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क्या बच्चे को बिना डकार लिए सुलाना ठीक है? डॉक्टर से जानें

नवजात शिशु की देखभाल माता-पिता के लिए एक जिम्मेदार अनुभव होता है। खासकर जब बात शिशु को दूध पिलाने और सुलाने की हो, तो हर छोटा कदम मायने रखता है। यहां जानिए, क्या बच्चे को बिना डकार लिए सुलाना ठीक है?
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क्या बच्चे को बिना डकार लिए सुलाना ठीक है? डॉक्टर से जानें


जन्म के बाद पहले कुछ महीने शिशु के लिए बेहद नाजुक होते हैं। इस समय उसकी हर जरूरत, हर संकेत और हर छोटी-छोटी आदत पर पेरेंट्स को विशेष ध्यान देना पड़ता है। शिशु का पोषण, नींद, रोना, हंसना और खासकर दूध पीने के बाद की स्थिति, इन सभी पर नजर रखना जरूरी होता है। नवजात शिशु के लिए मां का दूध अमृत के समान होता है, लेकिन दूध पिलाने के बाद एक जरूरी प्रक्रिया होती है डकार दिलाना। डकार दिलाना शिशु की पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने का एक अहम तरीका है। ऐसा इसलिए, क्योंकि दूध पीते समय वह हवा भी निगल लेता है, जो पेट में गैस या बेचैनी का कारण बन सकती है। आमतौर पर मां-बाप दूध पिलाने के बाद शिशु को कंधे पर रखकर या गोद में बिठाकर डकार दिलाते हैं। लेकिन कभी-कभी शिशु दूध पीते-पीते ही गहरी नींद में चला जाता है, और बिना डकार लिए सो जाता है। ऐसे में कई पेरेंट्स के मन में यह सवाल उठता है कि क्या बच्चे को बिना डकार लिए सुलाना सही है? इससे कोई नुकसान तो नहीं होगा? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने मा-सी केयर क्लीनिक की आयुर्वेदिक डॉक्टर और स्तनपान सलाहकार डॉ. तनिमा सिंघल (Dr. Tanima Singhal, Pregnancy educator and Lactation Consultant at Maa-Si Care Clinic, Lucknow) से बात की-

क्या बच्चे को बिना डकार लिए सुलाना ठीक है? - Is It Ok To Put Baby To Sleep Without Burping

जब शिशु दूध पीता है, तो वह साथ में थोड़ी मात्रा में हवा भी निगलता है। यह हवा पेट में गैस बना सकती है, जिससे उसे बेचैनी, पेट दर्द या चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है। डकार दिलाने से यह हवा बाहर निकल जाती है, जिससे शिशु को आराम मिलता है और वह बेहतर नींद ले पाता है। यही कारण है कि डॉक्टर शिशु को दूध पिलाने के बाद डकार दिलाना जरूरी मानते हैं। कुछ नवजात शिशु जल्दी डकार लेते हैं, जबकि कुछ को डकार दिलाने में समय लगता है। वहीं, कुछ शिशु बहुत कम हवा निगलते हैं, खासकर यदि वे मां का दूध धीरे-धीरे और आराम से पीते हैं। ऐसे में कुछ मामलों में बिना डकार लिए भी शिशु को सुलाना हानिकारक नहीं होता। लेकिन यह हर शिशु पर निर्भर करता है, इसलिए सावधानी जरूरी है।

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अगर शिशु को बिना डकार दिलाए सुला दिया जाए, तो उसके पेट में हवा फंसी रह सकती है, जिससे ये समस्याएं हो सकती हैं।

  • पेट में ऐंठन या गैस
  • उल्टी या दूध वापस निकालना
  • बार-बार उठना और रोना
  • नींद की कमी और चिड़चिड़ापन
  • शिशु का वजन कम होना या दूध कम पीना

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is it ok to put baby to sleep without burping

नवजात शिशु को डकार कैसे दिलाएं? - how to burp a newborn baby after feeding

1. कंधे पर रखकर डकार दिलाएं

शिशु को अपने कंधे पर रखें और उसकी पीठ को हल्के-हल्के थपथपाएं या सहलाएं। यह सबसे सामान्य और प्रभावी तरीका है।

