What Deficiency Cause Skin Discoloration: त्वचा की रंगत में बदलाव कई तरीकों से हो सकता है। इसे आसान भाषा में समझा जाए, तो त्वचा का रंग सामान्य तौर से अलग लगना। स्किन डिस्कलेशन की समस्या हर किसी के लिए अलग-अलग हो सकती है। कुछ लोगों को चेहरे पर डार्क स्पॉट्स और डार्क पैचेस हो जाते हैं। वहीं कुछ लोगों के चेहरे के कुछ हिस्सों का रंग अलग लगने लगता है। यह समस्या लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ गलतियों जैसे अधूरी नींद, ज्यादा तनाव, अनहेल्दी डाइट और त्वचा की देखभाल न करने के कारण हो सकती है। हालांकि, दवाओं और त्वचा की देखभाल से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है। कुछ मामलों में इसका कारण बीमारियां भी हो सकती हैं। लेकिन इसकी वजह का पता लगाना बहुत जरूरी है। इस बारे में ज्यादा जानने के लिए हमने बात कि अलाइव वेलनेस क्लिनिक के चीफ डर्मेटोलॉजिस्ट और मेडिकल डायरेक्टर डॉ चिरंजीव चावरा से।
त्वचा की रंगत में बदलाव आने के क्या कारण होते हैं- What Are The Causes of Skin Discoloration
मेलेनिन प्रोडक्शन- Melanin Production
मेलेनिन शरीर में मौजूद एक पदार्थ है जिससे त्वचा और बालों को रंग मिलता है। लाइफस्टाइल के फेक्टर्स की वजह से मेलेनिन के प्रोडक्शन में फर्क आ सकता है। इसका प्रोडक्शन ज्यादा होने से त्वचा का रंग गहरा होने लगता है। वहीं प्रोडक्शन कम होने की वजह से त्वचा का रंग हल्का हो सकता है।
त्वचा से जुड़ी समस्याएं- Skin Conditions
कुछ इंफ्लेमेटरी स्किन कंडीशन जैसे सोरायसिस, एक्जिमा के कारण भी त्वचा के रंग में बदलाव आने लगता है। इसके अलावा, ऑटोइम्यून डिजीज जैसे कि विटिलिगो में भी त्वचा पर सफेद धब्बे होने लगते हैं।
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स्किन इंफेक्शन- Skin Infections
कई बार स्किन इंफेक्शन भी त्वचा की रंगत बदलने की वजह बन सकते हैं। इंफेक्शन जैसे कि बैक्टीरियल, फंगल और वायरल होने की वजह से त्वचा के रंग में बहलाव आ सकता है। इसके कारण त्वचा में दर्द, खुजली और जलन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
धूप में ज्यादा जाना- Sun Exposure
धूप में ज्यादा देर रहने की वजह से त्वचा में मेलेनिन का प्रोडक्शन बढ़ने लगता है। इसके कारण त्वचा का रंग गहरा होने लगता है। अगर आप अक्सर धूप में जाते रहते हैं, तो आपकी त्वचा की रंगत में फर्क आ सकता है।
हार्मोन्स में बदलाव होना- Changes In Hormones
हार्मोन्स बदलने की वजह से भी त्वचा की रंगत बदलने लगती है। कुछ स्थितियों जैसे कि प्रेग्नेंसी या प्यूबर्टी आने पर आपको हाइपर पिग्मेंटेशन की समस्या हो सकती है। बॉडी में हार्मोन्स में बदलाव होने की वजह से त्वचा में भी फर्क आ सकता है।
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कोई चोट लगने के कारण- Injuries
कई बार चोट के निशान भी त्वचा की रंगत में फर्क ला सकते हैं। चोट जैसे कि घाव ठीक होना, जले का निशान, एलर्जी के बाद रह जाने वाले निशान, छाले और एक्ने आदि। ऐसे में त्वचा में पोस्ट इंफ्लेमेटरी हाइपर पिग्मेंटेशन हो सकती है।
अगर आपको भी काफी समय से त्वचा की रंगत में बदलाव महसूस हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इस समस्या का समय पर इलाज लेने से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।