दुनिया भर में कोरोना से लाखों लोगों की जान चली गई। तो वहीं अपनी जान बचाने के लिए लोगों ने हाथ धोना, मास्क पहनना, उचित दूरी का पालन करना, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना आदि उपायों को अपनाया। अब वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद लोगों को थोड़ी राहत मिली है। कोरोना के दौरान ज्यादातर लोगों ने घर पर ही रहे। घर से बाहर कम निकले। यही वजह है कि हर साल जो बीमारियां लोगों को आमतौर पर होती थीं। वे इस बार कम हुईं। इस दौर में लोगों में खुद के हाइजीन को लेकर जागरुकता बढ़ी। यही वजह है कि कानपुर के राजकीय हृदय रोग संस्थान के डॉक्टर अवधेश शर्मा, बरेली के साईं व केके हॉस्पिटल में डायटीशियन मीना शर्मा, बेगूसराय के एसएन मेमोरियल विजन केयर सेंटर के कंसल्टेंट नेत्र विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक कुमार और कानपुर के अपोलो स्पेक्ट्रा में चेस्ट फिजिशियन डॉ. भरत मेहरोत्रा ने मास्क लगाने की वजह से कौन सी बीमारियों में कमी आई है इस पर अपना ऑब्जरवेशन दिया है। उन्होंने बताया कि हर साल उनके पास जो बीमारियां आमतौर पर आती थीं, वे इस बार कम हुई हैं। आइए जानते हैं वे कौन सी बीमारियां हैं जो कम हुई हैं।
वे बीमारियां जो मास्क लागने से कम हुईं
1. चेस्ट फिजिशियन डॉ. भरत मेहरोत्रा का कहना है कि यह सच है कि मास्क का प्रयोग करने और पर्सनल हाइजीन मेंटेन करने से लोगों ने अपनी सेहत में बहुत सुधार किया है। उन्होंने बताया कि कोरोनाकाल में मास्क लगाने से 50 फीसद तक बीमारियां कम हुई हैं। पिछले साल मास्क लगाने की वजह से अस्थमा की परेशानी में कमी देखी गई है। गले की समस्याएं कम हुई हैं। तो वहीं, पेट की बीमारियों में कमी, डायरिया, फेफड़ों की समस्या में कमी, खांसी छींकें, जुकाम और निमोनिया में कमी आई है। डिस्टेंसिंग से फेफड़ों की समस्याएं कम हुई हैं। गले के इंफेक्शन में भी कमी आई है।
2. राजकीय हृदय रोग संस्थान के प्रोफेसर कार्डियोलॉजी अवधेश शर्मा का कहना है कि पूरे कोरोना संक्रमणकाल में अगर कोरोना से ग्रसित होने और गम्भीर होने का ख़तरा अगर सबसे ज़्यादा किसी को था तो वह हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों को था। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कोरोना से बचाव का सबसे सटीक उपाय मास्क का प्रयोग है। इस पूरे वर्ष मास्क का प्रयोग होने के कारण ही स्वांस रोगों में काफ़ी अधिक मात्रा में कमी महसूस की गई है। इस कोरोना संक्रमणकाल में एक बात और भी देखने में आई कि इस पूरे वर्ष हार्ट रोगों ख़ासतौर से हार्ट अटैक में भी काफ़ी कमी आई और यह हृदय रोग विशेषज्ञों के बीच एक चर्चा व शोध का विषय है। मास्क का नियमित प्रयोग, इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए घर पर प्रतिदिन व्यायाम, घर का बना सात्विक भोजन, परिवार के साथ ख़ुशनुमा माहौल व घर के कार्यों में हाथ बटाने के कारण हृदय की आन्तरिक स्थिति काफ़ी स्वस्थ्य रही।मास्क पहनने की वजह से हार्ट फ़ेल्यर के मरीज़ों की अस्पताल में भर्ती होने की दर काफ़ी कम रही ।फेफड़े का संक्रमण हार्ट की पम्पिंग पर भी विपरीत असर डालता है इस कारण प्रायः यह देखने को मिलता है की सर्दी के मौसम में हार्ट फ़ेल्यर के रोगियों की संख्या बढ़ जाती थी जो कि इस वर्ष मास्क का प्रयोग करने के कारण न के बराबर रही।प्रदूषण हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण है लॉकडाउन व मास्क के प्रयोग के कारण लोग प्रदूषण के दुष्प्रभाव से कम से कम प्रभावित हुए।मास्क के प्रयोग व कम प्रदूषण के कारण ब्लड प्रेशर के रोगियों की संख्या में भी कमी देखी गई।हालांकि कुछ फीसद लोगों में आर्थिक समस्या के फ़लस्वरूप उत्पन्न हुए तनाव व चिड़चिड़ेपन के कारण हृदय रोग भी हुए पर इनका फीसद काफ़ी कम था।
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3.डायटीशियन मीना शर्मा ने कहा कि कोरोना में लोगों ने खानापान में बहुत सावधानी बरती जिससे उनमें खाने से होने वाली परेशानियों में कमी आई। पाचन संबंधी परेशानियां कम हुईं। लोगों ने ज्यादतर घर का खाना खाया है। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए लोगों ने ध्यान दिया जिससे उनमें बीमारियां कम हुईं। नींबू, अदरक आदि लिया। लोगों का एंटी इंटेक अच्छा हुआ।
4. नेत्र विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक कुमार ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि जबसे कोरोना महामारी ने दस्तक दी लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति पहले से अधिक जागरूक हुए हैं।लोग घर से निकलने से पहले चेहरे पर मास्क लगाते हैं। मास्क के प्रयोग का सबसे अच्छा प्रभाव स्वसन तंत्र पर पड़ा है । मास्क के प्रयोग के कारण जब हम सांस लेते हैं तो वायु फिल्टर्ड होकर स्वसन मार्ग के अंदर प्रवेश करती है। मास्क के प्रयोग के कारण कोरोना काल में साइनस के मरीजों की संख्या में कमी आई है जिसके पीछे एक प्रमुख कारण के रूप में मास्क का प्रयोग है। मास्क के प्रयोग के कारण वायु फिल्टर्ड होकर नाक के अंदर प्रवेश करती है जो हमें बहुत से वायुजनित संक्रमण और एलर्जी की समस्या से बचाती है। वायु जनित एलर्जी और संक्रमण साइनस का एक प्रमुख कारण है। इसलिए मास्क के प्रयोग से निश्चित रूप से साइनस के मरीजों की संख्या में कमी आई है।
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मास्क लगाने की वजह से लोग जहरीली हवा से बचे हैं। जिस कारण श्वास संबंधी रोगों में कमी आई है। अलग-अलग अस्पतालों के डॉक्टरों ने अपना ऑब्जरवेशन दिया है कि पिछले साल मास्क लगाने की वजह से कई बड़ी बीमारियों में कमी आई है। यह सच है कि मास्क का प्रयोग कई बीमारियों से बचा रहा है लेकिन अब मास्क की अनिवार्यता लोगों को परेशान भी कर रही है। अब लोग वापस नॉर्मल जिदगी का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन जब तक इस कोरोना का प्रकोप खत्म नहीं होता तब तक मास्क की अनिवार्यता को अपनाना पड़ेगा।
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