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किस कारण से आंखों का सफेद भाग होने लगता है नीला, जानें डॉक्टर से

कुछ लोगों की आंखों का सफेद रंग नीला दिखने लगता है। इस समस्या ब्लू स्क्लेरा कहते हैं। हालांकि, इसके प्रभाव गंभीर नहीं दिखते हैं। लेकिन, फिर भी ब्लू स्क्लेरा की वजह से आपकी आंखों की रोशनी में धुंधालन दिखाई दे सकता है। आगे जानते है ब्लू स्क्लेरा के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।
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किस कारण से आंखों का सफेद भाग होने लगता है नीला, जानें डॉक्टर से


हमारे शरीर के संवेदनशील अंगों में आंखों को शामिल किया जाता है। प्रदूषण, धूल मिट्टी व गंदगी की वजह से कई बार आपको आंखों में जलन और दर्द महसूस हो सकता है। इसके अलावा भी आपकी आंखें कई कारणों से खराब हो सकती है। बारिश के दिनों में गंदगी व नमी के कारण आंखों का इंफेक्शन होने की संभावना अधिक होती है। कई बार कुछ लोगों की आंखों का सफेद भाग नीला दिखाई देने लगता है। इस तरह की समस्या को ब्लू स्क्लेरा (Blue Sclera) कहा जाता है। यह कोई आम समस्या नहीं है, बल्कि किसी अंदरूनी बीमारी या पोषण की कमी का संकेत हो सकती है। कई बार यह एक जन्मजात स्थिति होती है, तो कभी-कभी यह जीवन में बाद में विकसित होती है। इस लेख में अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के ऑपथ्ल डॉक्टर नुसरत बुखारी से जानते हैं कि जानते हैें कि ब्लू स्क्लेरा की समस्या क्यों होती है और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है?

ब्लू स्क्लेरा के कारण - Causes of Blue Sclera in Hindi

अधिकतर मामलों में ब्लू स्क्लेरा गंभीर नहीं होता। लेकिन कुछ मामलों में, ब्लू स्क्लेरा कोई गंभीर समस्या का संकेत करता है, जिसका समय पर इलाज जरूरी होता है। फिलहाल ब्लू स्क्लेरा के कई कारण हो सकते हैं। इसमें अनुवांशिक और अन्य कारणों जैसे कि ब्रिटल कॉर्निया सिंड्रोम (कॉर्निया को पतला करना) को भी शामिल किया जाता है। आगे जानते हैं इसके कारणों के बारें में।

बुढ़ापा और पोषण की कमी

बढ़ती उम्र और विटामिन C, D और कोलेजन की कमी से भी स्क्लेरा में बदलाव आ सकते हैं। ऐसे में स्क्लेरा पतली होकर नीचे की रक्तनलिकाओं को उजागर कर सकती है।

ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा - Osteogenesis Imperfecta

यह हड्डियों का एक जेनेटिक रोग है, जिसमें हड्डियां बहुत कमजोर हो जाती हैं। इसमें कोलेजन की कमी होती है जिससे स्क्लेरा पतली हो जाती है और उसके नीचे की नसें नीली दिखाई देने लगती हैं।

आयरन की कमी (Iron Deficiency Anemia)

शरीर में आयरन की कमी से भी स्क्लेरा का रंग हल्का नीला दिखाई दे सकता है। यह अधिकतर बच्चों और महिलाओं में पाया जाता है।

ईलर-डानलॉस सिंड्रोम (Ehlers-Danlos Syndrome)

यह एक दुर्लभ अनुवांशिक विकार है जिसमें त्वचा और संयोजी ऊतक (connective tissues) कमजोर हो जाते हैं। इस स्थिति में भी स्क्लेरा पतली हो सकती है।

मार्फन सिंड्रोम (Marfan Syndrome)

यह भी एक अनुवांशिक स्थिति है जिसमें शरीर के विभिन्न अंगों के कनेक्टिव टिश्यू प्रभावित होते हैं और ऐसे में आंखों का सफेद रंग नीला दिखाई देता है। 

