आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल और बिगड़े खान-पान के कारण लोग कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में अगर आप सेहतमंद और फिट रहना चाहते हैं तो अपनी डाइट में पौष्टिक फूड्स को शामिल जरूर करें। गेहूं का चोकर, एक ऐसा ही पौष्टिक तत्व है जो हमारी सेहत के लिए बेहद लाभकारी है। गेहूं का चोकर, अक्सर प्रोसेसिंग के दौरान अलग कर दिया जाता है। वहीं जो लोग चक्की पर आटा पिसवाते हैं वे गेहूं के चोकर को आटे से छानकर अलग फेंक देते हैं, जो कि बिलकुल गलत है। बता दें कि गेहूं का चोकर फाइबर से भरपूर होता है और कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकता है। फाइबर से भरपूर होने के कारण यह पाचन तंत्र को सुधारने और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से बात की है।
गेहूं का चोकर खाने के फायदे
1. गेहूं के चोकर का नियमित सेवन करने से वजन कंट्रोल और कम करने में मदद मिलती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह पेट को भरा हुआ महसूस कराता है और अधिक खाने की इच्छा यानी ओवरईटिंग को कम करता है।
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2. डायबिटीज के मरीजों के लिए भी गेहूं का चोकर फायदेमंद हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसमें मौजूद हाई फाइबर ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल रखने में सहायक होता है।
3. चोकर आंतों में अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देते हैं। यह पाचन को सुधारता है और आंतों की समस्याओं को दूर रखता है।
4. गेहूं का चोकर हार्ट हेल्थ के लिए भी अच्छा माना जाता है। इसमें पाए जाने वाले फाइबर कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा कम हो सकता है।
5. गेहूं का चोकर फाइबर से भरपूर होता है, इसलिए यह आंतों को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।
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चोकर न खाने के नुकसान
डॉक्टर श्रेय ने बताया कि आजकल जो लोग गेहूं को चक्की में पिसवाकर आटा बनवाते हैं वह घर में आटे को छानकर इस्तेमाल करते हैं, जो कि एक गलत आदत है। डॉक्टर ने बताया कि जब मरीज उनके पास यूरिक एसिड और खराब लिपिड प्रोफाइल जैसी समस्याएं लेकर आते हैं तो उनसे बात करने पर पता चलता है कि ज्यादातर लोग बिना चोकर वाले आटे की रोटियां ही खाते हैं। डॉक्टर ने बताया कि जो लोग चोकर नहीं खाते हैं उन्हें कब्ज की समस्या के साथ बदहजमी और पेट फूलने की शिकायत भी हो सकती है। इसके साथ ही डॉक्टर का कहना है कि चोकर न खाने के कारण लोगों को पेट भरने का एहसास देर से होते हैं, ऐसे में कई बार लोग अपनी भूख और शरीर की जरूरत से ज्यादा भोजन कर लेते हैं, जिसका सेहत पर बुरा असर हो सकता है।
निष्कर्ष
गेहूं के चोकर के नियमित सेवन से न केवल पाचन तंत्र में सुधार होता है बल्कि हार्ट हेल्थ, डायबिटीज मैनेजमेंट और वेट मैनेजमेंट में भी मदद मिलती है। ध्यान रखें कि किसी भी नए आहार को शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।