हमारे खानपान का सीधा असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है, लेकिन जब बात आती है पाचन तंत्र की, तो गॉलब्लैडर यानी पित्ताशय का जिक्र जरूर होता है। यह नाशपाती के आकार का छोटा सा अंग लिवर के ठीक नीचे मौजूद होता है और इसका मुख्य काम है लिवर से बनने वाले पित्त (Bile) को जमा करना और जरूरत पड़ने पर उसे रिलीज करना ताकि खाने में मौजूद वसा यानी फैट्स को आसानी से पचाया जा सके। लेकिन जब पित्ताशय में पथरी (Gallstones), इंफेक्शन या सूजन जैसी समस्या हो जाती है, तो यह साधारण-सा दिखने वाला अंग अचानक दर्द और परेशानी का बड़ा कारण बन जाता है।
गॉलब्लैडर पेन अक्सर पेट के दाहिनी तरफ ऊपर की ओर महसूस होता है, जो कभी-कभी पीठ या कंधे तक भी फैल जाता है। कई बार मरीज को मितली, उल्टी और पेट फूलने जैसी शिकायत भी होती है। डॉक्टर्स बताते हैं कि गॉलब्लैडर से जुड़ी परेशानियों में सिर्फ दवाइयां ही नहीं बल्कि डाइट का भी अहम रोल होता है। इस लेख में हम एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज से विस्तार से जानेंगे कि कौन-कौन से फूड्स गॉलब्लैडर पेन को ट्रिगर करते हैं और किन चीजों को डाइट से हटाकर आप अपने पाचन तंत्र को आराम पहुंचा सकते हैं।
कौन से फूड्स गॉलब्लैडर पेन को बढ़ाते हैं? - What Foods Trigger Gallbladder Pain
डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज बताते हैं कि पित्ताशय की समस्या वाले मरीजों को अपनी डाइट पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। आइए जानते हैं ऐसे खाने के बारे में जिन्हें गॉलब्लैडर की समस्या वाले मरीजों को या तो बिलकुल बंद कर देना चाहिए या फिर बहुत ही सीमित मात्रा में लेना चाहिए।
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1. ऑयली और डीप फ्राइड फूड्स
सबसे पहले जिन चीजों से बचना चाहिए वो हैं ऑयली और डीप फ्राइड फूड्स। समोसा, कचौरी, पकौड़े, पूरी, फ्रेंच फ्राइज और बर्गर जैसे ऑयली स्नैक्स गॉलब्लैडर पर ज्यादा दबाव डालते हैं। दरअसल, पित्ताशय की समस्या में फैटी फूड्स को पचाने के लिए ज्यादा पित्त की जरूरत होती है, जिससे ब्लैडर सिकुड़ता है और दर्द ट्रिगर हो जाता है।
2. रेड मीट
जिन लोगों को गॉलब्लैडर की समस्या है उन्हें रेड मीट, मटन, पोर्क और प्रोसेस्ड मीट जैसे बेकन या सॉसेज से परहेज करना चाहिए। इन मांसों में सैचुरेटेड फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जिसे पचाने में पित्ताशय पर दबाव बढ़ जाता है। इसके अलावा फैटी फिश भी दर्द को बढ़ा सकती है।
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3. मसालेदार और हैवी करी से बचें
भारत जैसे देश में मसालेदार भोजन का चलन काफी ज्यादा है, लेकिन पित्ताशय की समस्या वाले मरीजों को यह भारी पड़ सकता है। ज्यादा तेल-मसाले वाली करी, ग्रेवी और तीखी सब्जियां पाचन को बिगाड़ देती हैं और गॉलब्लैडर पेन को बढ़ा सकती हैं। खासकर लाल मिर्च, गरम मसाले और ज्यादा तेल में बनी सब्जियां मरीजों को परेशानी में डाल सकती हैं।
4. कैफीन और कोल्ड ड्रिंक्स
कई लोग सोचते हैं कि कॉफी या कोल्ड ड्रिंक लेने से एनर्जी मिलती है, लेकिन गॉलब्लैडर रोगियों के लिए ये परेशानी का कारण बन सकते हैं। कैफीन गॉलब्लैडर को ज्यादा एक्टिव कर देता है, जिससे दर्द और ऐंठन हो सकती है। वहीं कोल्ड ड्रिंक्स और सोडा में मौजूद गैस पाचन को बिगाड़ देती है।
5. शराब और अल्कोहलिक ड्रिंक्स
शराब का सेवन लिवर और गॉलब्लैडर दोनों पर सीधा असर डालता है। अल्कोहल फैटी लिवर और पित्त की समस्या को बढ़ा सकता है। जिन लोगों को गॉलब्लैडर में पथरी है उनके लिए शराब दर्द और सूजन का बड़ा कारण बन सकती है।
किन चीजों का करें सेवन?
पित्ताशय की समस्या वाले मरीजों के लिए लो-फैट डाइट सबसे बेहतर रहती है। इसमें साबुत अनाज, हरी सब्जियां, मौसमी फल, दलिया, ओट्स, दाल और लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल करने चाहिए। इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और हल्का, आसानी से पचने वाला खाना लेना भी जरूरी है।
निष्कर्ष
पित्ताशय यानी गॉलब्लैडर की समस्या में डाइट का बड़ा रोल है। ऑयली, मसालेदार, प्रोसेस्ड और मीठी चीजें दर्द को बढ़ा सकती हैं, वहीं हल्की-फुल्की और फाइबर से भरपूर डाइट राहत देती है। अगर गॉलब्लैडर पेन बार-बार हो रहा है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें और जरूरत पड़ने पर सर्जरी पर भी विचार करें। सही खानपान और लाइफस्टाइल से इस समस्या को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
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FAQ
गॉलब्लैडर पेन कैसा महसूस होता है?
गॉलब्लैडर पेन आमतौर पर पेट के दाहिनी ऊपरी हिस्से में तेज या ऐंठन जैसा दर्द होता है। यह दर्द कभी-कभी पीठ या दाहिने कंधे तक भी फैल सकता है।क्या गॉलब्लैडर की समस्या में दूध और दही खा सकते हैं?
लो-फैट दूध और दही सुरक्षित विकल्प माने जाते हैं। लेकिन फुल क्रीम दूध, आइसक्रीम और क्रीम से परहेज करना चाहिए क्योंकि इनमें फैट की मात्रा ज्यादा होती है।क्या गॉलब्लैडर स्टोन का इलाज सिर्फ डाइट से हो सकता है?
डाइट कंट्रोल करने से लक्षणों में राहत मिल सकती है और दर्द कम हो सकता है। लेकिन अगर पथरी बड़ी है या बार-बार दर्द होता है तो सर्जरी ही एकमात्र स्थायी विकल्प हो सकता है।
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Sep 22, 2025 11:28 IST
Published By : Akanksha Tiwari