International Childhood Cancer Day: अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस मनाने का उद्देश्य बच्चों में होने वाले कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाना और शुरुआती पहचान के महत्व को समझाना है। कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन अगर इसे शुरुआती चरण में ही पहचान लिया जाए, तो इसका सफल इलाज संभव है। बचपन में होने वाले कैंसर में ब्लड कैंसर (ल्यूकेमिया), ब्रेन ट्यूमर, लिम्फोमा, न्यूरोब्लास्टोमा और बोन कैंसर जैसे प्रकार सबसे ज्यादा देखने को मिलते हैं। बच्चों में कैंसर के शुरुआती लक्षण कई बार सामान्य बीमारियों जैसे ही दिखते हैं, जिससे माता-पिता इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। इस लेख में आकाश हेल्थकेयर के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रोशन दीक्षित (Dr. Roshan Dikshit, Senior Consultant, Haematology & Bone Marrow Transplant, Aakash Healthcare) से जानिए, बचपन में होने वाले कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?
बचपन में होने वाले कैंसर के शुरुआती लक्षण - What Are The Early Signs Of Cancer In Children
आकाश हेल्थकेयर के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रोशन दीक्षित बताते हैं कि बच्चों में कैंसर एक गंभीर लेकिन दुर्लभ बीमारी है। हालांकि, यदि इसका समय पर पता चल जाए, तो कैंसर का इलाज संभव है। अक्सर माता-पिता साधारण बीमारियों और कैंसर के लक्षणों में फर्क नहीं कर पाते, जिससे बीमारी बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं बच्चों में कैंसर के 8 शुरुआती लक्षण और उन्हें पहचानने के तरीके।
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1. बच्चे का बिना किसी कारण के पीला दिखना
अगर बच्चा सामान्य से ज्यादा पीला (Pale) दिखने लगे, तो यह शरीर में खून की कमी (Anemia) या ब्लड कैंसर (Leukemia) का संकेत हो सकता है। कैंसर की वजह से रेड ब्लड सेल्स का उत्पादन प्रभावित होता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप, त्वचा पीली पड़ने लगती है और बच्चा अक्सर कमजोरी महसूस करता है। अगर यह लक्षण लंबे समय तक बना रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
2. नाक या मुंह से खून आना
अगर बच्चे की नाक या मसूड़ों से बार-बार खून निकलता है, तो यह रक्त संबंधी कैंसर (Blood Cancer symptoms) का संकेत हो सकता है। ल्यूकेमिया के कारण शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है, जिससे खून का थक्का (Clot) बनने में दिक्कत होती है और हल्की चोट या बिना किसी कारण के खून बहने लगता है। अगर बच्चा बार-बार इस समस्या का शिकार हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।
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3. वजन कम होना और भूख न लगना
अगर बच्चा बिना किसी कारण के तेजी से वजन खो रहा है और भूख भी कम हो गई है, तो यह गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। कैंसर कोशिकाएं शरीर की एनर्जी तेजी से खत्म करती हैं, जिससे बच्चे का विकास रुक जाता है और वह कमजोर दिखने लगता है। अगर बच्चा सामान्य मात्रा में खाना नहीं खा रहा है और उसकी शारीरिक ऊर्जा में लगातार गिरावट आ रही है, तो इसे हल्के में न लें।
4. बिना किसी कारण के लंबे समय तक बुखार रहना
अगर बच्चे को बार-बार या लगातार बुखार बना रहता है, तो यह भी कैंसर का संकेत हो सकता है। खासतौर पर रात में बुखार आना और ज्यादा पसीना आना ल्यूकेमिया या लिम्फोमा जैसे रक्त कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। अगर बच्चा किसी संक्रमण के बिना भी बार-बार बीमार पड़ रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
5. गर्दन, छाती, बगल या कमर में सूजन
अगर बच्चे की गर्दन, छाती, बगल या कमर में कोई गांठ या सूजन दिखाई दे रही है, तो यह लिम्फोमा (What are the warning signs of lymphoma) या अन्य कैंसर का संकेत हो सकता है। इस तरह की सूजन अक्सर दर्द रहित होती है, लेकिन धीरे-धीरे बढ़ सकती है। अगर बच्चा सूजन को लेकर किसी तरह की तकलीफ महसूस करता है या यह सूजन लगातार बनी रहती है, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।
6. आंखों के पास सफेद या लाल धब्बे
अगर बच्चे की आंखों में असामान्य सफेद या लाल धब्बे दिखाई दें या रात में आंखों की रोशनी कम होने लगे, तो यह रेटिनोब्लास्टोमा (Retinoblastoma) नामक कैंसर का संकेत हो सकता है। माता-पिता को बच्चे की आंखों में होने वाले बदलावों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अगर आंखों की पुतलियों में कोई असामान्य चमक या रंग परिवर्तन दिखाई दे, तो नेत्र विशेषज्ञ से तुरंत परामर्श करें।
7. हड्डियों या जोड़ों में दर्द और लंगड़ाकर चलना
अगर बच्चा हड्डियों में दर्द की शिकायत करता है, खासतौर पर रात के समय या बिना किसी स्पष्ट कारण के लंगड़ाकर चलने लगता है, तो यह बोन कैंसर या ब्लड कैंसर का संकेत हो सकता है। माता-पिता को ध्यान रखना चाहिए कि यह दर्द अगर लंबे समय तक बना रहता है और कोई चोट नहीं लगी है, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
8. शरीर पर असामान्य चोट या निशान
अगर बच्चे के शरीर पर बिना चोट लगे नीले या लाल धब्बे (Bruises) बनने लगें, तो यह ब्लड कैंसर का लक्षण हो सकता है। ल्यूकेमिया के कारण ब्लड सेल्स सही तरीके से काम नहीं कर पाते, जिससे शरीर पर अजीब तरह के निशान पड़ने लगते हैं। यह संकेत प्लेटलेट्स की कमी की ओर इशारा कर सकता है, जिससे खून जमने की प्रक्रिया बाधित हो जाती है।
क्या करें अगर ये लक्षण दिखाई दें?
अगर माता-पिता को अपने बच्चे में उपरोक्त कोई भी असामान्य लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। कैंसर का जल्दी पता चलने से इलाज आसान और सफल हो सकता है। कई बार माता-पिता इन लक्षणों को सामान्य स्वास्थ्य समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे बीमारी गंभीर हो सकती है।
निष्कर्ष
बचपन में कैंसर के शुरुआती लक्षणों की पहचान करना बहुत जरूरी है। माता-पिता को अपने बच्चे की सेहत पर विशेष ध्यान देना चाहिए और यदि कोई भी असामान्य लक्षण 2-3 सप्ताह से ज्यादा समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। समय पर जांच और सही इलाज से कैंसर को हराया जा सकता है।
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