एक मां और बच्चे का कनेक्शन शिशु के जन्म से पहले ही जुड़ जाता है। लेकिन, जन्म के बाद से इस रिश्ते को और ज्यादा मजबूत बनाने के लिए दूध पिलाने की प्रक्रिया को बहुत अहम माना है। अपने शिशु को दूध पिलाना किसी भी मां के लिए बहुत महत्वपूर्ण काम है। यह न सिर्फ बच्चे को पोषण देने, बल्कि मां और बच्चे के रिश्ते को मजबूत बनाने में भी अहम भूमिका निभाता है। हालांकि, नई माओं को अपने शिशु को दूध पिलाना काफी मुश्किल हो जाता है। उनके लिए कई चीजें नई होती है। नई माताओं के लिए शिशु को दूध पिलाना काफी चुनौतियों से भरा होता है, इस दौरान अनजाने में वे ऐसी कई गलतियां कर देती है, जो शिशु और मां दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में आइए लखनऊ के मा-सी केयर क्लीनिक की आयुर्वेदिक डॉक्टर और स्तनपान सलाहकार डॉ. तनिमा सिंघल (Dr. Tanima Singhal, Pregnancy educator and Lactation Consultant at Maa-Si Care Clinic, Lucknow) से जानते हैं कि शिशु को दूध पिलाते समय हर न्यू मॉम को किन गलतियों से बचना चाहिए?
शिशु को दूध पिलाते समय हर न्यू मॉम करती हैं ये गलतियां - Breastfeeding Mistakes Every New Mom Should Know in Hindi
1. सही स्थिति में न बैठना
शिशु को दूध पिलाते समय सबसे पहली और जरूरी बात यह है कि मां और बच्चा दोनों को सही स्थिति में होना चाहिए। दूध पिलाने के दौरान अगर मां सही स्थिति में नहीं बैठती है तो बच्चा भी सही से दूध नहीं पी पाता है। इसी तरह, दूध पीने के दौरान शिशु को भी सही मुद्रा में होना जरूरी होता है। इसलिए, अगर शिशु को दूध पिलाने के लिए मां का शरीर झुका हुआ हो या बच्चा बहुत दूर हो, तो यह स्थिति न सिर्फ शिशु के लिए असुविधा वाली हो सकती है, बल्कि मां के भी गर्दन, पीठ और कंधों में दर्द की समस्या को बढ़ा सकती है।
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2. बच्चे का सिर दबाना
कुछ महिलाओं का मानना है कि अगर वे शिशु के सिर को हल्के हाथों से दबाते हैं तो उसे दूध पिलाने के लिए तैयार कर सकती हैं, और बच्चा आसानी से दूध पी सकता है। लेकिन ऐसा करना गलत है, शिशु के सिर को दबाना या उसे जोर से पकड़ना से शिशु को असुविधा हो सकती है और वह ठीक तरह से दूध नहीं पीता है। इसके अलावा, ऐसा करने से बच्चे को सांस लेने में मुश्किल हो सकती है। बच्चे को दूध पिलाने का सही तरीका यह है कि मां बच्चे को स्तन के पास लाकर उसकी नाक और मुंह को आराम से ब्रेस्ट के पास स्थित करें और बच्चा खुद दूध पीने के लिए तैयार हो जाता है
3. मुंह खुलने को अनदेखा करना
कई बार माताएं शिशु को दूध पिलाने के दौरान एक बड़ी गलती करती हैं, जिसमें वे उनका मुंह पूरी तरह खुलने का इंतजार भी नहीं करती हैं। लेकिन, दूध पीने से पहले अगर शिशु का मुंह पूरी तरह नहीं खुलता है तो शिशु सही तरह से दूध नहीं पी पाएगा। इस स्थिति में अक्सर नई माताएं अपने शिशु को जबरदस्ती दूध पिलाने की कोशिश करती हैं, जो शिशु को तकलीफ दे सकता है। इसलिए शिशु को दूध पिलाने से पहले उसके मुंह को हल्के से निप्पल पर लगाएं, ताकि वे मुंह पूरी तरह खोल सके।
4. चूसने की प्रक्रिया को ठीक से न रोकना
शिशु को दूध पिलाने के दौरान यह देखना बहुत जरूरी है कि दूध पिलाने की प्रक्रिया को ठीक तरह से खत्म किया जाए। कई बार मां अपने शिशु को दूध पिलाने के बाद तुरंत उसे अपने ब्रेस्ट से अलग कर देती हैं, जिससे न सिर्फ बच्चा असहज महसूस करता है, बल्कि इससे आपके ब्रेस्ट में दर्द और जलन भी महसूस हो सकती है। शिशु को दूध पिलाने का सही तरीका यह है कि मां शिशु को अपने ब्रेस्ट से धीरे-धीरे हटाए।
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5. गलत स्थिति में दूध पिलाना
नई माताओं को लगता है कि वे किसी भी स्थिति में अपने शिशु को दूध पिला सकती हैं, लेकिन ऐसा मानना पूरी तरह गलत है। गलत स्थिति में शिशु को दूध पिलाने से न सिर्फ बच्चे को परेशानी होती है, बल्कि मां के शरीर को भी प्रभावित हो सकता है। खासकर जब मां आराम की स्थिति में न बैठी हो तो यह उनके शीरर में तनाव और दर्द की समस्या को बढ़ा सकती है। शिशु को दूध पिलाने का सही तरीका यह है कि मां एक आरामदायक स्थिति में बैठे, ताकि दूध पिलाने के दौरान शिशु और मां दोनों को आरम महसूस हो सके।
निष्कर्ष
नई माताओं के लिए जरूरी है कि वे शिशु को दूध पिलाने के दौरान इन आम लेकिन बड़ी गलतियों को करने से बचें, क्योंकि ये गलतियों न सिर्फ मां के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं, बल्कि शिशु के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं।
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FAQ
छोटे बच्चों को ज्यादा दूध पिलाने से क्या होता है?
छोटे बच्चों को जरूरत से ज्यादा दूध पिलाने से उन्हें कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें पाचन से जुड़ी समस्याएं भी शामिल हैं। इसके अलावा, ज्यादा दूध पीने से बच्चा खाना कम खाता है, जिससे उसमें पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।बच्चे को रात में कितनी बार दूध पिलाना चाहिए?
नवजात शिशुओं को रातभर में कम से कम 3 से 5 बार दूध पिलाने की जरूरत होती है। हालांकि जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, उनके दूध पीने की जरूरत कम होने लगती है, क्योंकि वे रात में देर तक सोने लगते हैं।नवजात शिशु के लिए सबसे अच्छा दूध कौन सा है?
जन्म के बाद से शुरू के 6 महीने तक शिशु के लिए मां के दूध को ही सबसे अच्छा माना जाता है, जो बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है।