2. गोद में बैठाकर

शिशु को गोद में सीधा बैठाएं, उसकी ठोड़ी को अपने हाथ से सपोर्ट दें और दूसरी हाथ से पीठ सहलाएं।

3. पेट के बल गोद में रखकर

शिशु को पेट के बल अपनी गोद में रखें और पीठ सहलाएं। यह तरीका तब काम आता है जब शिशु बहुत छोटा हो।

शिशु को कितनी बार डकार दिलानी चाहिए? - how often should a baby be burped

आमतौर पर हर फीड के बाद एक बार डकार दिलाना पर्याप्त होता है। अगर शिशु ज्यादा दूध पी रहा है, तो बीच में भी एक बार डकार दिला सकते हैं।

बच्चा डकार नहीं ले तो क्या करना चाहिए? - What to do when baby is not burping

अगर 5–10 मिनट प्रयास के बाद भी डकार न आए और शिशु शांत और सहज है, तो चिंता की बात नहीं है। लेकिन अगर वह रो रहा है या गैस से परेशान है, तो स्थिति पर नजर रखें।

निष्कर्ष

शिशु को बिना डकार लिए सुलाना हर बार नुकसानदेह नहीं होता, लेकिन नवजात शिशु को डकार जरूर दिलवानी चाहिए। यह न केवल गैस और पेट दर्द से बचाता है, बल्कि शिशु की नींद और समग्र स्वास्थ्य में भी मदद करता है। माता-पिता को अपने शिशु की एक्टिविटी को समझकर यह तय करना चाहिए कि कब डकार जरूरी है और कब नहीं। किसी भी शिशु संबंधी समस्या या संदेह में अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • 0 से 6 महीने के बच्चे के लिए कौन सा दूध सबसे अच्छा है?

    0 से 6 महीने के शिशु के लिए सबसे अच्छा और संपूर्ण पोषण स्तनपान यानी मां का दूध होता है। मां के दूध में वह सभी पोषक तत्व, एंटीबॉडीज और एंजाइम्स मौजूद होते हैं जो शिशु की इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं और उसे बीमारियों से बचाते हैं। यह आसानी से पचता है और शिशु के संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास में सहायक होता है। यदि किसी कारणवश मां का दूध न मिल पाए, तो डॉक्टर की सलाह से ही फॉर्मूला दूध दे सकते हैं। लेकिन जब तक संभव हो, केवल मां का दूध ही सबसे सुरक्षित विकल्प होता है।
  • बच्चे को डकार ना आए तो क्या करें? 

    अगर दूध पिलाने के बाद बच्चे को डकार ना आए, तो घबराएं नहीं। पहले उसे कंधे पर रखकर उसकी पीठ को हल्के हाथों से थपथपाएं या सहलाएं। यदि डकार फिर भी न आए, तो शिशु को थोड़ी देर के लिए सीधा बैठाकर रखें या उसे पेट के बल अपनी गोद में लिटाकर पीठ सहलाएं। कभी-कभी बच्चों को डकार आने में समय लगता है। यदि बच्चा शांत, सहज और रो नहीं रहा है, तो बिना डकार के भी वह ठीक हो सकता है। लेकिन अगर वह बार-बार रो रहा है, गैस या उल्टी की समस्या हो रही है, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
  • बच्चों में बार-बार डकार आने का क्या कारण है?

    बच्चों में बार-बार डकार आने का कारण अक्सर पेट में गैस या हवा का अधिक मात्रा में जाना होता है, जो आमतौर पर दूध पीते समय होता है। जब शिशु जल्दी-जल्दी दूध पीता है या बोतल से दूध पिलाया जाता है, तो वह हवा भी निगल लेता है, जिससे डकार बार-बार आती है। इसके अलावा, कुछ बच्चों का पाचन तंत्र संवेदनशील होता है, जिससे गैस अधिक बनती है। यदि शिशु बार-बार डकार के साथ उल्टी, रोना या बेचैनी भी दिखा रहा है, तो ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

 

 

 

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