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क्या एंग्जायटी के कारण डिमेंशिया होने का खतरा बढ़ता है? जानें एक्सपर्ट से

Does Anxiety Increase the Risk of Dementia: क्या एंग्जायटी की समस्या के कारण डिमेंशिया का खतरा बढ़ सकता है। आइए इस सवाल का जवाब डॉक्टर से जानते हैं।  
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क्या एंग्जायटी के कारण डिमेंशिया होने का खतरा बढ़ता है? जानें एक्सपर्ट से

Does Anxiety Increase the Risk of Dementia: कई लोग एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी समस्याओं का सामना कर रहे होते हैं। एंग्जायटी और डिप्रेशन दोनों ही मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) से जुड़ी स्थितियां हैं। हालांकि, इन दोनों में अंतर होता है। एंग्जायटी की स्थिति में लोग चिंता, डर और बेचैनी की समस्या का सामना कर रहे होते हैं, जबकि डिप्रेशन में उन्हें उदासी, निराशा और काम में मन न लगने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं भी व्यक्ति के लिए कई तरह से हानिकारक हो सकती हैं। यही कारण है कि आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि क्या एंग्जायटी का सामना कर रहे लोगों को डिमेंशिया होने का खतरा बढ़ जाता है? आइए इस सवाल का जवाब डॉ. गोरव गुप्ता, वरिष्ठ मनोचिकित्सक और सीईओ- तुलसी हेल्थकेयर नई दिल्ली (Dr. Gorav Gupta, Senior psychiatrist & CEO- Tulasi Healthcare New Delhi) से जान लेते हैं।

डिमेंशिया क्या है?- What is Dementia

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 बता दें कि ‘डिमेंशिया’ में कई अलग लक्षण शामिल होते हैं। इसमें स्मृति हानि और सोचने, समस्या को सुलझाने या भाषा के साथ कठिनाइयां जैसी समस्याएं शामिल हो सकती हैं। इसके साथ ही, मूड और व्यवहार में बदलाव भी डिमेंशिया से जुड़े होते हैं। बता दें कि डिमेंशिया विभिन्न प्रकार के होते हैं। इसमें अल्जाइमर सबसे आम प्रकार है, जो 50-70% मामलों में होता है। अन्य प्रकारों में वैस्कुलर डिमेंशिया, लेवी बॉडी डिमेंशिया, फ्रंटोटेंपोरल डिमेंशिया, सामान्य दबाव हाइड्रोसेफलस, पार्किंसंस रोग, सिफलिस आदि शामिल हैं।

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एंग्जायटी और डिमेंशिया का क्या लिंक है?- What is the Link Between Anxiety and Dementia

लोग आमतौर पर डिमेंशिया को एक ऐसी स्थिति के रूप में सोचते हैं, जो केवल बुढ़ापे के साथ आती है। हालांकि, कई अध्ययनों से पता चलता है कि लंबे समय तक चिंता करने से इसके विकसित होने का जोखिम बढ़ सकता है। बता दें कि एंग्जायटी केवल घबराहट महसूस करने के बारे में नहीं है, यह समय के साथ आपके दिमाग को प्रभावित कर सकती है। अगर आप हर समय चिंतित रहते हैं, तो आपका शरीर कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन का प्रोडक्शन बढ़ा देता है। हाई कोर्टिसोल का स्तर धीरे-धीरे आपके दिमाग के उस हिस्से को नुकसान पहुंचा सकता है, जो याददाश्त और सीखने को कंट्रोल करती है। एंग्जायटी के कारण नींद खराब हो सकती है, ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है और आप मानसिक रूप से थका हुआ महसूस कर सकते हैं।

एंग्जायटी जैसी समस्याएं धीरे-धीरे समय के साथ आपके दिमाग को कमजोर बना सकती हैं। बता दें कि PTSD या पैनिक डिसऑर्डर जैसे चिंता विकारों (Panic Disorder) वाले लोगों को और भी ज्यादा समस्याएं हो सकती हैं। एंग्जायटी से हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं, जो दिमाग में स्वस्थ ब्लड फ्लो को कम करती हैं। यह सब आपके दिमाग में अल्जाइमर विकसित होने की संभावना को बढ़ा देती हैं। हालांकि, आप एक्सरसाइज, अच्छी नींद, स्वस्थ भोजन और ध्यान जैसी तनाव-मुक्ति तकनीकों के माध्यम से एंग्जायटी को मैनेज कर सकते हैं।

एंग्जायटी से कैसे करें बचाव?- How to Prevent Anxiety

अगर आप डिमेंशिया की समस्या से बचना चाहते हैं, तो एंग्जायटी को कंट्रोल करना बहुत जरूरी हो जाता है। आइए जानते हैं की आप एंग्जायटी से किस तरह बच सकते हैं:

  1. व्यायाम: अगर आप एंग्जायटी की समस्या से बचना चाहते हैं, तो रोजाना एक्सरसाइज करना बहुत फायदेमंद हो सकता है। इससे मन को शांति मिलती है और एंग्जायटी को कम किया जा सकता है।  
  2. ध्यान और योग: बता दें कि एंग्जायटी से बचाव के लिए आप ध्यान और योग का सहारा ले सकते हैं। आप एंग्जायटी से बचने के लिए मेडिटेशन और अन्य योगासनों की मदद ले सकते हैं।
  3. स्वस्थ आहार: स्वस्थ आहार लेना एंग्जायटी को कम करने में मदद कर सकता है। बता दें कि हेल्दी डाइट सेहत का ओवरऑल ख्याल रखती है। आप हेल्दी चीजों का सेवन करके खुद को फिजिकल और मेंटल दोनों ही तरह की समस्याओं से बचा सकते हैं।
  4. पर्याप्त नींद: मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए व्यक्ति का पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी होता है। इससे एंग्जायटी को कम करने में मदद मिल सकती है। इससे फिजिकल हेल्थ को भी फायदा हो सकता है।
  5. स्ट्रेस मैनेजमेंट: स्ट्रेस मैनेजमेंट तकनीकें जैसे कि गहरी सांस लेना,मसल्स रिलैक्सेशन और टाइम मैनेजमेंट से एंग्जायटी को कम करने में मदद मिलती हैं।

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कुल मिलाकर, एंग्जायटी की समस्या का सामना कर रहे लोग डिमेंशिया की बीमारी का शिकार हो सकते हैं। हालांकि, इन दोनों चीजों से नेचुरली बचाव करने के लिए आप लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव कर सकते हैं। अगर यह स्थिति फिर भी कंट्रोल में नहीं आती है, तो आपको किसी अनुभवी डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।  

FAQ

  • क्या तनाव से डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है?

    कई शोध से संकेत मिलता है कि तनाव डिमेंशिया को बढ़ा या प्रगति में भूमिका निभा सकता है, लेकिन जरूरी नहीं है कि यह डिमेंशिया का कारण हो। 
  • ज्यादा टेंशन लेने से कौन-सी बीमारी हो जाती है?

    तनाव के आम लक्षणों को जानने से आपको इसे मैनेज करने में आसानी हो सकती है। हालांकि, तनाव के कारण व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, मोटापा और डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • क्या डिमेंशिया को कम किया जा सकता है?

    डिमेंशिया की समस्या से बचाव के लिए आप लाइफस्टाइल में हेल्दी आदतों को शामिल कर सकते हैं। इससे ओवरऑल हेल्थ को भी फायदा हो सकता है। 

 

 

 

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