Doctor Verified

दो सप्ताह में पीरियड्स आने के क्या कारण हो सकते हैं? डॉक्टर से जानें

Causes Of Periods In 15 Days In Hindi: क्या महीने में 2 बार या 15-15 दिन में पीरियड आना सामान्य है? चलिए डॉक्टर से जानते हैं..
  • SHARE
  • FOLLOW
दो सप्ताह में पीरियड्स आने के क्या कारण हो सकते हैं? डॉक्टर से जानें


Causes Of Periods In 15 Days In Hindi: महिलाओं को पीरियड्स से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई महिलाओं को महीने में 2 बार पीरियड होते हैं। उनकी मेंस्ट्रुअल साइकिल 15 दिन की हो जाती है, जो कि आमतौर पर 22 से 38 दिन के बीच होती है। लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? कुछ महिलाओं को जल्दी या 15-15 दिन में पीरियड्स क्यों आते हैं? इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ, लेप्रोस्कोपिक सर्जन और प्रजनन विशेषज्ञ डॉ. वैशाली शर्मा से बात की। उनकी मानें, तो 15-15 दिन में पीरियड होना किसी गंभीर स्थिति का संकेत हो सकते हैं, इसलिए अगर किसी महिला को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि यह इसके उनके स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। इस लेख में हम आपको इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं...

Causes Of Periods In 15 Days In Hindi

15 दिन में पीरियड आने से क्या नुकसान हो सकते हैं- Side Effects Of Periods In 15 Days In Hindi

  • इससे महिलाओं में खून की कमी देखने को मिल सकती है। जिसके कारण उन्हें थकान, सिरदर्द, कमजोरी, चक्कर आना, सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • यह महिलाओं की ओव्यूलेशन को प्रभावित कर सकता है। साथ ही, उनके लिए ओव्यूलेशन को ट्रैक करना भी मुश्किल हो सकता है।
  • इससे गर्भधारण में दिक्कतें आ सकती हैं।

इसे भी पढ़ें:  बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने के बाद भी पीरियड मिस क्यों होते हैं? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर

15 दिन में पीरियड आने के कारण- Causes Of Periods In 15 Days In Hindi

  • कभी-कभी गर्भाशय में छोटी गांठ, जिसे फॉलिक कहते हैं जल्दी पीरियड्स आने का कारण बन सकती है। यह जल्दी ब्लीडिंग कराने में योगदान दे सकती है। यह महीने में 2 बार से अधिक बार भी ब्लीडिंग करा सकता है। इन गांठों को एंडोमेट्रियम फोलिक भी कहा जाता है। इसका इलाज सर्जरी की मदद से किया जाता है।
  • इसके अलावा, अगर किसी महिला के गर्भाशय में फाइब्रॉएड है, तो इसके कारण भी उन्हें महीने में 2 पीरियड आ सकते हैं।
  • ओवरी में कोई सिस्ट या गांठ है, तो इसके कारण बार-बार हार्मोन्स का संतुलन प्रभावित होता है। यह मेंस्ट्रुअल साइकिल को प्रभावित कर सकते हैं और बार-बार पीरियड्स का कारण बन सकते हैं।

इसे भी पढ़ें: पीरियड पैंटीज को कैसे साफ करना चाहिए? जानें सही तरीका

डॉक्टर के पास कब जाएं?

डॉ. वैशाली की मानें, तो हर बार जल्दी पीरियड्स होना चिंता का विषय नहीं है, लेकिन अगर लगातार कोई महिला इस स्थित का सामना कर रही है, तो उन्हें जरूर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। साथ ही, कुछ अन्य लक्षण दिखने पर भी आपको डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए जैसे,

  • पेट के निचले हिस्से में दर्द
  • पीरियड के दौरान हैवी ब्लीडिंग
  • ब्लीडिंग के दौरान स्पॉट
  • यौन संबंध बनाते समय दर्द महसूस होना
  • पीरियड्स के दौरान सामान्य से अधिक दर्द/li>
  • ब्लीडिंग के दौरान काले थक्के नजर आना

All Image Source: Freepik

Read Next

फोरमिल्क और हिंडमिल्क में क्या अंतर होता है? डॉक्टर से जानें दोनों के फायदे

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version