Low Carb Diet For High Blood Sugar: अगर आप आसपास गौर करेंगे तो आपको डायबिटीज या प्री डायबिटीज के मरीज जरूर मिल जाएंगे। हर साल हजारों लोग इस समस्या की चपेट में आ रहे हैं। हालांकि यह केवल लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्या है जिसे डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल से कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आपका अपने लाइफस्टाइल पर पूरी तरह कंट्रोल में हो। आजकल प्री डायबिटीज की समस्या लोगों में ज्यादा देखने को मिल रही है। यह किसी भी उम्र में व्यक्ति को चपेट में ले सकती है। लेकिन अगर समय रहते इस पर कंट्रोल किया जाए, तो इसे पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं चंचल गोयल की कहानी। चंचल मीडिया मिंगल पीआर की को-फाउंडर हैं, जो बिजी लाइफ के साथ हेल्थ को मैनेज करने पर काम कर रही हैं।
ओनलीमायहेल्थ के साथ हुई खास बातचीत में चंचल ने बताया कि उन्होंने केवल 3 से 4 महीने के अंदर प्री डायबिटीज को रिवर्स किया है। डाइट को फॉलो करने से उनकी अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी ठीक हुई हैं। आइए ओनलीमायहेल्थ की स्पेशल सीरीज ‘बीमारी और डाइट’ में जानें चंचल ने सिर्फ डाइट फॉलो करके प्री डायबिटीज को कैसे रिवर्स किया है। साथ ही, बात करेंगे कि प्री डायबिटीज को रिवर्स करने के अन्य तरीके क्या है। चलिए चंचल गोयल से ही समझें कि उन्होंने प्री डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए क्या–क्या किया।
आपको अपनी हेल्थ कंडीशन के बारे में कब पता चला
चंचल बताती हैं कि “मेरा वजन लगातार बढ़ता जा रहा था। मुझे पीरियड्स ठीक से नहीं आते थे। साथ ही, पीरियड्स पेन कम करने के लिए इंजेक्शंस लेने पड़ते थे। वेट लॉस के लिए मैने डायटिशियन से संपर्क किया। डाइट प्लान बनाने के लिए हेल्थ कंडीशंस जानना जरूरी था। जब मेरे चेकअप कराए गए तो मुझे प्री-डायबिटिक होने का पता चला। इस वक्त मेरा वजन 79 kg तक पहुंच चुका था।”
खुद पर काम करना किस तरह शुरू किया
इस प्रश्न का उत्तर देते हुए चंचल बताती हैं कि “प्री-डायबिटिक होने का पता चलते ही मैने खुद पर काम करना शुरू कर दिया था। मुझे दवाईयों की आदत नहीं बनानी थी इसलिए मैने केवल डाइट पर फोकस करना शुरू किया। मेरे डायटिशियन ने डाइट प्लान मेरी हेल्थ कंडीशन के मुताबिक ही बताया था। उसे फॉलो करने के साथ मैने हेल्दी लाइफस्टाइल की आदत बनाई और स्ट्रेस कंट्रोल करने पर भी काम किया।
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प्री डायबिटीज रिवर्स करने के लिए इस तरह रखी डाइट
- लो कार्ब्स और हाई प्रोटीन डाइट पर ज्यादा ध्यान दिया। इससे जल्दी भूख नहीं लगती थी और दिनभर एक्टिव महसूस होता था।
- दिन के एक मील में पनीर जरूर खाया जिससे लंबे समय तक भूख नहीं लगती थी।
- हर मील में ज्यादा से ज्यादा सब्जियों का सेवन किया। इससे बॉडी को फाइबर मिलता था और ब्लड शुगर कंट्रोल रहता था।
- डाइट के दौरान बाहर की कोई भी चीज नहीं खाई। जंक और पैकेज्ड फूड पूरी तरह अवॉइडड किया जिससे वेट लॉस में भी मदद मिली।
- कुछ समय के लिए हर तरह का मीठा खाना छोड़ दिया। नेचुरल शुगर के लिए पपीता, सेब और संतरे जैसे फलों का सेवन किया।
- खाना बनाने के लिए मेथी दाना, काली मिर्च और सेंधा नमक का जरूर इस्तेमाल किया। इससे हार्मोन्स बैलेंस करने में मदद मिली।
- प्रोटीन के लिए चने, पनीर, छोले और सोयाबीन का सेवन किया। इसके साथ ही खाने की मात्रा भी अपने आप कम होने लगी।
- काम से समय मिलने पर वर्कआउट और वॉक जरूर करती थी। इससे बॉडी में काफी फर्क नजर आने लगा।
प्री डायबिटीज रिवर्स करने में आपको कितना समय लगा
चंचल बताती हैं कि डाइट फॉलो करने के दो सप्ताह के अंदर ही उन्हें फर्क नजर आने लगे। हर सप्ताह उनका 2 किलो वजन घटने लगा था। उन्हें पीरियड्स नॉर्मल आने लगे थे और अब इंजेक्शन की जरूरत भी नहीं होती थी। चंचल ने लगातार डाइट फॉलो करके 4 से 5 महीने में प्री डायबिटीज रिवर्स कर लिया था। पांच महिने बाद जब उनके चेकअप हुए तो उनकी प्री डायबिटीज की समस्या खत्म हो चुकी थी।
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लो कार्ब्स डाइट फॉलो करने से आपको क्या-क्या फायदे मिलें
लो कार्ब्स डाइट से चंचल ने खुद को पूरी तरह बदल लिया। इससे उनका थायराइड कंट्रोल हुआ जो कुछ महीने पहले काफी बढ़ चुका था। उनकी प्री डायबिटीज की समस्या पूरी तरह खत्म हो चुकी थी। चंचल ने 3 महिने के अंदर 10 से 15 किलो वजन घटा लिया था। हार्मोन्स संतुलित हुए जिससे पीसीओएस की समस्या भी कंट्रोल हुई।
“बीमारी और डाइट” सीरीज में आज हमने चंचल के उदाहरण से जाना कि डाइट कैसे प्री डायबिटीज को रिवर्स करने में मदद कर सकती है। ऐसी ही असल जिंदगी से जुड़ी कहानियां हम इस सीरीज में आपसे शेयर करते हैं। जिससे लोगों को अपनी हेल्थ कंडीशन से बाहर आने की प्रेरणा मिल सके। इस सीरीज के अन्य आर्टिकल्स आप ओनलीमायहेल्थ की वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं।