कोरोना रोकधाम को लेकर संपूर्ण मानव जाति का संघर्ष अभी भी जारी है। इस वायरस से बचने का एकमात्र उपाय यही है कि लोग स्वच्छता और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें। इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग तरीकों से लोगों को जागरूक भी कर रही हैं। महाराष्ट्र की शिक्षका सुनीता नागकीर्ति भी इसी अभियान के साथ जुड़ीं हैं और औरंगाबाद में हॉटस्पॉट इलाके में खास तौर पर स्लम एरिया में कविता के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रही हैं। सुनीता नागकीर्ति के इसी साहस और प्रयास को देखते हुए OMH Healthcare Heroes Award में उन्हें अवेयरनेस वॉरियर- बेस्ट आउट ऑफ दी बॉक्स आइडिया के लिए नॉमिनेट किया गया है।
कोरोना वायरस एक संक्रामक बीमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने और उसके छूने से फैलता है। इसे किसी दवा से नहीं, बल्कि साफ-सफाई और स्वच्छता के नियमों का पालन करके रोका जा सकता है, और यह बात औरंगाबाद की सुनीता नागकीर्ति भी अच्छी तरह से समझती हैं। सुनीता को औरंगाबाद के उन इलाकों में लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी सौपी गई, जो स्लम हैं और कोरोना के मामले में हॉटस्पॉट की श्रेणी में आते हैं। उन्होंने इस चुनौती को स्वीकारा और अवेयरनेस वॉरियर के रूप में काम करते हुए अभियान से जुड़ गईं।
हालांकि सुनीता के सामने एक चुनौती थी। उन्हें न केवल स्लम में रह रहे बच्चों को कोरोना वायरस और उससे जुड़े नियमों के बारे में बताना था, बल्कि उससे बचने के लिए उपाय भी सुझाने थे, वो भी आसान तरीके से। इसके लिए उन्होंने का एक कविता का सहारा लिया। उन्होंने बस्तियों में रह रहे बच्चों को जागरूक करने के लिए मराठी भाषा में एक कविता बनाई।
इस कविता के जरिए उन्होंने बच्चों को 20 सेकेंड में हाथ साफ करने का तरीका बताया। यह डब्ल्यूएचओ द्वारा कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए 20 सेकंड के लिए हाथ धोने की सिफारिशों के अनुरूप है। कविता के जरिए बच्चों को जागरुक करने को लेकर सुनिता कहती हैं, "बच्चे जब सैनिटाइटर और हैंडवॉश लिक्विड की बोतलें देखते थे, तो चिंतित हो जाते थे। लेकिन मैंने इस चीज को आसान बनाने के लिए कुछ लोकप्रिय मराठी कविताओं का सहारा लिया और एक मजेदार हैंडवाश कविता बनाया।"
जहां सुनीता काम कर रही थी, वहां 30 से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके थे। उसके बावजूद सुनीता ने जागरूकता फैलाने का काम जारी रखा। वह कड़ी मेहनत करती थी ताकि लोगों में जागरुक फैले। यह उसकी ईमानदारी और अद्वितीय दृष्टिकोण था, जिसकी वजह से वयस्कों और बच्चों ने उस पर भरोसा दिखाया।
सुनिता का बच्चों को जागरुक करने का यह अनोखा तरीका लोगों को काफी पसंद आया, और एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें सुनिता कविता के माध्यम से उंगलियों, अंगूठे, हथेली और हाथों की कलाई को चरणबद्ध तरीके से साफ कर रही हैं। वीडियो में बच्चे भी कविता को गुनगुनाते हुए हाथ साफ करने का अभ्यास कर रहे हैं। 20 सेकेंड का यह वीडियो महाराष्ट्र के खेल आयुक्त ओमप्रकाश बकोरिया ने ट्विटर पर शेयर किया था।
कोरोना वायरस के खिलाफ लोगों को जागरूक करना आज भी सरकार और विभिन्न संस्थाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। लेकिन अवेयरनेस वॉरियर सुनीता नागकीर्ति ने सिद्ध करके दिखाया कि अगर तरीका अनोखा हो तो लोग अभियान के महत्व को समझते हैं। उन्होंने जिस तरह से कविता के माध्यम से औरंगाबाद के हॉटस्पॉट इलाके में लोगों को जागरूक किया, वो काबिल-ए-तारीफ है।
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