What Causes Periods In 15 Days In Hindi: पीरियड्स के बाद अक्सर महिलाओं को स्पॉटिंग हो जाती है। यह किसी तरह की बीमारी नहीं है। कभी-कभी ऐसा स्ट्रेस या ओवर वेट होने के कारण होता है। कुछ समय बाद यह समस्या अपने आप ठीक भी हो जाती है। लेकिन, अगर किसी महिला को पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग होने लगती है या 15 दिनों में पीरियड्स आते हैं, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। इस कंडीशन को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। आपको बता दें कि पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग होना कई तरह की बीमारियों की ओर इशारा करता है। आप भी इनके बारे में जानकर, अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं। अगर आप भी ऐसी महिला हैं, जिसे पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग (periods ke beech bleeding in english) होती है, तो इस लेख को पूर पढ़ें।
15 दिन में पीरियड आने का क्या कारण हो सकता है- What Causes Periods In 15 Days In Hindi
हार्मोनल स्तर में बदलाव- Changes In Hormone Levels
हार्मोनल बदलाव होने के कारण अक्सर महिलाओं को पीरियड्स के बाद स्पॉटिंग होती है। ऐसा ज्यादातर पीरियड्स होने के 10 से 14 दिनों के बाद होता है। वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं, "पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग होने के पीछे असल वजह एस्ट्रोजन के स्तर में कमी होना हो सकता है। आपको बता दें कि एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में कमी के कारण अन्य हार्मोन के स्तरों में भी कमी हो जाती है, जिससे स्ट्रेस का स्तर बढ़ जाता है। यही कारण है कि कभी-कभी दो पीरियड्स के बीच महिला do periods ke beech bleeding hoti hai) को ब्लीडिंग होने लगती है।"
इसे भी पढ़ें: समय से पहले या देर से पीरियड्स होने के 7 कारण, जानें क्यों अनियमित हो जाती है माहवारी
हार्मोनल कंट्रासेप्शन पिल्स लेना- Use Of Hormonal Contraception
डॉ. शोभा गुप्ता के अनुसार, "कई बार महिलाओं को पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग इसलिए होती है, क्योंकि वे हार्मोनल कंट्रासेप्शन लेती हैं। कंट्रासेप्शन लेने की वजह से हार्मोन के स्तर में तेजी से गिरावट आ जाती है। नतजीतन महीने में दो बार पीरियड्स होने लगते हैं। हालांकि, इस तरह की स्थिति में 6 माह के भीतर सुधार आ जाता है। अगर आपके साथ ऐसा न हो, तो डॉक्टर के पास जाएं।"
योनि में इंफेक्शन के कारण- Vaginal Infection
अगर महिला को वजाइनल, सर्विक्स या यूट्रस इंफेक्शन है, तो भी इस स्थिति में महीने में दो बार पीरियड्स हो सकते हैं। डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं, "सर्विक्स या यूट्रस इंफेक्शन का कारण क्लैमाइडिया और गोनोरिया हो सकता है। इसके अलावा, यीस्ट इंफेक्शन, वजाइनल थ्रश और वजाइनल इरिटेशन भी योनि में संक्रमण का कारण बन सकते हैं।"
इसे भी पढ़ें: क्या महीने में दो बार पीरियड्स आना नॉर्मल है? डॉक्टर से जानें सही जवाब
एंडोमेट्रियोसिस का होना- Endometriosis
कभी-कभी एंडोमेट्रियोसिस के कारण भी महीने में दो बार ब्लीडिंग हो जाती है। एंडोमेट्रियोसिस गर्भाशय में होने वाली एक समस्या है। आपको बता दें कि एंडोमेट्रियोसिस की वजह से पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं, कभी-कभी ब्लीडिंग हैवी हो सकती है और कभी-कभी ब्लीडिंग नहीं भी होती है। यह गंभीर समस्या है। इसकी अनदेखी करना सही नहीं है। एंडोमेट्रियोसिस के बारे में पता चलते ही महिला को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के दौरान- Fertility Treatments
फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के दौरान भी महिला को एक महीने में दो बार पीरियड्स हो सकते हैं। डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं, "आमतौर पर आईवीएफ ट्रीटमेंट के प्रोसेस के दौरन फर्टिलिटी ट्रीटमेंट करवाया जाता है। इस स्थिति में महिला को लाइट ब्लीडिंग से लेकर हैवी ब्लीडिंग होने तक की समस्या हो सकती है। हालांकि, फर्टिलिटी ट्रीटमेंट में हैवी ब्लीडिंग होना सही नहीं है। आप ऐसा कुछ नोटिस करें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।"
Image Credit: Freepik