Dyspnea (सांस की तकलीफ) सांस और फेफड़े से जुड़ी समस्या की स्थिति को कहा जाता है। यह समस्या सांस से जुड़ी कई बीमारियों की वजह से हो सकती है। एक्यूट डिस्पनिया (Acute Dyspnea) सांस से जुड़ी बीमारी की एक गंभीर स्थिति होती है, मेडिकल की दुनिया में इसे इमरजेंसी माना जाता है। सांस लेने में तकलीफ या इससे जुड़ी अन्य समस्याएं कई तरह की होती हैं, इन सभी समस्याओं की स्थिति को ही Dyspnea नाम दिया गया है। एक्यूट डिस्पनिया की स्थिति में मरीजों को तुरंत उपचार की जरूरत होती है और इसे जानलेवा भी माना जाता है। सांस से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों का प्रमुख लक्षण एक्यूट डिस्पनिया को माना जाता है। अस्थमा और हार्ट फेलियर जैसी समस्या के कारण भी यह स्थिति बन सकती है।
एक्यूट डिस्पनिया के कारण (What Causes Acute Dyspnea)
फेफड़ों और सांस की समस्या एक्यूट डिस्पनिया के कई कारण हो सकते हैं। सांस लेने से जुड़ी पुरानी बीमारी की वजह से भी यह स्थिति बन सकती है उदाहरण के लिए, अस्थमा, दमा, हार्ट अटैक आदि के कारण यह समस्या जन्म लेती है। इस स्थिति में मरीज को बोलने में भी परेशानी का अनुभव करना पड़ता है। घबराहट, खांसी और सांस फूलना इसके सामान्य लक्षण माने जाते हैं। डिस्पनिया (सांस से जुड़ी समस्या) हमेशा किसी व्यक्ति में नही होती है, इस समस्या से ग्रसित मरीज दौड़ने या व्यायाम करने के बाद या फिर किसी काम को करने पर सांस से जुड़ी तकलीफ का अनुभव कर सकते हैं। डिस्पनिया के सबसे सामान्य कारण अस्थमा, हार्ट फेलियर, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), इंटरस्टीशियल लंग डिजीज, निमोनिया और साइकोजेनिक समस्याएं हैं। यदि किसी व्यक्ति में सांस लेने में तकलीफ अचानक शुरू होती है, तो इसे एक्यूट डिस्पनिया कहा जाता है। इसे अस्थमा जैसे गंभीर बीमारी का लक्षण भी माना जाता है। एक्यूट डिस्पनिया (Acute Dyspnea) के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं।
- निमोनिया (Pneumonia)
- फेफड़ों से जुड़ी समस्या (Lung Problems)
- सीओपीडी (COPD)
- अस्थमा (Asthma)
- मानसिक अवसाद या चिंता (Anxiety)
- एलर्जी (Allergy)
- कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस (Exposure to Carbon Monoxide)
- दिल की धड़कन रुकना (Heart Failure)
- खून की कमी, एनीमिया (Anemia)
- लो ब्लड प्रेशर (Hypotension)
- मोटापा (Obesity)
- इंटरस्टीशियल पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Pulmonary Embolism)
- फेफड़ों की चोट (Collapsed Lung)
- फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer)
- पेरिकार्डिटिस (Pericarditis)
इसे भी पढ़ें: थोड़ा काम करते ही हांफने लगते हैं या सांस फूलने लगती है? डॉक्टर से जानें ऐसे लक्षणों का मुख्य कारण और इलाज
एक्यूट डिस्पनिया के लक्षण (Acute Dyspnea Symptoms)
डिस्पनिया सांस लेने में होने वाले तकलीफ से जुड़ी एक गभीर समस्या है। इस स्थिति में पैदल चलने, किसी काम करने के बाद या व्यायाम आदि से सांस लेने में काफी दिक्कत होती है। फेफड़ों को अच्छी सांस न मिलने की वजह से दम घुटने की स्थिति भी पैदा हो जाती है। डिस्पनिया या सांस लेने में तकलीफ ओवरेक्सर्टियन के कारण भी हो सकता हो, अधिक ऊंचाई पर ज्यादा समय रहने से भी सांस से जुड़ी तकलीफें शुरू हो सकती है। एक्यूट डिस्पनिया के प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।
- पैदल चलने में थकावट
- थोड़ी देर दौड़ने पर सांस की दिक्कत
- सांस लेने में तकलीफ के कारण दम घुटना
- समस्या रूप से सांस लेने में दिक्कत
- सीने में जकड़न
- घबराहट
- अधिक खांसी
- शारीरिक गतिविधि के बाद सांस लेने में दिक्कत
एक्यूट डिस्पनिया का इलाज (Acute Dyspnea Treatment)
सांस लेने में तकलीफ की समस्या कभी-कभी मौत का कारण भी बन जाती है। शुरुआत में इसके हल्के लक्षणों को नज़रअंदाज करने से आगे चलकर काफी नुकसान भी हो सकता है। किसी भी व्यक्ति सांस लेने से जुड़ी समस्या या निम्न लक्षण हो तो चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
