महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है उत्कट कोणासन, जानें फायदे और अभ्यास का तरीका

उत्कट कोणासन का अभ्यास महिलाओं के लिए प्रेगनेंसी के दौरान बहत फायदेमंद होता है, जानें इसके अन्य फायदे और अभ्यास करने का तरीका।
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महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है उत्कट कोणासन, जानें फायदे और अभ्यास का तरीका


भारत में लोग प्राचीन काल से ही योग का अभ्यास करते आ रहे हैं। योगासनों का नियमित अभ्यास न सिर्फ आपके शरीर को स्वस्थ और फिट रखने का काम करता है बल्कि आपके शरीर को कई गंभीर बीमारियों के चपेट में आने से भी बचाता है। उत्कट कोणासन (Utkata Konasana) का अभ्यास शरीर के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। इस आसन का अभ्यास महिलाओं के लिए बहुत लाभदायक होता है। उत्कट कोणासन को देवी मुद्रा (Goddess Pose) के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन का नाम संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसमें उत्कट का अर्थ है उग्र और कोणासन का मतलब मुद्रा या आसन है। यह योगासन कूल्हों, पेट, छाती और कमर व पैर की मांसपेशियों के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान इस योगासन का अभ्यास बहुत ही फायदेमंद होता है। इस योगासन को फीयर एंजेल पोज के नाम से भी जाना जाता है। आइये विस्तार से जानते हैं उत्कट कोणासन के फायदे और इसके अभ्यास के तरीके के बारे में।

उत्कट कोणासन के फायदे (Utkata Konasana Benefits)

Utkata-Konasana-Goddes-Pose-Benefits

उत्कट कोणासन का नियमित अभ्यास आपके शरीर के लिए बहुत उपयोगी होता है। महिलाओं को नियमित रूप से इस योगासन का अभ्यास करना चाहिए। इसके नियमित अभ्यास से आपके हैमस्ट्रिंग, घुटने और शरीर के निचले हिस्से को फायदा मिलता है। उत्कट कोणासन का अभ्यास महिलाओं के लिए प्रेगनेंसी में और उससे पहले बहुत फायदेमंद होता है। आइये जानते हैं उत्कट कोणासन का अभ्यास करने से मिलने वाले फायदे के बारे में।

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1.  स्ट्रेचिंग और ओपनिंग के लिए उपयोगी - उत्कट कोणासन का अभ्यास शरीर की मांसपेशियों को स्ट्रेच करने और उन्हें खोलने का काम करता है। इसके नियमित अभ्यास से क्वाड, हैमस्ट्रिंग, एडक्टर्स, कमर और छाती की मांसपेशियों को फायदा मिलता है। इसके अलावा उत्कट कोणासन का अभ्यास करने से कूल्हों, घुटने और टखनों को भी फायदा मिलता है। शरीर के निचले हिस्से को ताकत देने और रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाने के लिए इसका अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है।

2. महिलाओं के लिए फायदेमंद - महिलाओं में प्रजनन अंगों से जुड़ी समस्याओं में उत्कट कोणासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है। इस योगासन के नियमित अभ्यास से महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होने वाली कई समस्याओं में फायदा मिलता है। इसका अभ्यास करने से महिलाओं की प्रजनन क्षमता में सुधार होता है और प्रसव के दौरान होने वाली दिक्कतें भी कम होती हैं।

3. तनाव और मानसिक समस्या में उपयोगी - उत्कट कोणासन का नियमित अभ्यास करने से तनाव और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं में फायदा मिलता है। इसका नियमित अभ्यास शरीर की मांसपेशियों को रिलैक्स करने का काम करता है। और इस आसन के अभ्यास से तनाव और डिप्रेशन को  ट्रिगर करने वाले हॉर्मोन के स्तर को संतुलित रखने का काम करता है। उत्कट कोणासन का अभ्यास करने से ध्यान केंद्रित करने में फायदा मिलता है।

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4. गठिया की समस्या में फायदा - गठिया और घुटने से जुड़ी समस्याओं में उत्कट कोणासन का अभ्यास बहुत उपयोगी माना जाता है। इस आसन का नियमित अभ्यास करने से गठिया की समस्या को नियंत्रित करने में फायदा मिलता है। इसके अलावा सायटिका के दर्द को कम करने के लिए उत्कट कोणासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसके अभ्यास से जांघ की आंतरिक मांसपेशियां फैलती हैं जिससे आपको फायदा मिलता है। गठिया के दर्द को दूर करने और गठिया की समस्या को नियंत्रित करने के लिए उत्कट कोणासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है।

5. पेट के अंगों के लिए उपयोगी - उत्कट कोणासन का नियमित अभ्यास करने से पेट के भीतर मौजूद अंगों को फायदा मिलता है। इसका नियमित अभ्यास किडनी, अंडाशय और मूत्राशय के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। उत्कट कोणासन का रोजाना अभ्यास करने से प्रोस्टेट ग्लैंड को भी फायदा मिलता है। इसके अभ्यास से किडनी से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं।

6. सांस से जुड़ी परेशानियों में उपयोगी - उत्कट कोणासन का नियमित अभ्यास करने से सांस से जुड़ी बीमारियां दूर होती हैं। इसके नियमित अभ्यास से शरीर की श्वसन प्रणाली को फायदा मिलता है। इसके अभ्यास से सांस लेने की प्रक्रिया में सुधार होता है और फेफड़ों को फायदा मिलता है।

7. स्थिरता और फोकस बढ़ाने के लिए उपयोगी - उत्कट कोणासन का अभ्यास स्थिरता बढ़ाने और फोकस पैदा करने के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। यह योगासन छात्रों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से ध्यान केंद्रित करने में फायदा मिलता है।

उत्कट कोणासन के अभ्यास का तरीका (Hoe To Do Utkata Konasana?)

उत्कट कोणासन का अभ्यास करने के लिए आप इन स्टेप्स को फॉलो करें -

  • सबसे पहले आराम से पैरों के बीच समान दूरी बनाकर खड़े हो जाएं।
  • इसके बाद हाथों को आराम देते हुए पैरों के बीच में 3 से 4 फीट की दूरी बनाएं।
  • पैरों को बराबर रखते हुए उंगलियों को बाहर की तरफ मोड़ें और एडियों को शरीर के पास रखें।
  • इसके बाद घुटनों को मोड़ते हुए हिप्स को नीचे ले जाएं।
  • नमस्कार की मुद्रा में अपनी दोनों हथेलियों को एक साथ लाएं और छाती को मजबूती से छूते हुए रखें।
  • इसके बाद छाती को आगे की तरफ करते हुए कंधे को थोड़ा पीछे की तरफ रखें।
  • इसी स्थिति में रहें और सामान्य व गहरी सांस लें।
  • सांस छोड़ने के बाद पेट को सिकोड़ें और पीठ के हिस्से को नीचे की तरफ दबाएं।
  • इसके बाद आराम से पोज को रिलीज करते हुए सामान्य मुद्रा में आयें।

इस योगासन का अभ्यास शुरुआत में एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें। उत्कट कोणासन का अभ्यास करते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि शरीर पर किसी भी तरह का दबाव पड़े तो इसका अभ्यास बंद कर दें। प्रेगनेंसी के दौरान इसका अभ्यास एक्सपर्ट की सलाह के बाद ही करें।

(all image source - freepik.com)

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