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इन 3 तरीकों से कर सकते हैं मॉर्न‍िंग वॉक, जानें इसके प्रकार और फायदे

मॉर्निंग वॉक करने के कई तरीके हैं, जो स्वास्थ्य को फायदे पहुंचाते हैं। इनमें नॉर्डिक वॉक, ब्रिस्क वॉक और मेडिटेटिव वॉक प्रमुख रूप से शाम‍िल हैं।
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इन 3 तरीकों से कर सकते हैं मॉर्न‍िंग वॉक, जानें इसके प्रकार और फायदे


मॉर्निंग वॉक, फ‍िटनेस का शॉर्टकट है। अगर आपके पास एक्‍सरसाइज करने का समय नहीं है, तो सुबह की सैर को अपनी द‍िनचर्या का ह‍िस्‍सा बनाएं। व्यस्त लाइफस्‍टाइल में सुबह की सैर आपके दिन की शुरुआत को ताजगी और पॉज‍िट‍िव‍िटी से भर देती है।नियमित वॉक न केवल वजन कंट्रोल करने में मदद करती है, बल्कि हृदय, मांसपेशियों और हड्डियों की सेहत के लिए भी लाभकारी है। मॉर्निंग वॉक तनाव, चिंता और अवसाद को कम करती है। यह एंडोर्फिन नामक हैप्पी हार्मोन को बढ़ाने में मदद करती है, जिससे मन शांत रहता है। जो लोग नियमित वॉक करते हैं, उन्हें गहरी और अच्छी नींद आती है। मॉर्निंग वॉक से कोलेस्ट्रॉल लेवल को घटाने में मदद करती है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है। इस लेख में जानेंगे मॉर्निंग वॉक के 3 प्रकार, उन्‍हें करने का तरीका और फायदे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के व‍िकास नगर की फ‍िटनेस एक्‍सपर्ट पायल अस्‍थाना से बात की।

1. नॉर्डिक वॉक- Nordic Walk

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यह वॉक विशेष स्टिक्स (डंडों) के साथ की जाती है, जो स्कीइंग जैसी तकनीक का इस्‍तेमाल करती है। इसमें पैर और हाथ दोनों एक्‍ट‍िव रहते हैं, जिससे पूरे शरीर की एक्सरसाइज होती है।

फायदे:

  • शरीर के 80 प्रत‍िशत मांसपेशियां एक्‍ट‍िव होती हैं और वेट लॉस होता है।
  • सामान्य वॉक की तुलना में 20-40 प्रत‍िशत ज्‍यादा कैलोरीज बर्न होती है।
  • जोड़ों पर दबाव कम पड़ता है, खासकर घुटनों और पीठ पर।
  • बैलेंस और शरीर की मुद्रा (Posture) में सुधार होता है।

कैसे करें:

  • नॉर्डिक वॉकिंग के लिए खास डंडे (स्टिक्स) खरीदें।
  • डंडों को हल्के झुकाव पर पकड़ें और अपने कंधों को रिलैक्स रखें।
  • चलते समय एक हाथ आगे और विपरीत पैर आगे बढ़ाएं।
  • हाथों और पैरों के बीच तालमेल बनाए रखें।
  • शुरुआत में धीमी गति से शुरू करें और धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाएं।

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2. ब्रिस्क वॉक- Brisk Walk

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ब्रिस्क वॉक तेज गति से चलने की प्रक्रिया है, जिसमें आप बिना रुके और अपनी सामान्य गति से तेज चलते हैं। इसे एरोबिक एक्सरसाइज माना जाता है।

फायदे:

  • ब्रिस्क वॉक, हार्ट और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाती है।
  • ब्रिस्क वॉक, वजन घटाने और मेटाबोलिज्म सुधारने में मदद करती है।
  • इस वॉक से ब्‍लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।
  • शरीर को एनर्जी मिलती है और थकान दूर होती है।

कैसे करें:

  • सीधे खड़े होकर चलना शुरू करें, पीठ और कंधे सीधे रखें।
  • तेज गति से चलें, लेकिन ध्यान रखें कि सांस लेने में तकलीफ न हो।
  • चाल स्थिर और लंबी होनी चाहिए।
  • हर दिन कम से कम 30 मिनट ब्रिस्क वॉक करें।
  • इसे वर्कआउट से पहले वार्मअप या दिन की शुरुआत के लिए करें।

3. मेडिटेटिव वॉक- Meditative Walk

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मेडिटेटिव वॉक का काम है फ‍िज‍िकल वॉक के साथ स्‍ट्रेस के लक्षण कम करना और ध्यान केंद्रित करना। यह धीमी गति से चलने और अपनी सांसों व कदमों पर ध्यान देने का एक आसान तरीका है।

फायदे:

  • तनाव के लक्षण और चिंता को कम करने में मदद म‍िलती है।
  • ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाती है।
  • ब्लड प्रेशर और हार्ट की धड़कन को स्थिर बनाने में मदद म‍िलती है।

कैसे करें:

  • किसी शांत जगह को चुनें, जैसे पार्क या गार्डन।
  • धीमी गति से चलें और हर कदम पर ध्यान दें।
  • सांसों पर ध्यान केंद्रित करें, गहरी सांस लें और छोड़ें।
  • चलने के दौरान अपने चारों ओर के वातावरण को महसूस करें।
  • दिन में 10-15 मिनट से शुरू करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।

नॉर्डिक वॉक पूरे शरीर को मजबूत करता है, ब्रिस्क वॉक हार्ट और वेट लॉस के लिए फायदेमंद है जबकि मेडिटेटिव वॉक मानसिक शांति और ध्यान के लिए असरदार है। अपनी जरूरत और पसंद के अनुसार इन्हें चुन सकते हैं।

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