- अचानक सांस लेने में तकलीफ का शुरू होना
- शारीरिक गतिविधि की क्षमता का कम होना
- छाती में दर्द, दिल की धड़कन का बढ़ना
- जी मिचलाना
- सांस लेने की क्षमता में बदलाव
- लेटने पर सांस लेने में दिक्कत
- पैरों और टखनों में सूजन
- बुखार, ठंड लगना और खांसी
- सांस लेते वक़्त घरघराहट होना
इस स्थिति में चिकित्सक लक्षण और समस्या की स्थिति के हिसाब से इलाज करते हैं। एक्यूट डिस्पनिया के मामले में शारीरिक जांच और लक्षणों के आधार पर इसका पता लगाया जाता है। ऐसी स्थिति में चिकित्सक छाती का एक्स-रे और कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी स्कैन) का उपयोग करते हैं और इसके साथ ही पीड़ित व्यक्ति के हृदय, फेफड़े और श्वसन प्रणाली की भी जांच की जाती है। गंभीर स्थिति में इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) की भी जरूरत पड़ सकती है इसके साथ ही एक्यूट डिस्पनिया की स्थिति में एयरफ्लो और रोगी की फेफड़ों की क्षमता को पता करनी के लिए स्पाइरोमेट्री जांच भी की जाती है। इस जांच से किसी भी व्यक्ति की सांस लेने की क्षमता और फेफड़ो की स्थिति का पता लगाया जाता है। कभी-कभी खून में ऑक्सीजन की कमी से भी यह समस्या शुरू हो सकती है इसलिए इस स्थिति का सटीक पता लगाने के लिए चिकित्सक ब्लड ऑक्सीजन की जांच भी करते हैं।
इसे भी पढ़ें: सांस लेने में तकलीफ होती है तो खाना खाते समय रखें इन 5 बातों का ध्यान
एक्यूट डिस्पनिया की स्थिति में बचाव (How to Prevent Acute Dyspnea)
एक्यूट डिस्पनिया की स्थिति से बचाव के लिए सांस से जुड़ी समस्याओं के कारणों से बचना। सांस से जुड़ी समस्या का आज के दूर में सबसे बड़ा कारण ख़राब हवा में सांस लेना और धूम्रपान है। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो ऐसी स्थिति में इस समस्या से ग्रसित होने का ख़तरा अधिक होता है। सांस और फेफड़ों से जुड़ी समस्या से बचने के लिए धूम्रपान छोड़ना सबसे अच्चा विकल्प होता है। इसके अलावा कुछ और बातें जिन्हें अपनाकर आप इस गंभीर समस्या से अपना बचाव कर सकते हैं।
- -संतुलित खानपान और नियमित व्यायाम से आप सांस से जुड़ी तमाम समस्याओं से बच सकते हैं। स्वस्थ और संतुलित भोजन से शरीर की सेहत बनी रहती है और नियमित व्यायाम करने से हमारे फेफड़ों से जुड़ी समस्या का ख़तरा कम होता है।
- -वायु प्रदूषण और ख़राब या दूषित हवा में सांस लेने से भी इस समस्या के होने का ख़तरा बना रहता है। इसलिए खराब या दूषित हवा में सांस लेने से बचें, फेफड़ों की सुरक्षा के लिए फेस मास्क का उपयोग जरूर करें।
- -अधिक वजन वाले लोगों में इस समस्या के होने का ख़तरा अधिक होता है। सांस से जुड़े रोगों से बचने के लिए वजन को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी माना जाता है। संतुलित भोजन और नियमित व्यायाम से आप अपने वजन को कम कर सकते हैं।
सांस लेने में तकलीफ और फेफड़ों से जुड़ी समस्या की स्थिति को नज़रअंदाज नही करना चाहिए। ऐसी स्थिति को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। एक्यूट डिस्पनिया की गंभीर स्थिति को जानलेवा माना जाता है, इसके लक्षण दिखने पर तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है। ऐसे में सांस से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। इस मामले में लापरवाही जानलेवा मानी जाती है। नियमित व्यायाम और स्वस्थ भोजन से आप अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। धूम्रपान और ख़राब हवा में सांस लेने से बचने पर सांस से जुड़ी समस्याओं का ख़तरा काफी कम हो जाता है।
Read More Articles on Other Diseases in Hindi
Read Next
अंधेरे में मोबाइल चलाने की आदत दे सकती है आंखों से जुड़ी ये 5 समस्याएं, जानें जरूरी सावधानियां
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version