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ज्यादा कंफ्यूज रहना कौन सी बीमारी है? जानें और नजरअंदाज न करें

अगर आप उन लोगों में हैं जो कि छोटी-छोटी चीजों में कंफ्यूज रहते हैं या जिन्हें कोई बात जल्दी समझ नहीं आती तो यह मानसिक भ्रम की स्थिति हो सकती है। ऐसे में जानते हैं ज्यादा कंफ्यूज रहना कौन सी बीमारी हो सकती है।
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ज्यादा कंफ्यूज रहना कौन सी बीमारी है? जानें और नजरअंदाज न करें


आपने महसूस किया होगा कि कई बार हमारे आस-पास कुछ ऐसे लोग होते हैं जो हमेशा खोए रहते हैं या किसी भ्रम की स्थिति में रहते हैं। यह कंफ्यूजन हो सकता है। अगर यह कभी-कभी होता है तो ठीक है लेकिन, हमेशा रहता है तो यह किसी बीमारी का संकेत हो सकता है। दरअसल, अक्सर ब्रेन की बीमारी में लोगों को अंदाजा भी नहीं होता और दिक्कत बढ़ती जाती है। इस स्थिति में जरूरी यह है कि आप जागरूक रहें और जानें कि कंफ्यूजन भी किसी ब्रेन की बीमारी का लक्षण हो सकती है। किन बीमारियों में ऐसा होता है (disease can make you confused) और क्यों होता है इस बारे में जानने के लिए हमने Dr. Dipesh Pimpale, Consultant Neurologist, KIMS Hospitals, Thane से बात की जिन्होंने इस पूरी स्थिति को हमें विस्तार से समझाया।

ज्यादा कंफ्यूज रहना क्या किसी बीमारी का संकेत हैं?

डॉ. दीपेश पिंपले कहते हैं हां, कंफ्यूजन या भ्रम मस्तिष्क रोग का एक लक्षण हो सकता है, और यह अक्सर शुरुआती और सबसे ज्यादा दिखाई देने वाले लक्षणों में से एक होता है। भ्रम, भटकाव की एक ऐसी स्थिति को संदर्भित करता है जहां व्यक्ति को स्पष्ट रूप से सोचने में कठिनाई हो सकती है, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी हो सकती है, या अपने आस-पास क्या हो रहा है, यह समझने में कठिनाई हो सकती है।

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ज्यादा कंफ्यूज रहना कौन सी बीमारी है?

डॉ. दीपेश बताते हैं कि कंफ्यूजन किसी एक बीमारी का लक्षण नहीं है बल्कि, कई बीमारियों में आपको यह समस्या महसूस हो सकती है। इनमें जो बीमारियां आती हैं उनमें शामिल हैं

मनोभ्रंश-Dementia

भ्रम अल्जाइमर और अन्य प्रकार के डिमेंशिया के प्रमुख लक्षणों में से एक है। व्यक्ति हाल की घटनाओं को भूल सकते हैं, चीजे गलत जगह रख सकते हैं, बार-बार प्रश्न पूछ सकते हैं, या परिचित वातावरण में खो सकते हैं। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, भ्रम अधिक गंभीर और लगातार होता जाता है।

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डेलीरियम-Delirium

यह भ्रम की अचानक शुरुआत है, जो आमतौर पर संक्रमण, दवा, निर्जलीकरण या अस्पताल में भर्ती होने के कारण होती है। यह वृद्ध वयस्कों में आम है और इसके लिए तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है। मनोभ्रंश के विपरीत, डेलीरियम इसमें तेजी से होता है और पूरे दिन में उतार-चढ़ाव हो सकता है।

स्ट्रोक-Stroke

स्ट्रोक मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में रक्त प्रवाह को बाधित कर सकता है, जिससे भ्रम, भटकाव और बोलने में परेशानी हो सकती है। यह अक्सर अचानक होता है और इसके साथ कमजोरी या चेहरा लटक सकता है। इन लक्षणों को नजरअंदाज करना तेजी से गंभीर रूप ले सकता है। स्ट्रोक में बहुत जल्दी इलाज की जरूरत होती है और इसलिए जैसे ही स्ट्रोक के लक्षण महसूस हो डॉक्टर के पास जाएं।

मस्तिष्क संक्रमण-Brain infections

मस्तिष्क संक्रमण जैसे, मेनिन्जाइटिस और एन्सेफलाइटिस में भी आपको भ्रम और कंफ्यूजन की दिक्कत बार-बार हो सकती है। दरअसल, ये स्थितियां मस्तिष्क या उसकी परत में सूजन पैदा करती हैं और भ्रम, बुखार, दौरे और गर्दन में अकड़न पैदा कर सकती हैं। इससे ब्रेन का काफी हिस्सा गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है। इसलिए आपको इस बीमारी से बचना चाहिए।

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ब्रेन ट्यूमर या सिर की चोटें

ब्रेन ट्यूमर या सिर की चोटें, दोनों ही मस्तिष्क के क्षेत्रों पर दबाव डाल सकते हैं, जिससे भटकाव, स्मृति हानि, कंफ्यूजन और व्यक्तित्व में बदलाव आ सकते हैं। ब्रेन ट्यूमर हो या सिर की चोटें, दोनों ही स्थिति गंभीर है और बिना इलाज जल्दी-जल्दी अपना रूप बदल सकती है। इसलिए आपको ब्रेन ट्यूमर से बचना चाहिए।

निष्कर्ष

डॉ. दीपेश पिंपले बताते हैं कि लगातार या अचानक होने वाला भ्रम अनदेखा नहीं किया जा सकता। यह अक्सर किसी अंतर्निहित मस्तिष्क संबंधी स्थिति का संकेत देता है और इसके लिए समय पर मेडिकल टेस्ट की जरूरत होती है। ब्रेन इमेजिंग और तंत्रिका संबंधी मूल्यांकन के माध्यम से शीघ्र निदान, कुछ मामलों में भ्रम के कारण को नियंत्रित करने या यहां तक कि उसे दूर करने में मदद कर सकता है। तो अपना ध्यान रखें और एक भी लक्षण महसूस हो तो डॉक्टर को दिखाएं।

FAQ

  • कौन सी मानसिक बीमारी डर का कारण बनती है?

    जिन लोगों को हमेशा एंग्जायटी डिसऑर्डर की दिक्कत रहती है उन्हें डर लगता रहता है, घबराहट रहती है और इस मानसिक बीमारी से निकलना आसान नहीं होता। ऐसे में अगर आपको महसूस हो रहा है कि बेकार की कोई घबराहट आपको परेशान कर रही है तो डॉक्टर को दिखाएं। 
  • मानसिक बीमारी की क्या पहचान होती है?

    मानसिक बीमारी की पहचान करने के लिए आपको शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए। जैसे कि अगर आप हमेशा उदास रहते हैं, मन नहीं लगता, रोने का मन होता है, नेगेटिव विचार परेशान करते हैं और अगर आपको खुदखुशी जैसे ख्याल आ रहे हैं तो यह मानसिक बीमारी की शुरुआत हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर को दिखाएं।
  • सबसे गंभीर मानसिक बीमारी कौन सी है?

    सबसे गंभीर मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया या बाइपोलर डिसऑर्डर हो सकती है। यह काफी गंभीर बीमारी है जिसमें व्यक्ति को खुली आंखों से धोखा होता है। व्यक्ति अलग ही दुनिया में रहता है और कई बार दोहरे व्यक्तित्व का शिकार होता है।

 

 

 

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