Vitamin D Deficiency and Cataracts: आमतौर पर लोग विटामिन D को इम्युनिटी और हड्डियों से जोड़कर देखते हैं। अगर विटामिन D कम होगा तो कैल्शियम शरीर में एब्जॉर्ब नहीं कर पाएगा। इससे शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाएगी, लेकिन Vitamin D आंखों की सेहत के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। विटामिन D की कमी आंखों के धुंधलेपन का भी कारण हो सकती है। लोगों को कम उम्र में मोतियाबिंद या केटरेक्ट की बीमारी होना विटामिन D एक वजह हो सकता है। कैसे विटामिन D आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है और मोतिबिंद का कारण बन सकता है, जानने के लिए हमने फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल के नेत्ररोग विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. जैद्रथ कुमार (Dr. Jaidrath Kumar, Senior Consultant - Ophthalmology, Sarvodaya Hospital, Sector-8, Faridabad) से बात की। उन्होंने विटामिन डी लेने मैनेज करने के तरीकों को भी समझाया।
विटामिन D का मोतियाबिंद से कनेक्शन - What is the Connection Between Cataract and Vitamin D in Hindi
डॉ. जैद्रथ कहते हैं कि आमतौर पर मोतियाबिंद को बुजुर्गों की बीमारी माना जाता है, लेकिन अब ये सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गई है। इसकी वजह लोगों में विटामिन D कमी भी एक कारण है। विटामिन डी का आंखों की बीमारी से गहरा कनेक्शन है।”
एंटीऑक्सीडेंट कम होना - विटामिन डी को बहुत ही पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है। अगर शरीर में विटामिन डी कम होने लगता है, तो इससे आंखों में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ जाता है, जिसका असर आंख की लेंस पर भी पड़ता है।
कैल्शियम का ऑब्जर्ब होना - विटामिन D की कमी से शरीर में कैल्शियम अवशोषित होना कम हो जाता है। इससे आंखों के लेंस पर भी प्रभाव पड़ता है और इससे मोतियाबिंद बनना तेज हो जाता है।
सूजन होना- विटामिन D की कमी से शरीर में सूजन होने लगती है, जो आंखों के टिश्यू को भी नुकसान पहुंचाते हैं। आंखों के टिश्यू में लगातार नुकसान होने से मोतियाबिंद की प्रकिया तेज हो जाती है।
लाइफस्टाइल में बदलाव - विटामिन डी की कमी का कारण लोगों का धूप में न निकलना भी है और इसका असर आंखों पर भी पड़ता है।
इसे भी पढ़ें: शरीर में हो रही विटामिन डी की कमी? डॉक्टर से जानें धूप में कितनी देर बैठने से मिलेगा Vitamin D
मोतियाबिंद का यूथ पर भी पड़ रहा है असर - Cataract Problem in Youth in Hindi
डॉ. जैद्रथ कहते हैं कि मोतियाबिंद अब सिर्फ बुजुर्गों को ही नहीं हो रही, इसका असर 30 से लेकर 40 साल के युवाओं में भी देखने को मिल रहा है। लोगों का धूप में न निकलना, स्क्रीन टाइम बहुत ज्यादा होना, मोटापा, डायबिटीज, स्मोकिंग, शराब और विटामिन D की कमी होने के चलते युवाओं को मोतियाबिंद की बीमारी से जूझना पड़ रहा है
विटामिन D की कमी को कैसे करें मैनेज - How to Manage Vitamin D in Hindi
डॉ. जैद्रथ ने विटामिन D को मैनेज करने के लिए कुछ टिप्स दिए हैं। अगर लोग इन टिप्स को अपने जीवन में अपना लें, तो विटामिन D की कमी को काफी हद तक मैनेज किया जा सकता है।
- रोजाना सुबह या शाम की धूप लेना बहुत जरूरी है। इस धूप में कम से कम आधा घंटा बैठे या सैर करें।
- इस दौरान अपने चेहरे और बाजू पर कपड़ा न डालें। धूप को सीधे स्किन पर आने दें।
- खाने में विटामिन डी जैसे सैल्मन, टूना, मैकरल फिश खा सकते हैं।
- विटामिन D फोर्टिफाइड दूध, दही, सोया, बादाम का दूध और अनाज लें।
- विटामिन D की कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट्स लिए जा सकते हैं। लेकिन डॉक्टर की सलाह लेकर ही किसी भी तरह का सप्लीमेंट लें।
- आंखों की रुटीन चेकअप कराएं।
- धूप में UV सुरक्षित चश्मे पहनकर बाहर निकलें।
- विटामिन D के लेवल साल में एक बार जरूर चेक कराएं।
इसे भी पढ़ें: किस कारण से आंखों का सफेद भाग होने लगता है नीला, जानें डॉक्टर से
निष्कर्ष
डॉ. जैद्रथ कहते हैं कि मोतियाबिंद अब सिर्फ एक उम्र तक सीमित नहीं रह गया है। लोग पहले सुबह-शाम की गुनगुनी धूप में समय बिताते थे, इसलिए आंखों की समस्याएं यंग ऐज में कम देखने को मिलती थी। अब बदलते लाइफस्टाइल और धूप में न बैठने के कारण आंखों की समस्याएं बढ़ रही है। इसलिए ये साफ है कि आंखों की समस्याओं से बचना है तो विटामिन D का ख्याल रखें।
उम्मीद है कि आपको लेख पसंद आया होगा। इस लेख का मकसद सिर्फ आपको जानकारी देना है।किसी भी तरह की सेहत से जुड़ी परेशानी हो तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।