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प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं के लिए क्यों जरूरी होता है जिंक? जानें इसके बेस्ट सोर्स

Pregnant And Lactating Women Need More Zinc: प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं को ज्यादा मात्रा में जिंक युक्त आहार का सेवन करने की सलाह दी जाती है। आइए डॉक्टर से जानते हैं इसके बारे में।  
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प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं के लिए क्यों जरूरी होता है जिंक? जानें इसके बेस्ट सोर्स


Why Pregnant And Lactating Women Need More Zinc: मां बनाना एक खूबसूरत और प्यारा एहसास है। लेकिन प्रेग्नेंसी, डिलीवरी और उसके बाद ब्रेस्टफीडिंग की यात्रा हर महिला के लिए बहुत कठिन होती है। यह वह समय है जब महिलाओं को न केवल अपना ख्याल रखना होता है बल्कि अपने नवजात शिशु की भी देखभाल करनी होती है। ऐसे में खानपान का ध्यान रखना बहुत ज्यादा जरूरी हो जाता है। प्रेग्नेंसी और उसके बाद ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को जिंक का सेवन जरूर करने की सलाह दी जाती है। प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं के लिए जिंक क्यों जरूरी है और सप्लीमेंट के अलावा जिंक के नेचुरल सोर्स क्या हैं इसकी जानकारी दे रही हैं बेंगलुरू स्थित एस्टर सीएमआई अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रमुख सलाहकार डॉ. एन सपना लुल्ला।

प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीड करवाने वाली महिलाओं को क्यों करना चाहिए ज्यादा जिंक का सेवन? - Why Pregnant And Lactating Women Need More Zinc In Their Diet

डॉ.लुल्ला के अनुसार, जिंक एक महत्वपूर्ण खनिज है जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है। जिंक प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भ में पल रहे भ्रूण के विकास में मदद करता है। वहीं, स्तनपान करवाने वाली महिलाएं जब जिंक का सेवन करती हैं, तो इससे रिकवरी तेजी से करने में मदद मिलती है। डॉक्टर के अनुसार, "गर्भावस्था के दौरान जिंक की मांग काफी बढ़ जाती है, क्योंकि यह डीएनए संश्लेषण, कोशिका विभाजन और भ्रूण के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिंक की कमी से मां और भ्रूण में पल रहे बच्चे के विकास पर असर पड़ सकता है।"

भ्रूण के विकास में मिलती है मदद: भ्रूण के विकास के लिए पर्याप्त जिंक का स्तर आवश्यक है। जिंक बच्चे के डीएनए के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और जीन अभिव्यक्ति को विनियमित करने, अंगों और ऊतकों के विकास को प्रभावित करने और जन्म के समय कम वजन को रोकने में मदद करता है।

इम्यूनिटी को बनाता है मजबूत : प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादातर महिलाओं की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। अगर प्रेग्नेंट महिलाएं पर्याप्त मात्रा में जिंक का सेवन करती हैं, तो इम्यूनिटी स्ट्रांग बनती है।

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जन्म दोषों की रोकथाम: जन्मजात असामान्यताओं को रोकने के लिए जिंक महत्वपूर्ण है। जिंक की कमी को विकासशील भ्रूण में न्यूरल ट्यूब दोष और अन्य संरचनात्मक कमियों से जोड़कर देखा जाता है। यही वजह है प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा मात्रा में जिंक खाने की सलाह दी जाती है।

संज्ञानात्मक विकास: मस्तिष्क के समुचित विकास के लिए पर्याप्त जिंक का सूत्र महत्वपूर्ण है। जिंक की कमी की वजह से गर्भ में पलने वाले शिशु का मानसिक विकास कम हो सकता है। जिसका असर बच्चे के सीखने और काम करने की क्षमता पर पड़ता है। एक्सपर्ट के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं द्वारा जिंक का सेवन न करने या कम करने की वजह से बच्चे की सोचने की क्षमता भी कम हो सकती है।

बिगड़ सकता है प्लेसेंटा का काम : प्लेसेंटा, जो भ्रूण को पोषण देता है। यह मुख्य रूप से जिंक से ही जुड़ा हुआ है। प्रेग्नेंट महिलाओं के शरीर में जिंक की कमी गर्भनाल के स्वास्थ्य और कार्य को प्रभावित करती है। जिससे विकासशील बच्चे को मिलने वाले पोषक तत्व और ऑक्सीजन संभावित रूप से सीमित हो सकते हैं।

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प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग महिलाओं को कितना जिंक लेना चाहिए?

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के अनुसार, एक वयस्क महिला को रोजाना 8 मिलीग्राम  जिंक का सेवन जरूर करना चाहिए। वहीं, जब बात प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग की हो तो जिंक की जरूरत और भी ज्यादा बढ़ जाती है। एनआईएच के मुताबिक, प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को रोजाना 11 से 12 मिलीग्राम का सेवन करना चाहिए।

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जिंक से भरपूर हैं ये फूड्स -Zinc Rich Natural Food Source

डॉक्टर के अनुसार, प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाएं जिंक की कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट का सहारा लेते हैं। लेकिन जिंक के लिए सप्लीमेंट से बेहतर पौष्टिक खाद्य पदार्थ होते हैं। इन खाद्य पदार्थों को सही अनुपात में आहार में शामिल करके मा और बच्चे दोनों को स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। आइए जानते हैं जिंक के नेचुरल सोर्स के बारे में।

  • फलियां (दाल, सेम, चना)
  • मेवे और बीज (कद्दू के बीज, बादाम, काजू)
  • साबुत अनाज (दलिया, क्विनोआ, भूरा)
  • लाल मांस (गोमांस, भेड़ का बच्चा)
  • पोल्ट्री (चिकन, टर्की), और अंडे

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डॉ. लुल्ला के अनुसार, जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थों को संतरे, टमाटर और बेल मिर्च जैसे विटामिन सी से भरपूर फलों और सब्जियों के साथ मिलाकर खाना चाहिए। विटामिन सी युक्त चीजों के साथ जिंक युक्त चीजों को खाने से यह अवशोषण को बढ़ाती है। उम्मीद करते हैं इस लेख को पढ़ने के बाद अपनी रेगुलर डाइट में जिंक को जरूर शामिल करेंगे।

All Image Credit: Freepik.com

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