प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई प्रकार के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इन हार्मोनल बदलावों के कारण महिलाओं को कई प्रकार के खाने की क्रेविंग होती हैं। कई बार खानपान के कारण प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या देखी जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर (हाई बीपी) न सिर्फ होने वाली मां के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि गर्भ में पलने वाले शिशु के लिए भी नुकसानदायक साबित होता है। प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर को समय रहते मैनेज न किया जाए, तो यह प्रीमैच्योर डिलीवरी, गर्भ में शिशु के विकास रुकने (IUGR) और प्रीक्लेम्पसिया का कारण बन सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का गर्भस्थ शिशु पर क्या प्रभाव पड़ता है और इसे कैसे मैनेज करना चाहिए, आज इस लेख में हम इसी विषय पर बात करेंगे। इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल से बात की।
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प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर के कारण- Causes of high blood pressure in pregnancy
डॉ. आस्था दयाल के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
- अगर किसी महिला को पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो प्रेग्नेंसी के दौरान यह और भी ज्यादा परेशान कर सकती है।
- प्रेग्नेंसी में प्रीक्लेम्पसिया के कारण भी हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी होती है। इस समस्या में प्रोटीन यूरिन में आने लगता है और शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करता है।
- जिन महिलाओं का वजन बहुत ज्यादा है, उनमें भी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या देखी जाती है।
- कुछ महिलाओं में मानसिक दबाव और तनाव भी हाई बीपी का कारण बनता है।
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हाई बीपी के कारण गर्भस्थ शिशु पर पड़ने वाला प्रभाव- Effects of high BP on the fetus
यदि प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर अधिक रहता है, तो यह शिशु के विकास और सेहत पर भी नेगेटिव इफेक्ट डालता है। आइए आगे जानते हैं प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या शिशु पर क्या-क्या असर डालती है।
1. शिशु का वजन कम होना
प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर के कारण गर्भ में शिशु का शारीरिक विकास धीमा हो सकता है। इसके कारण जन्म के समय शिशु का वजन कम हो सकता है।
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2. ऑक्सीजन की कमी
प्रेग्नेंसी में हाई बीपी के कारण प्लेसेंटा को सही मात्रा में खून नहीं मिल पाता है। इसकी वजह से शिशु को आवश्यक पोषण और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता। ऑक्सीजन न मिलने से शिशु के विकास पर असर पड़ सकता है।
3. गर्भ में शिशु की मौत
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान अगर महिलाओं का ब्लड प्रेशर हमेशा ही ज्यादा रहता है, तो यह गर्भ में शिशु की मौत का कारण भी बन सकता है।
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4. प्रीमैच्योर डिलीवरी
हाई बीपी के कारण समय से पहले डिलीवरी करवाने की जरूरत पड़ सकती है। प्रीमैच्योर डिलीवरी के कारण शिशु का वजन कम और वह शारीरिक तौर पर कमजोर हो सकता है।
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प्रेग्नेंसी में ब्लड प्रेशर को कैसे मैनेज करें?- How to manage blood pressure in pregnancy?
डॉ. आस्था दयाल का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव करके हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है। आइए आगे जानते हैं इसके बारे में...
- प्रेग्नेंसी के दौरान रोजाना ब्लड प्रेशर को चेक करें। अगर बीपी 140/90 mmHg से अधिक जाता है, तो इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
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- ब्लड प्रेशर को मैनेज करने के लिए खाने में कम नमक का इस्तेमाल करें। इसके अलावा डाइट में हरी सब्जियां, ताजे फल, साबुत अनाज और डेयरी प्रोडक्ट को शामिल करें।
- बाजार में मिलने वाले जंक और प्रोसेस्ड फूड में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है, जो ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती है। इसलिए प्रेग्नेंसी में जंक फूड का सेवन करने से बचें।
- दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं ताकि शरीर हाइड्रेट रहे। हाईड्रेशन से ब्लड प्रेशर को मैनेज करने में मदद मिलती है।
- प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा चिंता और तनाव से बचें, क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है।
- रोजाना 8 से 9 घंटे की नींद लें। विशेषकर प्रेग्नेंसी के दौरान बाईं करवट लेकर सोएं, ताकि शरीर का ब्लड फ्लो सही बना रहे।
- जिन महिलाओं का ब्लड प्रेशर प्रेग्नेंसी के पहले महीने से हाई है, वो डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का सेवन करें।
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निष्कर्ष
प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर गंभीर स्थिति बन सकती है। यह मां और शिशु दोनों के विकास को नुकसान पहुंचा सकती है। हाई ब्लड प्रेशर को मैनेज करने के लिए बैलेंस डाइट, नियमित तौर पर योग करें। ध्यान रहे कि प्रेग्नेंसी एक नाजुक दौर है, इसलिए अपना और गर्भ में पलने वाले शिशु का विशेष ध्यान रखें।
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