लंबे समय तक स्टेरॉइड का सेवन करना

अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से स्टेरॉइड दवाओं का सेवन कर रहा है, तो यह स्क्लेरा की संरचना को प्रभावित कर सकता है।

ब्लू स्क्लेरा के लक्षण - Symptoms of Blue Sclera in Hindi

  • आंखों की सफेद परत में नीला या ग्रे रंग दिखाई देना
  • सामान्य रोशनी में आंखों का रंग बदला हुआ लगना
  • हड्डियों का बार-बार टूटना (अगर कारण ऑस्टियोजेनेसिस है)
  • कमजोरी, थकावट, और त्वचा का फीका रंग (अगर आयरन की कमी है)
  • त्वचा में लचीलापन और जल्दी चोट लगना (अगर ईलर-डानलॉस सिंड्रोम है)
  • देखने में समस्या होना, जैसे कि धुंधलापन या आंखों में जलन आदि।

ब्लू स्क्लेरा का उपचार - Treatment of Blue Sclera In Hindi

ब्लू स्क्लेरा खुद में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि किसी अंदरूनी कारण का संकेत है। इसलिए इसका उपचार कारण पर निर्भर करता है। इसके लिए डॉक्टर मरीज को ब्लड टेस्ट, X-ray, और जेनेटिक टेस्टिंग की जाती है। साथ ही, डॉक्टर मरीज की फैमिली हिस्ट्री भी समझने का प्रयास करते हैं।

आयरन की कमी होने पर

डॉक्टर आयरन सप्लीमेंट्स और आयरन युक्त आहार (पालक, अनार, चुकंदर आदि) लेने की सलाह देते हैं। इसके अलावा, विटामिन C युक्त चीजें आयरन अवशोषण को बढ़ाती हैं। इसलिए डाइट में विटामिन सी युक्त चीजों को भी डाइट का हिस्सा बनाया जाता है।

जेनेटिक कारण होेने पर

ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा, मार्फन या ईलर-डानलॉस सिंड्रोम का इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है। फिजियोथेरेपी, पोषण सप्लीमेंट, और दर्द नियंत्रण दवाएं दी जा सकती हैं। इसके साथ ही, जेनेटिक काउंसलिंग भी फायदेमंद हो सकती है।

स्टेरॉइड उपयोग बंद करना

यदि समस्या स्टेरॉइड दवाओं के कारण है, तो डॉक्टर इसकी वैकल्पिक दवाएं दे सकते हैं।

आंखों की सुरक्षा

चश्मा पहनना, तेज रोशनी से बचना और नियमित रूप से आंखों की जांच कराना जरूरी है।

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ब्लू स्क्लेरा एक असामान्य लेकिन ध्यान देने योग्य स्थिति है। यह शरीर के भीतर चल रहे किसी बड़े विकार का संकेत हो सकता है। समय पर पहचान, जांच और सही इलाज के जरिए इसे गंभीर होने से रोका जा सकता है। यदि आपको या आपके किसी परिचित को आंखों में नीला स्क्लेरा दिखाई दे, तो अनदेखा न करें और नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।

FAQ

  • क्या ब्लू स्क्लेरा एक गंभीर बीमारी है?

    ब्लू स्क्लेरा खुद में बीमारी नहीं है, लेकिन यह किसी अंदरूनी बीमारी का लक्षण हो सकता है। इसलिए डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी होता है।
  • क्या बच्चों में ब्लू स्क्लेरा होना सामान्य है?

    नवजात शिशुओं में कभी-कभी हल्का नीला रंग स्क्लेरा में दिख सकता है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बना रहे तो डॉक्टर से दिखाना चाहिए।
  • क्या ब्लू स्क्लेरा का इलाज संभव है?

    इसका इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। आयरन की कमी जैसे कारणों में सुधार संभव है, लेकिन जेनेटिक बीमारियों में लक्षणों का मैनेज किया जाता है।

 

 

 

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