भारतीय भोजन की थाली बिना चटनी के अधूरी मानी जाती है, चाहे दाल-चावल हो, पराठा, पूड़ी या फिर स्नैक्स, हर तरह के पकवानों के साथ चटनी खाने का मजा दोगुना हो जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चटनी केवल स्वाद का साथी ही नहीं बल्कि सेहत की कुंजी भी है? आयुर्वेद के अनुसार चटनी भोजन में ऐसा अनुपूरक है, जो न सिर्फ पाचन को दुरुस्त करती है बल्कि शरीर को मौसम के अनुसार संतुलित रखने में भी मदद करती है। यही कारण है कि हमारी दादी-नानी हमेशा खाने के साथ सिल-बट्टे की पिसी ताजी चटनी परोसने पर जोर देती थीं। चटनी की खासियत यह है कि यह कई तरह की सामग्री से बनती है और हर सामग्री का अपना औषधीय महत्व होता है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, रोजाना चटनी खाने के फायदे क्या हैं?
चटनी खाने से क्या फायदे हैं? - What Are The Benefits Of Chutney
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि मौसम के अनुसार चटनी खाने के विशेष फायदे होते हैं। गर्मियों में पुदीना की चटनी शरीर को ठंडक देती है और डिहाइड्रेशन से बचाती है। बरसात में धनिया-पुदीना की चटनी पाचन को मजबूत कर मौसमी इंफेक्शन से बचाव करती है। वहीं सर्दियों में लहसुन की चटनी शरीर को गर्म रखकर इम्यूनिटी को बढ़ाती है। यानी कि चटनी केवल एक साइड डिश नहीं बल्कि आयुर्वेदिक दृष्टि से यह भोजन का अहम हिस्सा है। यह खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ-साथ शरीर को रोगों से भी बचाती है। यही वजह है कि भारतीय रसोई में चटनी का स्थान आज भी उतना ही जरूरी है जितना सदियों पहले था।
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आयुर्वेद में पाचन शक्ति को "अग्नि" कहा गया है और यह स्वास्थ्य का आधार मानी जाती है। चटनी में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री जैसे अदरक, जीरा, नींबू, हरी मिर्च और नमक अग्नि को प्रज्वलित करते हैं। यह लार के स्राव को बढ़ाते हैं जिससे खाना जल्दी पचता है। इसके नियमित सेवन से कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
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- चटनी को अक्सर हम एक स्वादिष्ट साइड डिश मानते हैं, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार यह 'अनुपान' का काम करती है यानी मुख्य भोजन को पचाने और उसके रसों को शरीर में अच्छे से अवशोषित करने में मदद करती है।
- चटनी का तीखा, खट्टा, मीठा और कसैला स्वाद एक साथ मिलकर पाचन रसों को उत्तेजित करता है जिससे खाना आसानी से पचता है और गैस या अपच की समस्या कम होती है।
- अक्सर लोग चटनी को हल्के में लेते हैं लेकिन यह छोटी सी डिश कई तरह की बीमारियों से बचाव करती है।
- नींबू वाली चटनी विटामिन-सी का अच्छा सोर्स है, जो इम्यूनिटी को मजबूत करता है।
- अदरक और लहसुन वाली चटनी एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुणों से भरपूर होती है।
निष्कर्ष
आयुर्वेद के अनुसार चटनी सिर्फ स्वाद का साथी नहीं बल्कि एक नेचुरल औषधि है। यह हर मौसम में शरीर को संतुलित करने और बीमारियों से बचाने में मदद करती है। पुदीना की ठंडी चटनी गर्मियों में, धनिया-पुदीना की ताजी चटनी बरसात में और लहसुन की तीखी चटनी सर्दियों में सेहत को दुरुस्त रखती है। इसलिए अगली बार जब आप भोजन करें तो थाली में ताजी चटनी जरूर रखें। ऐसा इसलिए क्योंकि यह न सिर्फ स्वाद बढ़ाएगी बल्कि स्वास्थ्य का भी ख्याल रखेगी।
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