तुलसी कई प्रकार की होती है। उनमें से एक प्रकार है बर्बरी तुलसी। यह तुलसी अनेक एक पौष्टिक तत्वों से भरपूर है। आयुर्वेद में बर्बरी तुलसी का उपयोग भूख को बढ़ाने, दिल के स्वास्थ्य को अच्छा बनाने, आंखों की बीमारी को दूर करने, पेट दर्द को दूर करने आदि में किया जाता है। बता दें कि तुलसी बर्बरी के फूल, बेहद सुगंधित और रंगों में सफेद, गुलाब में बैगनी रंग के पाए जाते हैं। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपनी इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि तुलसी बर्बरी के उपयोग से क्या- क्या फायदे हैं। साथ ही उपयोग और नुकसान के बारे में भी जानेंगे। इसके लिए हमने आयुर्वेद संजीवनी हर्बल क्लिनिक शकरपुर, लक्ष्मी नगर के आयुर्वेदाचार्य डॉ एम मुफिक (Ayurvedacharya Dr. M Mufik) से भी बात की है। पढ़ते हैं आगे...
1 - कान के दर्द को करे ठीक
कुछ लोग कान के दर्द से बेहद परेशान रहते हैं उन लोगों को बता दें कि इस दर्द को दूर करने में जंगली तुलसी आपके बेहद काम आ सकती है। आप वन तुलसी के रस को कान में डालें और थोड़े समय के लिए ऐसे ही छोड़ दें ऐसा करने से कान के दर्द से राहत मिलेगी।
2 - मूत्र रोग से दिलाए छुटकारा
मूत्र रोगों से छुटकारा दिलाने में भी जंगली तुलसी आपके बेहद काम आ सकती है। ऐसे में आ वन तुलसी के अर्क का सेवन मिश्री के साथ करें। ऐसा करने से मूत्र रोग तो दूर होंगे ही साथ ही शरीर के विषाक्त पदार्थ भी मूत्र के माध्यम से बाहर आ जाएंगे।
इसे भी पढ़ें- तुलसी और अजवाइन का पानी पीने से मिलते हैं ये 7 फायदे
3 - मोच तो करे ठीक
जब किसी व्यक्ति को मोच की समस्या होती है तो वे अधिक दर्द का सामना करता है। ऐसे में इस समस्या को दूर करने में वन तुलसी आपके बेहद काम आ सकती है। आप जंगली तुलसी के पत्तों को पानी में अच्छे से धोएं और उसका पेस्ट तैयार करें। अब उसे प्रभावित स्थान पर लगाएं। ऐसा करने से मोच जल्दी ठीक होगी।
4 - घाव को जल्दी भरे
घाव जल्दी भरने में जंगली तुलसी आपके बेहद काम आ सकती है। ऐसे में आप वन तुलसी के पत्तों को लें और उसमें पानी मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें। उस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाएं। ऐसा करने से घाव जल्दी भर जाता है।
5 - साइनस से छुटकारा
साइनस की समस्या को दूर करने में भी वन तुलसी आपके बेहद काम आ सकती है। बता दें कि जंगली तुलसी के पत्तों को पीसकर अगर प्रभावित स्थान पर लगाया जाए तो साइनस से आराम मिलता है। इससे अलग जो लोग माइग्रेन की समस्या का शिकार है वे भी जंगली तुलसी का सेवन कर इस समस्या से राहत पा सकते हैं।
6 - बुखार को करे ठीक
अक्सर लोग बुखार की समस्या में शरीर में बेहद कमजोरी और तापमान बढ़ता या घटता महसूस करते हैं। ऐसे में बता दें कि जंगली तुलसी के बीज बुखार को दूर करने में बेहद उपयोगी हैं। ऐसे में आप जंगली तुलसी के बीजों को पीसें और उसका शरबत बनाएं। उस शरबत को पीने से बुखार ठीक हो सकता है।
7 - त्वचा संबंधित रोगों से करे बचाव
बता दें कि जो लोग त्वचा संबंधित समस्याओं से परेशान है वह जंगली तुलसी के उपयोग से समस्या को दूर कर सकते हैं। वन तुलसी के अंदर एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं जो त्वचा रोगों से फायदा दिलाने में उपयोगी हैं। लेकिन इसका सीधा इस्तेमाल आपकी त्वचा पर करने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूरी लें।
इसे भी पढ़ें- तुलसी के तेल के 7 फायदे, सावधानियां और इस्तेमाल करने का तरीका
बर्बरी तुलसी का उपयोग
बर्बरी तुलसी का उपयोग उसके बीज, पत्ते, जड और पंचांग के रूप में किया जा सकता है। लेकिन इसका उपयोग डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
बर्बरी तुलसी से होने वाले नुकसान
किसी भी चीज के अति सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है। ऐसा ही कुछ बर्बरी तुलसी के साथ भी है। इसकी अधिकता से शरीर में कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
1 - बर्बरी तुलसी की अधिकता से शरीर में एलर्जी की समस्या हो सकती है।
2 - गर्भवती महिलाएं या स्तनपान कराने वाली महिलाएं बर्बरी तुलसी का सेवन डॉक्टर की सलाह पर करें।
3 - बच्चों को बर्बरी तुलसी देने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूरी लें।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि बर्बरी तुलसी सेहत के लिए बेहद उपयोगी है। लेकिन इसकी अधिकता से सेहत को नुकसान भी पहुंच सकता है। ऐसे में बर्बरी तुलसी को अपनी डाइट में जोड़ने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। अगर आपको स्पेशल डाइट फॉलो कर रहे हैं या किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त है तब भी बर्बरी तुलसी को अपनी डाइट में जोड़ने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।
इस लेख में इस्तेमाल की जानें वाली फोटोज़ Freepik से ली गई हैं।
Read More Articles on Ayurveda in hindi
Read Next
दांत दर्द, फुंसी, घाव जैसी इन 5 समस्याओं में फायदेमंद है सरफोंका (शरपुंखा), जानें प्रयोग का तरीका
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version