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में सबसे अहम भूमिका निभाता है। इसे आप दो आसान तरीकों से समझ सकते हैं, जैसे नसों का सिकुड़ना यानी जब नसें पतली या सिकुड़ जाती हैं, तो ब्लड फ्लो के लिए जगह कम रह जाती है। इससे रुकावट बढ़ जाती है और ब्लड प्रेशर बढ़ भी जाता है। दूसरा है, नसों का फैलना। जब नसें चौड़ी हो जाती हैं, तो खून आसानी से बहने लगता है।
प्रेग्नेंसी में हाई बीपी से जुड़े रिस्क
जेस्टेशनल हाइपरटेंशनः प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस लेने के कारण हाई बीपी बढ़ सकता है, जो कि जेस्टेशनल हाइपरटेंशन की वजह बन सकता है। ध्यान रखें कि प्रेग्नेंसी में होने वाला हाइपरटेंशन सही नहीं होता है। इसका जिक्र हम लेख में पहले भी कर चुके है।।
प्रीक्लेम्पसिया: यह गर्भावस्था में होने वाली गंभीर स्थिति है। इसमें गर्भवती महिला का ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और कई बार पेशाब के जरिए प्रोटीन बाहर आने लगता है। यह कंडीशन किडनी के साथ-साथ अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। निश्चित रूप से गर्भ में पल रहे शिशु के लिए यह सही नहीं है।
प्रीटर्म लेबरः प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस लेने की वजह से बार-बार ब्लड प्रेशर होने का जोखिम हमेशा बना रहता है। इस स्थिति में महिला की डिलीवरी समय से पूर्व हो सकती है। यह शिशु के विकास के लिए नुकसानदायक है।
निष्कर्ष
महिलाओं को चाहिए कि वे प्रेग्नेंसी के दौरान स्ट्रेस न लें। इसे मैनेज करने की हर संभव कोशिश करें। जैसे प्रेग्नेंट महिलाओं को नियमित रूप से योग, मेडिटेशन करना चाहिए और पर्याप्त नींद भी लेनी चाहिए। इससे उनकी सेहत बेहतर रहती है और प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस का रिस्क कम होता है। इस तरह, अपने आप हाई बीपी का जोखिम भी कम हो जाता है। हां, अगर आपको अक्सर स्ट्रेस होता रहता है, तो बेहतर है कि आप एक्सपर्ट की सलाह लें और अपना प्रॉपर ट्रीटमेंट करवाएं। इससे प्रेग्नेंसी का सफर आसान हो जाएगा।
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FAQ
प्रेगनेंसी में बीपी हाई हो तो क्या करना चाहिए?
अगर प्रेग्नेंसी में बीपी हाई हो जाता है, तो इसे इग्नोर न करें। रोजाना अपना बीपी मॉनिटर करें। अगर हर समय बीपी हाई रहता है, तो यह प्रीक्लेम्पसिया जैसी गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है। डॉक्टर आपकी जांच करके दवा दे सकते हैं। साथ ही, डाइट में जरूरी बदलाव करें, ताकि बीपी को संतुलित बनाए रखने में मदद मिल सके।गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप का इलाज कैसे करें?
गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप का इलाज घर में नहीं किया जा सकता है। अगर किसी प्रेग्नेंट महिला का बीपी हाई है, तो डॉक्टर के पास जाएं और उनकी दी हुई दवा रोजाना नियमित अनुसार लें।प्रेग्नेंसी में ज्यादा टेंशन लेने से क्या होता है?
प्रेग्नेंसी में ज्यादा टेंशन नहीं लेनी चाहिए। गर्भावस्था में हर महिला को खुश रहना चाहिए। अगर इस अवस्था में किसी वजह से तनाव बढ़ जाता है, तो समय पूर्व डिलीवरी, जन्म के समय शिशु का वजन कम होना, हाई ब्लड प्रेशर (प्रीक्लेम्पसिया), संक्रमण का खतरा और बच्चे के दिमागी विकास पर बुरा असर पड़ सकता है।
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Dec 23, 2025 10:05 IST
Published By : Meera Tagore