
Newborn not Burping after Feeding: शिशु के जन्म के बाद माता-पिता उसकी सेहत को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित रहने लगते हैं। उसके दूध पीने से लेकर डकार आने तक हर छोटी-बड़ी चीज पर नजर रखते हैं। अगर बच्चे को डकार नहीं आती तो वे परेशान हो जाते हैं। अक्सर कहा भी जाता है कि डकार आने से शिशु का दूध पेट में पच गया है। अब वो मुंह से दूध नहीं निकालेगा। अगर कोई शिशु डकार न ले, तो क्या कारण हो सकते हैं और डकार दिलाने का सही तरीका क्या है, इन सभी मुद्दों पर हमने नई दिल्ली के क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के बालरोग विशेषज्ञ विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रजत ग्रोवर (Dr Rajat Grover, Senior Consultant- Pediatrician and Neonatologist at Cloudnine Group of Hospitals, Patparganj, New Delhi) से बात की।
शिशु को डकार न आने के कारण - Why Baby is not Burping in Hindi
डॉ. रजत ग्रोवर के कहा, “शिशु को डकार आना बहुत ही नेचुरल प्रक्रिया है। डकार के जरिए वे अपने पेट में फंसी हुई गैस को बाहर निकाल देते हैं। लेकिन अगर शिशु को डकार नहीं आ रही है, तो घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि ये समझना होगा कि शिशु अभी बहुत छोटा है, उसका डाइजेशन सिस्टम अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है। इसलिए कई बार डकार आती है, तो कई डकार थोड़ी देर या फिर नहीं आती। डकार न आने के कुछ ये कारण हो सकते हैं।”
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- ज्यादा हवा निगल जाना - अगर शिशु बहुत तेजी से या गलत स्थिति में दूध पीता है, तो दूध के साथ हवा को भी पेट में ले लेता है। इससे हवा पेट में जाकर शिशु को अनकंफर्टेबल कर देती है। इसलिए आसानी से डकार नहीं आती।
- कमजोर डाइजेशन सिस्टम - जन्म के बाद शिशु का डाइजेशन सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता, इस वजह से गैस रिलीज करना शिशु के लिए मुश्किल हो जाता है।
- गलत पोजीशन में ब्रेस्टफीड कराना - कई बार मां गलत पोजीशन में बैठकर शिशु को ब्रेस्टफीड करवा देती है। इससे शिशु के पेट में हवा चली जाती है और फिर ये गैस का रूप ले लेती है जो आसानी से बाहर नहीं निकलती।
- सेहत से जुड़े कारण - कई बार शिशु के पेट में सूजन, कब्ज, एसिडिटी या गैस बन जाती है, जिस वजह से डकार नहीं आता। अगर शिशु बहुत ज्यादा रोता है तो हो सकता है कि उसे डाइजेशन में कोई समस्या हो।
शिशु को डकार दिलाने का सही तरीका - How to Burp a Baby in Hindi
डॉ. रजत ग्रोवर के अनुसार, जब भी माता-पिता शिशु को डकार दिलाएं, तो कुछ सावधानियां बरतें जिससे शिशु को आसानी से डकार आ सकती है।
- शिशु को कंधे पर रखें - शिशु को सीधा पकड़कर उसका सिर कंधे पर टिका लें। इसके बाद उसकी पीठ पर धीरे-धीरे थपथपाएं। कुछ मिनट बाद शिशु के डकार की आवाज आपको सुनाई दे जाएगी।
- गोदी में बिठाकर डकार दिलाना - शिशु को गोद में बिठाकर उसके शरीर को हल्का सा आगे की तरफ झुका दें। एक हाथ से ठोडी को सहारा दे तो दूसरे हाथ से पीठ थपथपाएं, इससे भी बच्चे को आसानी से डकार आ जाएगी।
- लिटाकर पेट की मालिश करें - शिशु को पीठ के बल लिटाकर पेट पर बिल्कुल हल्के हाथ से क्लॉकवाइस (clockwise) मालिश करें।
- दूध पिलाते समय ध्यान दें - अगर बच्चा तेजी से दूध पीता है, तो उसे बीच-बीच में ब्रेक दें ताकि पेट में जा रही हवा को बाहर निकाल सके।
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डकार कितनी देर में आती है? - How Much Time Baby Take to Burp in Hindi
डॉ. रजत कहते हैं कि अक्सर पैरेंट्स का ये सवाल होता है कि डकार आने का कितने समय तक इंतजार करें, तो शिशु को दूध पीने के 5 से 10 मिनट में डकार आ जाती है। लेकिन हर बार यही समय हो जरूरी नहीं, कई बार बच्चों को इससे ज्यादा भी समय लग सकता है। अगर पेट सख्त नहीं है, तो ज्यादा टेंशन लेने की बात नहीं होती।
क्या डकार न लेने पर डॉक्टर से मिलना चाहिए? - When to Contact With Doctor in Hindi
इस बारे में डॉ. रजत ग्रोवर सलाह देते हैं कि अगर शिशु को ये समस्याएं आएं, तो डॉक्टर से जल्द से जल्द मिलें क्योंकि शिशु अपनी तकलीफ सिर्फ रोकर ही बता सकता है। डॉक्टर से चेकअप कराना जरूरी है।
- शिशु को बिल्कुल ही डकार नहीं आ रही
- दूध पीने के बाद बार-बार उल्टी करना
- पेट फूलना या सख्त होना
- शिशु का बहुत ज्यादा रोना
- ब्रेस्ट न करना
- स्टूल पास करने में दिक्कत होना या न करना
निष्कर्ष
डॉ. रजत कहते हैं कि शिशु को डकार न आना आम समस्या है, लेकिन पैरेंट्स अगर थोड़ा ध्यान देंगे तो इसका भी समाधान हो जाएगा। ब्रेस्टफीड कराते समय पोजीशन का ध्यान रखें। शिशु को दूध पिलाते समय ज्यादा लिटाकर न रखें। कंधे पर लगाकर धीरे-धीरे पीठ थपथपाएं। इन छोटे-छोटे तरीकों से शिशु के डकार न आने की समस्या कम हो जाएगी लेकिन अगर शिशु में किसी भी तरह के असामान्य लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
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