Causes Of Depression During Periods In Hindi: पीरियड्स के दौरान कई तरह की परेशानियां होती हैं, जैसे पेट में दर्द, पीठ दर्द, मूड स्विंग, कुछ खाने की क्रेविंग होना या किसी से बात न करने का मन करना। पीरियड्स खत्म होने के साथ-साथ इस तरह की सभी समस्याएं अपने आप खत्म हो जाती हैं। हालांकि, कुछ महिलाओं को इससे ज्यादा परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। इसमें बार-बार गुस्सा आना और चिड़चिड़ा होना भी शामिल हैं। कुछ महिलाएं यहां तक कि शिकायत करती सुनी जाती हैं कि पीरियड्स के दौरान उन्हें डिप्रेशन और स्ट्रेस जैसा महसूस होता है। सवाल है, क्या वाकई ऐसा होता है या फिर सिर्फ मूड स्विंग को डिप्रेशन समझ लिया जाता है। इस बारे में वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से विस्तार से जानते हैं।
क्या पीरियड्स के दौरान डिप्रेशन महसूस होता है?- Causes Of Depression During Periods In Hindi
आमातौर पर ओव्यूलेशन के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में तेजी से गिरावट आती है। यह महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हार्मोन होता है। यह महिलाओं के लिए सेक्स हार्मोन होता है। इसके अलावा, महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन भी होता है। ओव्यूलेशन के बाद इस हार्मोन के स्तर में भी कमी नोटिस की जाती है। विशेषज्ञों की मानें, तो इन दोनों ही हार्मोन का हमारे ब्रेन पर काफी गहरा असर पड़ता है। यह हार्मोन ब्रेन केमिकल न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित करता है। नतीजतन, डोपामाइन और सेरोटोनिन हार्मोन के स्तर में भी गिरावट होने लगती है। ये दोनों ऐसे हार्मोन हैं, जिसके स्तर में कमी होने के कारण उदासी, एंग्जाइटी, चिड़चिड़ापन, नींद में कमी और फूड क्रेविंग जैसी समस्याएं होने लगती हैं। यही कारण है कि कुछ महिलाओं को पीरियड्स में डिप्रेश्न या स्ट्रेस जैसा फील होता है।
इसे भी पढ़ें: क्या पीरियड्स से पहले आपको भी होती है एंग्जाइटी? जानें इससे छुटकारा पाने के आसान उपाय
पीरियड्स में हो रहे डिप्रेशन से कैसे निपटें- Tips To Manage Depression During Periods In Hindi
पीरियड्स के दौरान हो रहे डिप्रेशन से निपटे के लिए कुछ टिप्स को फॉलो कर सकते हैं-
- नियमि रूप से एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज करने से फील गुड हार्मोन रिलीज होते हैं, जो डिप्रेसिव मूड में सुधार कर सकते हैं। यही नहीं, एक्सरसाइज करने से ब्लड फ्लो बेहतर होता है। ऐसे में पीरियड्स के दौरान हो रही ब्लीडिंग भी आसानी से हो जाती है और शारीरिक समस्याओं में भी कमी होने लगती है।
- एक्सरसाइज के अलावा, महिलाएं योगा भी कर सकती हैं। योगा की मदद से महिलाओं को अपनी शारीरिक समस्याओं से निपटने में मदद मिलती है। यहां तक कि योग की मदद से पीरियड क्रैंप्स खत्म होते हैं और बॉडी रिलैक्स फील करती है।
- पीरियड्स के दौरान एसी चीजों से दूर रहें, जिससे स्ट्रेस या एंग्जाइटी बढ़ती है। इसका मतलब है कि अगर घर या दफ्तर से जुड़ी कोई परेशानी है, तो कुछ दिनों के लिए उसे टाल दें। आप चाहें, तो किसी मदद से अपनी परेशानी को हल करने की कोशिश करें।
- अपनी डाइट में हेल्दी चीजें शामिल करें। पीरियड्स के दिनों में चिप्स या अनहेल्दी चीजों से दूर रहें। ऐसी चीजों की वजह से पीरियड्स में परेशानी आ सकती है। इसके बजाय, मौसमी फल और सब्जियां खाएं। इससे पीरियड्स से जुड़ी परेशानियां कम होती हैं और माहवारी नियमित भी होती हैं।
All Image Credit: Freepik
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version