Doctor Verified

थायरॉइड में सुबह खाली पेट तुलसी का पानी पीने से क्या फायदे होते हैं? आयुर्वेदाचार्य से जानें

थायरॉइड ग्लैंड के प्रभावित होने से शरीर में थायरॉइड हार्मोन में कमी या अधिकता हो सकती है। इस लेख में जानते हैं कि सुबह तुलसी का पानी पीने में थायरॉइड की समस्या में क्या फायदे होते हैं?
  • SHARE
  • FOLLOW
थायरॉइड में सुबह खाली पेट तुलसी का पानी पीने से क्या फायदे होते हैं? आयुर्वेदाचार्य से जानें


Benefits of Tulsi Water For Thyroid: हमारे गले में थायरॉइड ग्लैंड स्थित होता है। शरीर के अन्य अंगों की तरह यह भी हमारे स्वास्थ्य के लिए कई मुख्य कार्य करता है। इसका प्रमुख कार्य थायरॉइड हार्मोन को रिलीज करना है। लेकिन, जब थायरॉइड ग्लैंड सही तरह से कार्य नहीं करता है तो इस स्थिति में थायरॉइड हार्मोन की कमी या अधिकता हो सकती है। यह दोनों ही स्थिति सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है। ऐसे में कुछ लोगों को वजन बढ़ना, थकान, तनाव, और अन्य स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें आ सकती हैं। ऐसे में तुलसी का पानी एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय हो सकता है, जो थायरॉइड को संतुलित रखने में मदद करता है। इसमें औषधीय गुणों के कारण यह शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, तनाव को कम करने, और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करती है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जातने हैं कि सुबह के समय तुलसी का पानी पीने थायरॉइड में क्या फायदे मिलते हैं? 

तुलसी के पानी से थायरॉइड में फायदे - Tulsi Water Benefits For Thyroid In Hindi 

थायरॉइड हार्मोन को संतुलित करना

तुलसी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण थायरॉइड ग्रंथि के कार्य को सुचारू रूप से बनाए रखने में सहायक होते हैं। यह हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म दोनों के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।

मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है

थायरॉइड ग्रंथि का असंतुलन मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है, जिससे वजन बढ़ सकता है या कम हो सकता है। तुलसी का पानी शरीर के मेटाबॉलिज्म को सुधारने में मदद करता है, जिससे एनर्जी का लेवल बेहतर बना रहता है।

Benefits-of-drinking-tulsi-water-for-thyroid-in

तनाव और चिंता को कम करें

तुलसी एक प्राकृतिक एडेप्टोजेन है, जो शरीर को तनाव से लड़ने में मदद करता है। चूंकि तनाव भी थायरॉइड असंतुलन का एक मुख्य कारण हो सकता है, इसलिए तुलसी का पानी पीने से तनाव कम होता है और थायरॉइड के कार्य में सुधार आता है।

इम्यून सिस्टम को मजबूत करना

तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली थायरॉइड विकारों को नियंत्रित करने में सहायक हो सकती है।

सूजन को कम करें

थायरॉइड असंतुलन के कारण शरीर में सूजन आ सकती है। तुलसी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर की सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे थायरॉइड ग्रंथि का कार्य सुचारू रूप से होता है।

तुलसी का पानी बनाने की विधि - How To Make Tulsi Water In Hindi 

  • एक गिलास पानी में करीब 5 से 7 तुलसी की पत्तियां डालकर रातभर के लिए भिगो दें।
  • सुबह इसे हल्का गुनगुना करें और छानकर पी लें।
  • स्वाद के लिए आप इसमें थोड़ा सा शहद भी मिला सकते हैं।
  • इसे सुबह खाली पेट पीने से अधिक लाभ होता है।
  • अधिक मात्रा में सेवन करने से बचें, क्योंकि अत्यधिक तुलसी का सेवन रक्त को पतला कर सकती है।
  • यदि आप गर्भवती हैं या कोई विशेष दवा ले रहे हैं, तो पहले डॉक्टर से सलाह के बाद ही इसका सेवन करें। 

इसे भी पढ़ें: सुबह पानी में उबालकर पिएं तुलसी की पत्तियां, सेहत को मिलेंगे 5 जबरदस्त फायदे

तुलसी का पानी एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय है जो थायरॉइड को संतुलित रखने में मदद कर सकता है। इसके नियमित सेवन से न केवल थायरॉइड ग्रंथि के कार्य में सुधार होता है, बल्कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है, तनाव कम होता है और मेटाबॉलिज्म सही रहता है। यदि आप थायरॉइड संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हैं, तो अपनी डेली डाइट में तुलसी का पानी शामिल करके इसके लाभ उठा सकते हैं।

Read Next

ब्लड शुगर कंट्रोल रखने में कैसे मदद करता है त्रिकटु चूर्ण, जानें आयुर्वेदाचार्य से

Disclaimer