Difference Between Foremilk and Hindmilk Doctor Explains: जब भी कोई महिला बच्चे को दूध पिलाती है तो उसे ब्रेस्टफीडिंग कहा जाता है। जब महिलाएं शुरुआत में ब्रेस्टफीडिंग करवाती हैं, तो 15 से 20 मिनट करके छोड़ देती हैं। महिलाओं को लगता है कि 20 मिनट ब्रेस्टफीडिंग करवाने से बच्चे का पेट भर जाता है और वह अच्छा महसूस करते हैं। लेकिन ज्यादातर ब्रेस्टफीड करवाने वाली महिलाओं का शिकायत होती है, स्तन का दूध पिलाने के बावजूद उनके बच्चे का वजन नहीं बढ़ रहा है। बच्चे के शरीर का फैट और वेट नहीं बढ़ रहा है। अगर आपको भी इस बात की शिकायत है तो इसकी वजह होगी तो फोरमिल्क। दरअसल, ब्रेस्ट मिल्क में आमतौर पर दो हिस्सों में बांटा गया है पहला है फोरमिल्क और दूसरा हाइंडमिल्क। फोरमिल्क और हाइंडमिल्क क्या अंतर होता है और इससे शिशु की सेहत पर क्या असर पड़ता है इस विषय पर जानकारी दे रही हैं गायानाकॉलोजिस्ट डॉ. तान्या गुप्ता।
फोरमिल्क और हाइंडमिल्क में क्या अंतर होता है?- What is the difference between foremilk and hindmilk?
डॉ. तान्या ने अपने इंस्टाग्राम पर फोरमिल्क और हाइंडमिल्क के बीच क्या अंतर होता है और यह शिशु के लिए कैसे फायदेमंद होता है इस विषय पर एक वीडियो साझा किया है। डॉ. तान्या के अनुसार, जब कोई महिला बच्चे को स्तनपान करवाना शुरू करती है और शुरुआत में जो दूध निकलता है उसे फोरमिल्क कहा जाता है। यह दूध सामान्य गाय या भैंस के दूध के मुकाबले ज्यादा पतला होता है। दरअसल, फोरमिल्क में पानी की मात्रा ज्यादा पाई जाती है। इसमे फैट ना के बराबर ही पाया जाता है। स्तनपान जैसे-जैसे आगे बढ़ती जाती है, स्तन के दूध का फैट की मात्रा ज्यादा होती चली जाती है। लेकिन इसकी सप्लाई धीमी हो जाती है। इसे हाइंडमिल्क के नाम से जाना जाता है। फोरमिल्क और हाइंडमिल्क के बीच मुख्य अंतर यह है कि इसमें फैट की मात्रा कम और ज्यादा होती है।
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डॉ. तान्या के अनुसार, जब शिशु को 10 से 15 के लिए स्तनपान करवाया जाता है, तो उसे सिर्फ फोरमिल्क यानि की कम फैट वाला ही दूध ही उसे मिलता है। इसके विपरीत जब शिशु आधे घंटे से ज्यादा समय के लिए स्तनपान करता है तो उसे हाइंड मिल्क यानी की ज्यादा फैट वाला मिल्क भी मिलता है।
क्या महिला के स्तनों में 2 तरह का दूध पाया जाता है?
डॉ. तान्या के अनुसार, महिलाओं के स्तनों में सिर्फ एक ही प्रकार का दूध होता है। जिसमे फैट की मात्रा ज्यादा पाई जाती है। लेकिन स्तनों से जब दूध की सप्लाई रिलीज होती है तो यह 2 हिस्सों में बंट जाती है। स्तनपन की प्रक्रिया जैसे-जैसे आगे बढ़ती चली जाती है, दूध में फैट की मात्रा भी धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। जब स्तनों में दूध का उत्पादन होता है, तब ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद फ्लैट ग्लोबल्स एक दूसरे से और अल्वेओली वाल्स से चिपक जाते हैं।
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जानकारी के लिए बता दें कि स्तनों में इसी जगह पर दूध का उत्पादन होता है। दूध ब्रेस्ट में इकट्ठा हो जाता है और निप्पल के माध्यम से धीरे-धीरे बाहर निकलता है और ब्रेस्टफीडिंग सेशन के बीच-बीच में फैट कंटेंट पीछे रह जाता है।
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