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डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है, जिसमें ब्लड शुगर का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसा तब होता है, जब अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है या शरीर इंसुलिन को प्रभावी तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता है। इंसुलिन, हमारे शरीर में अग्नाशय द्वारा बनाया जाता है, जो शरीर के सेल्स को ग्लूकोज को एनर्जी देने में मदद करता है। अगर शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है तो ग्लूकोज ब्लड में बना रहता है और सेल्स तक नहीं पहुंच पाता है, जिसके कारण हमारी आंखों, किडनी, नसों और दिल को नुकसान पहुंचाने का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए हेल्दी डाइट लेने की सलाह दी जाती है। ऐसे में कुछ लोगों का मानना है कि अपनी डाइट से कार्बोहाइड्रेट पूरी तरह हटाने से टाइप 2 डायबिटीज कंट्रोल में रहता है। आइए सिद्ध मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, मुरादाबाद के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. अनुराग मेहरोत्रा से जानते हैं?
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क्या कार्बोहाइड्रेट न खाने से टाइप 2 डायबिटीज कंट्रोल होती है?
डॉ. अनुराग मेहरोत्रा के अनुसार, कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज की कमी को पूरा करते हैं, जो शरीर को तुरंत एनर्जी देने का काम करते हैं। सफेद चावल, मैदा-बेस्ड फूड्स, मिठाइयां और मीठे ड्रिंक्स जैसे कार्बोहाइड्रेट वाले फूड्स आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकते हैं। इसके विपरीत, जटिल कार्बोहाइड्रेट जैसे- साबुत अनाज, दालें, सब्जियां और फल ग्लूकोज को धीरे-धीरे छोड़ते हैं और फाइबर और अन्य कई पोषक तत्व देते हैं।
कई स्टडी से पता चलता है कि कार्बोहाइड्रेट को कम करने से ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कंट्रोल करने में सुधार हो सकता है। साल 2022 में एक रिसर्च में में सामान्य आहार की तुलना में कम कार्बोहाइड्रेट डाइट के साथ 6 महीने के HbA1c में -0.23% की कमी और वजन में कमी देखी गई है। हालांकि, लॉन्ग टर्म रिव्यू से पता चलता है कि ये फायदे 12 से 24 महीनों के बाद कम हो सकते हैं और कम कार्बोहाइड्रेट वाले पैटर्न को बनाए रखना मुश्किल बना सकते हैं।
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क्या कहते हैं डॉक्टर
डॉ. अनुराग मेहरोत्रा कहती हैं कि, "भारतीय डाइट कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं, और अचानक इन पर रोक लगाना न तो टिकाऊ है और न ही सही। हम संतुलित भोजन को बढ़ावा देते हैं, जटिल कार्बोहाइड्रेट को प्रोटीन और स्वस्थ वसा के साथ मिलाकर, ताकि पोषण को संरक्षित करते हुए शुगर लेवल को स्थिर रखा जा सके। क्योंकि भारत का फूड प्रोसेसिंग मार्केट 30 लाख करोड़ का है, इसलिए, लोगों को सतर्क रहना चाहिए, बर्गर, पिज्जा, पैकेज्ड नमकीन, इंस्टेंट नूडल्स और रेडी-टू-ईट स्नैक्स अक्सर रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट, अनहेल्दी फैट और सोडियम की मात्रा से भरपूर होते हैं, जिन्हें बार-बार खाने से मेटाबॉलिज्म बिगड़ता है। इसलिए, जितना हो सके प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन से बचें, हेल्दी डाइट लें और आहार स्वच्छता बनाए रखने की कोशिश करें।"
डायबिटीज में कार्बोहाइड्रेट पूरी तरह हटाने से क्या होगा?
डॉ. अनुराग मेहरोत्रा बताते हैं कि सभी कार्बोहाइड्रेट को पूरी तरह से अपनी डाइट से हटाना आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है, क्योंकि इससे आपको ये स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है, जिसमें-
- पोषक तत्वों की कमी
- कब्ज की समस्या और थकान होना
- ज्यादा फैट या प्रोटीन के कारण लिपिड प्रोफाइल में बदलाव
- इंसुलिन या सल्फोनीलूरिया लेने वालों में हाइपोग्लाइसीमिया का जोखिम
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टाइप 2 डायबिटीज में क्या खाएं और क्या नहीं?
डॉ. अनुराग मेहरोत्रा के मुताबिक, टाइप 2 डायबिटीज के साथ हेल्दी रहने के लिए जरूरी है कि आप अपने खानपान का खास ध्यान रखें। इसलिए आइए जानते हैं इस स्थिति में आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं-
क्या खाएं?
- साबुत अनाज जैसे साबुत गेहूं की रोटियां, बाजरा और ब्राउन राइस
- दालें और फलियां जैसे दाल, चना, राजमा और अंकुरित अनाज
- मौसमी और फाइबर से भरपूर सब्जियां और फल
- लीन प्रोटीन जैसे अंडा, मछली, चिकन, पनीर और दही
- संतुलित मात्रा में ड्राई फ्रूट्स और सीड्स
किन चीजों के सेवन से बचें?
- रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे मैदा, पॉलिश किया हुआ सफेद चावल
- मीठे ड्रिंक्स और मिठाइयों से दूर रहें
- फास्ट फूड जैसे बर्गर, पिज्जा और फ्राइज
- पैकेज्ड स्नैक्स जैसे नमकीन, चिप्स और इंस्टेंट नूडल्स से बचें
- ज्यादा प्रोसेस्ड रेडी-टू-ईट फूड्स और ज्यादा नमक से दूर रहें
निष्कर्ष
टाइप 2 डायबिटीज में अपनी डाइट से कार्बोहाइड्रेट को खत्म करने के स्थान पर उसे कम करना और हेल्दी फूड ऑप्शन को बढ़ावा देना आपकी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होगा। ध्यान रहे, पूरी तरह कार्बोहाइड्रेट से भरपूर फूड्स से परहेज करने पर आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
Image Credit: Freepik
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Nov 14, 2025 15:58 IST
Published By : Katyayani Tiwari