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Sugar vs Carbs: सेहत के लिए ज्यादा खराब क्या है? जानें एक्सपर्ट से

Sugar vs Carbs Health: कार्ब्स को हमेशा से एक बेहतर विकल्प समझा जा सकता है। इससे डायबिटीज का रिस्क नहीं बढ़ता है। आइए, विस्तार से जानते हैं कि बेहतर क्या है।
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Sugar vs Carbs: सेहत के लिए ज्यादा खराब क्या है? जानें एक्सपर्ट से

शुगर और कार्ब्स, दोनों स्वास्थ्य के लिए सही विकल्प नहीं है। अगर कोई व्यक्ति इन दोनों ही चीजों का अधिक मात्रा में सेवन करता है, तो इसकी वजह से वजन बढ़ सकता है, जो कि टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ाता है। इसके अलावा, हार्ट डिजीज, थकान, हाई ब्लड शुगर और पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। चूंकि, हम जानते हैं कि दोनों ही हेल्थ को कहीं न कहीं नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में यह जान लेना भी आवश्यक है कि आखिर दोनों में से ज्यादा खराब क्या है? कौन-सी चीज का अधिक सेवन करने से हमें भारी नुकसान हो सकता है? इस बारे में जानने के लिए हम Divya Gandhi's Diet & Nutrition Clinic की डायटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से बात की।


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शुगर या कार्ब्सः क्या है ज्यादा खराब- Sugar or Carbs Which Is Worse

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दिव्या गांधी की मानें, तो कार्ब्स से ज्यादा शुगर खराब है, खासकर रिफाइंड शुगर। Harvard Medical School में कहा गया है जिस भी खाने की चीज में कार्ब्स है, उसमे अपने आप शुगर होती है, जैसे फल, सब्जियां, अनाज आदि। नेचुरल शुगर लेना स्वास्थ्य के लिए सही है, लेकिन जो लोग कैंडी, कोल्ड ड्रिंक और प्रोसेस्ड फूड का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं, उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। शुगर युक्त चीजों में जरूरी न्यूट्रिशंस नहीं होत हैं। जबकि, एक्सेस में शुगर का सेवन करने से लिवर अतिरिक्त इसे प्रोसेस करने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। इस स्थिति में हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्राॅल होने का जोखिम बढ़ जाता है, जो कि भवष्यि में हार्ट डिजीज और डायबिटीज का कारण बन सकते हैं। यही नहीं, अतिरिक्त मात्रा में शुगर का सेवन करने से दांतों में सड़न का रिस्क भी बना रहता है।

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कार्ब्स शुगर से बेहतर क्यों है?

कार्ब्स अपने आप में अच्छा या बुरा तत्व नहीं है। कार्ब्स कई तरह के होते हैं, जैसे काॅम्प्लेक्स और रिफाइंड कार्ब्स। काॅम्प्लेक्स कार्ब्स की बात करें, तो यह अपने नेचुरल फाॅर्म में तमाम पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। जैसे साबुत अनाज, सब्जियां और बीन्स, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स के अच्छे स्रोत हैं। जब आप काॅम्प्लेक्स का सेवन करने से शरीर में एनर्जी बनी रहती है। साथ ही काॅप्लेक्स कार्ब्स क्राॅनिक डिजीज जैसे डायबिटीज और हार्ट डिजीज के रिस्क को कम करता है। वहीं, अगर हम रिफाइंड कार्ब्स की बात करें, तो इसे हम अच्छे विकल्प की सूचि में नहीं रख सकते हैं। कार्ब्स को रिफाइंड करने की प्रक्रिया अपने आप में समस्या का विषय है। रिफाइंड कार्ब्स में ब्रेड, व्हाइट राइस शामिल होते हैं। आपको बता दें कि रिफाइंड करने की प्रक्रिया में कार्ब्स से पोषक तत्वों और फाइबर भी रिमूव हो जाते हैं, जो कि इसे शुगर के बरारब बना देता है।

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कब रहें शुगर और कार्ब्स से दूर

वैसे तो स्वस्थ लोगों को भी सीमित मात्रा में शुगर और कार्ब्स का सेवन करना चाहिए। वहीं, कुछ मेडिकल कंडीशंस भी हैं, जिनमें शुगर और कार्ब्स से पूरी तरह दूरी बनाए रखनी चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि जिन्हें डायबिटीज है, मोटापा कम करना चाहते हैं, क्राॅनिक किडनी डिजीज है या एसिड रिफ्लक्स की समस्या है। इन लोगों को शुगर और रिफाइंड कार्ब्स से दूरी बनाए रखनी चाहिए। इसके अलावा, अगर किसी को सिलिएक एसिड है और ग्लूटन या चीनी से एलर्जी है, तो चीनी और कार्ब्स उनके लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। वहीं, अगर आप अपने वजन को संतुलित बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं, तब भी अपनी डाइट में कार्ब्स और शुगर को शामिल न करें।

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निष्कर्ष

सेहत के लिए कार्ब्स चीनी से बेहतर मानी जा सकती है। ऐसा तब होता है, जब आप रिफाइंड कार्ब्स की जगह काॅम्प्लेक्स कार्ब्स का सेवन करते हैं। वहीं, अगर चीनी की बात करें, तो हर स्थिति में शुगर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है। यह स्वस्थ लोगों में भी गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है। इसलिए, कहा जा सकता है कि आप अपनी डाइट में काॅम्प्लेक्स कार्ब्स शामिल करें, रिफाइंड कार्ब्स और शुगर से दूरी बनाए रखें।

All Image Credit: Freepik

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FAQ

  • कार्बोहाइड्रेट की अधिकता से क्या हानि होती है?

    कार्ब्स का सेवन सीमित मात्रा में किया जाना चाहिए। अगर कोई अधिक मात्रा में कार्ब्स का सेवन करता है, तो इसकी वजह से वजन बढ़ सकता है, टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, पाचन संबंधी समस्याएं, जैसे कब्ज और ब्लोटिंग हो सकती है।
  • कार्बोहाइड्रेट और शुगर में क्या अंतर है?

    शुगर एक प्रकार का सिंपल कार्बोहाइड्रेट है। शरीर सिंपल कार्ब्स को तेजी से तोड़ता है। इससे ब्लड शुगर तेजी से स्पाइक करता है और फिर गिरता है। मीठा खाने के बाद, आपको इंस्टेंट एनर्जी महसूस हो सकती है।
  • 1 महीने तक चीनी नहीं खाने से क्या होता है?

    एक महीने तक चीनी न खाने से शरीर पर बहुत सारे प्रभाव नजर आ सकते हैं, जैसे वजन का कम होना, ग्लोइंग स्किन, हार्ट डिजीज और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होना। हालांकि, चीनी छोड़ने के कुछ दिनों बाद आपको कुछ शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं, जैसे थकान, सिरदर्द और पाचन संबंधी परेशानियां। धीरे-धीरे आपको सेहत में सुधार नजर आने लगेगा।

 

 

 

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  • Current Version

  • Nov 24, 2025 07:05 IST

    Published By : Meera Tagore

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