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अगर आपका बच्चा भी खाता है जंक फूड तो उसकी आंखें हो सकती हैं कमजोर, जानें बचाव के उपाय

अगर आपका बच्चा भी जंक फूड खाने के जिद्द करता है तो यह आदत उसकी आंखों की रोशनी को प्रभावित कर सकती हैं। आगे जानते इस बारे में
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अगर आपका बच्चा भी खाता है जंक फूड तो उसकी आंखें हो सकती हैं कमजोर, जानें बचाव के उपाय


बच्चे ज्यादातर समय घर में ही बिताते हैं और ऐसे में वह सबसे पहले अपने अभिभावकों की अदातों को सीखना शुरु करते हैं। इस स्थिति में यदि आपको किस तरह की खराब आदत है तो बच्चा उसे देख-देखकर आसानी से सीख जाएगा। कई बार देखने को मिलता है कि माता-पिता दोनों ही बाहर का जंक फूड खाना पसंद करते हैं। तो ऐसे में बच्चे की जंक फूड के प्रति रुचि बढ़ने की संभावना बहुत अधिक होती है। यही वजह है कि आजकल के बच्चे घर के पोषक भोजन की बजाय बर्गर, पिज्जा, चिप्स, कोल्ड ड्रिंक्स जैसे जंक फूड्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं। ये फूड्स स्वादिष्ट तो जरूर लगते हैं, लेकिन इनका हमारे शरीर और विशेषकर आंखों पर गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हाल के अध्ययनों में सामने आया है कि जंक फूड्स का अधिक सेवन बच्चों की आंखों की रोशनी को प्रभावित कर सकता है और लंबे समय तक नजरअंदाजी करने पर यह अंधेपन का कारण भी बन सकता है। इस लेख में अपोलो स्पेकट्रा अस्पताल की ऑप्थल डॉ नुसरत बुखारी से जानते हैं कि जंक फूड का बच्चे की आंखों पर क्या प्रभाव पड़ सकते हैं।  

जंक फूड से बच्चे की आंखे कैसे प्रभावित हो सकती हैं? - How Junk Food Affect Children Eyes In Hindi 

ज्यादातर जंक फूड्स में पोषण तत्वों की भारी कमी पाई जाती है। साथ ही, इस तरह के आहार में विटामिन और मिनरल्स व फाइबर की बेहद कम मात्रा में होते हैं। ऐसे में यदि बच्चा इनका लगातार या नियमित रूप से सेवन करता है तो ऐसे में उसको पोषक तत्वों की कमी का सामना करना पड़ सकता है। डॉक्टर्स बताते हैं कि आंखों की सेहत के लिए जरूरी विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, ओमेगा-3 फैटी एसिड और जिंक जैसे तत्वों की भारी कमी जंक फूड्स में देखने को मिलती है। इस तरह का खाना यदि बच्चा खाता है तो उसकी आंखों की कोशिकाओं को पोषण नहीं मिल पाता। जिसकी वजह से धीरे-धीरे आंखों में ड्रायनेस, धुंधलापन, आंखें जलना, रोशनी में कमी जैसी समस्याएं शुरू हो सकती हैं।

जंक फूड्स से कैसे खराब होती है आंखें? 

  • सूखेपन और जलन की समस्या – जंक फूड्स में तेल और नमक की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर को डीहाइड्रेट करता है।
  • रेटिना को नुकसान – ओमेगा-3 और विटामिन ए की कमी से रेटिना की कोशिकाएं कमजोर हो जाती हैं।
  • रात में देखने में समस्या – यह "नाइट ब्लाइंडनेस" की शुरुआत हो सकती है।
  • नर्व डैमेज – लंबे समय तक पौष्टिक तत्वों की कमी से आंखों की नसें डैमेज हो सकती हैं, जिससे अंधेपन का खतरा बढ़ जाता है।

बच्चों की आंखों के लिए जरूरी पोषक तत्व - Important Nutrients For Child Eyes In Hindi

  • विटामिन ए – यह आंखों की रोशनी बनाए रखने में सहायक है। इसके लिए बच्चों की डाइट में गाजर, पालक, शकरकंद, दूध, अंडा को शामिल करें।
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड – रेटिना के कार्य के लिए आवश्यक होता है। इसे लेने के लिए आप अखरोट, अलसी के बीज, मछली को डाइट का हिस्सा बनाएं।
  • जिंक – आंखों की कोशिकाओं को सुरक्षित रखता है। जिंक की मात्रा को पूरा करने के लिए आप बच्चों को दालें, नट्स, साबुत अनाज दे सकते हैं।
  • विटामिन सी और ई – विटामिन सी और ई फ्री रेडिकल्स से आंखों की रक्षा करते हैं। इसके लिए आप बच्चों को आंवला, संतरा, सूरजमुखी के बीज खिलाना शुरु करें।

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बच्चों की आंखें बेहद संवेदनशील होती हैं और उनका ध्यान रखना हर माता-पिता की जिम्मेदारी है। जंक फूड्स का लुभावना स्वाद कुछ पलों की खुशी तो दे सकता है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स जीवनभर की परेशानी बन सकते हैं। बेहतर होगा कि बच्चों को संतुलित आहार की आदत डाली जाए और उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाए। 

FAQ

  • क्या जंक फूड खाने से बच्चों की आंखें कमजोर हो सकती हैं?

    हां, लगातार जंक फूड्स खाने से बच्चों में विटामिन और मिनरल्स की कमी हो जाती है, जो आंखों की सेहत के लिए आवश्यक हैं। इससे धीरे-धीरे रोशनी कम हो सकती है और गंभीर मामलों में अंधेपन का खतरा भी हो सकता है।
  • बच्चों की आंखों के लिए कौन-से फूड्स सबसे फायदेमंद हैं?

    गाजर, पालक, ब्रोकली, दूध, अंडा, अखरोट, संतरा, और मछली जैसे फूड्स बच्चों की आंखों की रोशनी और स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होते हैं।
  • क्या समय रहते आदत बदलने से आंखों को बचाया जा सकता है?

    बिल्कुल, अगर समय पर संतुलित आहार और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाई जाए तो आंखों की रोशनी को बचाया जा सकता है और पहले से हुई क्षति को भी कुछ हद तक सुधारा जा सकता है।

 

 

 

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