हर साल 15 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य बच्चों में होने वाले कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उनके समय पर निदान और उपचार को प्रोत्साहित करना है। हालांकि बच्चों में कैंसर के मामले वयस्कों की तुलना में कम होते हैं, लेकिन यह एक गंभीर समस्या है जो न केवल बच्चे बल्कि उनके परिवार के लिए भी चुनौतीपूर्ण होती है। कैंसर की प्रारंभिक पहचान और समय पर उपचार से बचाव और इलाज संभव है। बच्चों में कैंसर के शुरुआती लक्षण अक्सर आम बीमारियों से मिलते-जुलते होते हैं, जिससे इसका समय पर पहचान कर पाना मुश्किल हो सकता है। इस लेख में डॉ. अमित उपाध्याय, कंसल्टेंट, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, पीएसआरआई अस्पताल (Dr. Amit Upadhyay, Consultant, Medical Oncology, PSRI Hospital) से जानिए, बच्चों में कौन से कैंसर आम हैं और इन्हें कैसे पहचानें?
बच्चों में किस प्रकार का कैंसर सबसे आम है? - What Is The Most Common Cancer In Children
डॉ. अमित उपाध्याय बताते हैं कि सामान्यतया 0 से 14 साल के बच्चों में कैंसर के केस देखे जाते हैं। बच्चों में ब्रेन कैंसर और ब्लड कैंसर कॉमन है। ब्लड कैंसर में भी ल्यूकेमिया, लिम्फोमा ये सबसे कॉमन है और जो कैंसर हो सकते हैं उनमें सारकोमा और न्यूरोब्लास्टोमा हैं जो एक तरह का नर्वस सिस्टम का कैंसर है।
1. ब्रेन कैंसर - Brain Cancer
बच्चों में ब्रेन कैंसर एक सामान्य प्रकार का कैंसर है। यह बच्चों के मस्तिष्क और नसों को प्रभावित करता है। ब्रेन कैंसर की विभिन्न किस्में हो सकती हैं, जैसे कि ग्लियोमा, ब्रेन ट्यूमर आदि। यह कैंसर बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास को प्रभावित कर सकता है।
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2. ब्लड कैंसर - Blood Cancer
ब्लड कैंसर बच्चों में आम तौर पर दो प्रमुख रूपों में होता है- ल्यूकेमिया और लिम्फोमा।
ल्यूकेमिया - Leukemia: यह रक्त कैंसर का एक प्रकार है, जिसमें रक्त की कोशिकाएं असामान्य तरीके से बढ़ने लगती हैं। इसमें एक्यूट लिंफोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (ALL) और एक्यूट मायलोजेनस ल्यूकेमिया (AML) ज्यादा सामान्य हैं।
लिम्फोमा - Lymphoma: यह कैंसर लिम्फ नोड्स, स्लीप, और अन्य अंगों को प्रभावित करता है। इसमें हॉजकिन और नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा शामिल हैं।
सारकोमा - Sarcoma: यह एक प्रकार का कैंसर है जो हड्डियों, मांसपेशियों, और अन्य संयोजी ऊतकों में होता है। इस प्रकार का कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में उत्पन्न हो सकता है और यह बच्चों में अपेक्षाकृत आम होता है।
न्यूरोब्लास्टोमा - Neuroblastoma: यह नर्वस सिस्टम से जुड़ा हुआ कैंसर है, जो बच्चों में अक्सर एड्रीनल ग्लैंड्स, पेट, और गले में पाया जाता है। यह कैंसर विशेष रूप से छोटे बच्चों में अधिक पाया जाता है।
बच्चों में कैंसर के सामान्य लक्षण - What Are The Symptoms Of Cancer In A Child
कैंसर के लक्षण बच्चों में विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं, जो उम्र और कैंसर के प्रकार के अनुसार बदलते रहते हैं। हालांकि कुछ लक्षण सामान्य होते हैं, जिनका पता चलते ही माता-पिता को सतर्क हो जाना चाहिए।
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1. विकास में रुकावट
बच्चे की शारीरिक या मानसिक विकास में रुकावट आना, जैसे कि सही से वजन न बढ़ना, कद में बढ़ोतरी में कमी या सामान्य विकास में देरी, यह कैंसर का संकेत हो सकता है।
2. असामान्य सूजन
बच्चे के शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन, जो बिना किसी स्पष्ट कारण के बढ़ती जाए, जैसे कि चेहरे पर, पेट में, गर्दन या आर्मपिट (बगल) में। यह लिम्फोमा जैसे कैंसर का लक्षण हो सकता है।
3. अवस्था में निरंतर कमजोरी
यदि बच्चा लगातार थका हुआ महसूस करता है, उसका एनर्जी लेवल गिरता है, या उसे हमेशा कमजोरी महसूस होती है, तो यह ब्लड कैंसर या अन्य प्रकार के कैंसर का संकेत हो सकता है।
4. खून की कमी और बुखार
यदि बच्चे में लगातार खून की कमी (एनीमिया) बनी रहती है और वह थका हुआ महसूस करता है, तो यह ल्यूकेमिया या अन्य कैंसर का लक्षण हो सकता है। इसके साथ ही, कुछ कैंसर प्रकार जैसे लिम्फोमा में रात के समय बुखार आना भी सामान्य होता है।
5. चिड़चिड़ापन और भोजन की कमी
कैंसर के बच्चों में अक्सर चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है, और वे खाने-पीने में रुचि नहीं दिखाते। इसका कारण दर्द, थकान, या शारीरिक बदलाव हो सकता है। यह भी कैंसर के शुरुआती लक्षणों में शामिल होता है।
6. वजन का कम होना
बच्चे का अचानक से वजन कम होना, खासकर यदि उसके खाने-पीने की आदतों में कोई खास बदलाव न हुआ हो, तो यह कैंसर के संकेत हो सकते हैं।
कैंसर की शुरुआती पहचान और सतर्कता
कैंसर के लक्षण शुरुआत में हल्के होते हैं और अक्सर अन्य बीमारियों से मेल खाते हैं, इसलिए कई बार उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि माता-पिता किसी भी असामान्य लक्षण पर ध्यान दें और यदि ये लक्षण दो से तीन सप्ताह तक बने रहते हैं और बढ़ते जाते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कैंसर की प्रारंभिक पहचान से उपचार की सफलता की संभावना बहुत बढ़ जाती है। डॉक्टर सही निदान के लिए बच्चे के ब्लड, एमआरआई, सीटी स्कैन और अन्य जरूरी जांचों के माध्यम से कैंसर का पता लगा सकते हैं।
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