Aerobic exercise may prevent brain fog in Hindi: ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसका इलाज अभी भी पूरी तरह से संभव नहीं हो पाया है। हालांकि, शुरुआती स्टेज में अगर इसका सही इलाज शुरु कर दिया जाए तो ज्यादातर मामलों में यह ठीक भी हो जाता है। कैंसर के दौरान मरीज को कीमोथेरेपी दी जाती है, जो काफी दर्दभरी होती है। कीमोथेरेपी के बाद कई बार मरीज में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जैसे शरीर कमजोर होना, वजन घटना और ज्यादा थकान महसूस होना आदि। ब्रेस्ट कैंसर के दौरान कीमोथेरेपी लेने के बाद बहुत से लोग ब्रेन फॉग की समस्या का अनुभव करते हैं। इसे लेकर हाल ही में एक स्टडी की गई है, जिसमें कहा गया है कि ब्रेन फॉग से बचने के लिए एरोबिक एक्सरसाइज फायदेमंद होती है।
क्या कहती है स्टडी?
जर्नल कैंसर में प्रकाशित इस स्टडी के मुताबिक ब्रेन फॉग मरीजों में एक कीमोथेरेपी के बाद होने वाले एक साइड इफेक्ट है। कीमो लेने के बाद 70 फीसदी से ज्यादा मरीज ब्रेन से जुड़ी समस्याओं का अनुभव करते हैं। स्टडी के लीड ऑथर ब्रुनेट के मुताबिक ब्रेस्ट कैंसर में ली जाने वाली कीमोथेरेपी के कारण होने वाले ब्रेन फॉग के लिए आप एरोबिक एक्सरसाइज कर सकती हैं। बहुत सी महिलाओं ने कीमो के बाद एक्सरसाइज कर ब्रेन फंक्शन्स को बेहतर किया है।
ब्रेन फॉग में एरोबिक एक्सरसाइज कैसे होती है फायदेमंद?
एरोबिक एक्सरसाइज न केवल आपकी फीजिकल बल्कि, मेंटल हेल्थ को भी दुरुस्त रखती है। एरोबिक करने से ब्रेन फंक्शन्स बढ़ने के साथ ही कॉग्निटिव फंक्शन्स पर अच्छा असर पड़ता है। इससे ब्रेन में मौजूद हिप्पोकैंपस साइज बढ़ता है, जो मेमोरी को बढ़ाने में मदद करता है। एरोबिक करने से भूलने और सोचने-समझने में होने वाली कठिनाई कम होती है, जिससे ब्रेन फॉग के लक्षणों से राहत मिलती है।
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ब्रेन फॉग के लक्षण
- ब्रेन फॉग होने पर आपको थकान और कमजोरी हो सकती है।
- ऐसे में सोचने-समझने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
- ऐसे में मरीज को चक्कर आने के साथ-साथ सिर में दर्द हो सकता है।
- ब्रेन फॉग होने पर मरीज को बार-बार भ्रम हो सकता है।
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