
TV Actress Ashwini Kalsekar Could Not Conceive Child Because Infertility issue: टीवी शो कसम से, जिज्ञासा और नागिन में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाने वाली एक्ट्रेस अश्विनी कालसेकर ने अपनी लाइफ को लेकर बड़ा खुलासा किया है। पिछले दिनों एक पॉडकास्ट के साथ बातचीत करते हुए अश्विनी कालसेकर ने बताया कि फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं और कई बीमारियों के कारण वो मां नहीं बन पाईं। लाइफ के जुड़े अनकहे पहलुओं पर बात करते हुए अश्विनी कालसेकर ने कहा कि स्वास्थ्य समस्याओं के कारण वो आज तक मां नहीं बन पाई है। एक महिला के लिए बच्चा पैदा करने का फैसला करना एक बड़ा फैसला होता है। जब ऐसा नहीं होता है तो यह महिलाओं पर भावनात्मक रूप और मानसिक तौर पर भी असर डालता है और एक्ट्रेस के साथ भी ऐसा ही हुआ।
किडनी की दिक्कत की वजह से नहीं बन पाईं मां
अश्विनी कालसेकर ने कहा, "मैंने और मेरे पति मुरली ने बच्चे के बारे में सोचा था, लेकिन मुझे किडनी की दिक्कत है। जब हमने इस बारे में डॉक्टर से बात की, तो उन्होंने कहा कि किडनी की बीमारी मेरे और बच्चे दोनों के लिए काफी खतरनाक है। 15 साल पहले सरोगेसी का भी दौर नहीं था। उस वक्त करियर की शुरुआत की वजह से मेरी और मेरे पति की फाइनेंशियल कंडीशन भी अच्छी नहीं थी कि हम सरोगेसी के जरिए बच्चे अपनी लाइफ में लेकर आ पाए। इलाज के दौरान डॉक्टर ने एक पॉइंट पर आकर हमको बोल दिया था कि मेरी किडनी बच्चे का लोड नहीं ले पाएगी। बॉडी के लिए मेंटली और फिजिकली ये सही नहीं है। यही वजह से शादी के 15 साल बाद भी मैं 54 साल की उम्र में मां नहीं बन पाई हूं।"
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51 साल की उम्र में हुआ मेनोपॉज
इंटरव्यू के दौरान एक्ट्रेस ने आगे बताया कि उन्हें महज 51 साल की उम्र में मेनोपॉज की समस्या से गुजरना पड़ा। मेनोपॉज की वजह से उनका वजन भी काफी कम हो गया था। मेनोपॉज का असर मेरी इमोशनल और फिजिकल हेल्थ दोनों पर पड़ा, लेकिन अब मैं ठीक हूं। मेरे बच्चे नहीं हुए तो क्या मैं अपने मां-बाप और सास-ससुर की सेवा कर रही हूं। एक मंच के जरिए अश्विनी कालसेकर का अनुभव चिकित्सा स्थितियों और मातृत्व के आसपास के सामाजिक दबावों के कारण बांझपन से जूझ रही महिलाओं के सामने आने वाली व्यापक चुनौतियों के बारे में बताता है।
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किडनी की बीमारी प्रेग्नेंसी को मुश्किल कैसे बनाती है?- How does kidney disease complicate pregnancy?
किडनी शरीर से विषाक्त पदार्थ को फिल्टर करने और उन्हें बाहर निकालकर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करती है। प्रेग्नेंसी के दौरान, किडनी का काम और भी ज्यादा बढ़ जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में गर्भ को पोषण देने के लिए खून की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे किडनी पर अधिक काम करने का दबाव होता है। यदि किसी महिला को पहले से किडनी से जुड़ी बीमारी है, तो यह दबाव बढ़ाकर मां और गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है।
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- किडनी की बीमारी से जूझ रही महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी देखी जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर कई गंभीर बीमारियों और प्री-एक्लेम्पसिया (गर्भावस्था में होने वाली गंभीर स्थिति) का खतरा बढ़ता है।
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- किडनी से जूझ रही महिलाओं के मूत्र में हाई प्रोटीन की स्थिति भी देखी जाती है। अगर कोई महिला इस स्थिति से गुजर रही है, तो यह बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास को खराब कर सकती है। इतना ही नहीं शरीर से हाई प्रोटीन निकलने की वजह से प्रीमेच्योर डिलीवरी का भी खतरा बढ़ता है।
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