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सर्दियों में पानी कम पीने से पाचन पर क्या असर होता है? एक्सपर्ट से जानें

सर्दियों में मौसम ठंडा होने के कारण प्यास कम लगती है, जिस कारण लोग पानी कम पीने लगते हैं। हालांकि, कम पानी का सेवन आपके पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव डालता है। इसलिए, आइए जानते हैं पानी कम पीने से पाचन पर क्या असर पड़ता हैं?
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सर्दियों में पानी कम पीने से पाचन पर क्या असर होता है? एक्सपर्ट से जानें

सर्दियों के मौसम में ठंड ज्यादा होने के कारण लोगों को प्यास बहुत कम लगती है, जिस कारण वे पानी कम पीते हैं। पानी हमारे शरीर के कई अंगों के बेहतर तरीके से काम करने में अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में सर्दियों में भले ही प्यास कम लगती हो, लेकिन हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी की जरूरत होती है। पानी की कमी के कारण न सिर्फ आपको डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है, बल्कि ये आपके पाचन तंत्र पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में आइए इस लेख में हम दिल्ली की क्लिनिकल डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट रक्षिता मेहरा से विस्तार में जानते हैं कि सर्दियों में कम पानी पीने से पाचन पर क्या असर पड़ता है?


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ठंड में कम पानी पीना का पाचन पर प्रभाव

न्यूट्रिशनिस्ट रक्षिता मेहरा के अनुसार, पाचन तंत्र को बेहतर तरीके से काम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की जरूरत होती है। अगर आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं तो इसका आपके पाचन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिसके कारण

1. पाचन क्रिया धीमी पड़ना

सर्दियों में शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। ऐसे में जब आप पानी कम पीते हैं तो भोजन को तोड़ने में मदद करने वाले एंजाइम कम एक्टिव हो जाते हैं। इसके कारण खाना पेट में लंबे समय तक रुका रहता है और पाचन धीमा हो जाता है, जिससे गैस, ब्लोटिंग और एसिडिटी की समस्या बढ़ जाती है।

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2. कब्ज की समस्या

पानी की कमी का सीधा असर आपके आंतों पर नजर आता है। पानी कम पीने से आंतों में मौजूद फाइबर को नरम बनाकार मल को हल्का करने में मुश्किल हो सकती है। सर्दियों में कम पानी पीने से शरीर मल से ज्यादा पानी सोक लेता है, जिससे स्टूल सख्त हो जाता है और ये कब्ज, पेट दर्द और बवासीर जैसी समस्याओं के जोखिम को बढ़ा देता है।

3. गैस और ब्लोटिंग की समस्या

कम पानी पीने के कारण खाने को सही तरीके से पचाने में मुश्किल होती है, जिसके कारण आंतों में गैस बनने की समस्या बढ़ जाती है। शरीर में पानी की कमी पेट में बनने वाली गैस को पास होने की प्रक्रिया को धीमा कर देती है, जिससे ब्लोटिंग, डकार ज्यादा आना और पेट फूलने की समस्या बढ़ जाती है।

4. पाचन एंजाइम पर असर

पर्याप्त मात्रा में पानी पीना शरीर में पाचन एंजाइम के प्रोडक्शन और संतुलन के लिए बहुत जरूरी है। कम पानी पीने से एंजाइम की क्रिया बाधित हो सकती है, जिसके कारण भोजन से पोषक तत्व सही तरह से अवशोषित नहीं हो पाते हैं, जिसके कारण आपको कमजोरी, थकान और चिड़चिड़ेपन की समस्या बढ़ सकती है।

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5. शरीर में टॉक्सिन जमा होना

पानी शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद करते हैं। सर्दियों में कम पानी पीने के कारण शरीर इन्हें सही तरीके से बाहर नहीं निकाल पाता है, जिसके कारण ड्राई स्किन, एक्ने की समस्या बढ़ने के साथ-साथ पेच से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं।

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सर्दियों में पानी पीने का सही तरीके

न्यूट्रिशनिस्ट रक्षिता मेहरा के मुताबिक सर्दियों में भी पर्याप्त मात्रा और सही तरीके से पानी पीना जरूरी है, जिसके लिए आप इन बातों को ध्यान में रखें-

  • ठंड में ठंडा पानी पीने का मन न करे तो आप हल्का गुनगुना पानी भी पी सकते हैं। यह पाचन तंत्र और मेटाबॉलिज्म दोनों के लिए फायदेमंद होता है।
  • अपनी डाइट में पानी के साथ हर्बल चाय, सूप और काढ़ा शामिल करें, जो शरीर में पानी की कमी बेहतर तरीके से पूरी करने में मदद करता है।
  • रोजाना कम से कम 7 से 8 गिलास पानी पीने की कोशिश करें, भले आपको प्यास न लग रही हो।
  • सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुना पानी जरूर पिएं, ताकि कब्ज और गैस की समस्या से राहत मिल सके।
  • अपनी डाइट में फलों और सब्जियों का सेवन बढ़ाएं, जिनमें पानी की मात्रा ज्यादा हो, जैसे संतरा, खीरा, टमाटर आदि।

निष्कर्ष

सर्दियों में पानी कम पीने के कारण पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे कब्ज, गैस, एसिडिटी, ब्लोटिंग और पाचन क्रिया धीमा होने की समस्या बढ़ जाती है। इसलिए, ठंड में प्यास कम लगने पर भी रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
Image Credit: Freepik 

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  • Nov 24, 2025 08:47 IST

    Published By : Katyayani Tiwari

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