मौसम बदलने के साथ-साथ कई बीमारियां दस्तक देना शुरू कर देती हैं। खासतौर पर बरसात के मौसम में वायरस फीवर का खतरा काफी ज्यादा रहता है। क्योंकि कब तेज बारिश और तेज धूप आ जाए, पता ही नहीं लगता है। इसलिए इस मौसम में सावधानी बरतने की आवश्यकता तुलनात्मक रूप से अधिक होती है। दरअसल, मौसम में बदलाव के साथ-साथ लोगों की इम्यूनिटी भी काफी कमजोर हो जाती है। इसलिए बदलते मौसम में ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए, जिससे आपकी इम्यूनिटी बूस्ट हो सके। वहीं, अगर आप वायरल फीवर की चपेट में आ गए हैं, तो आपको दवाइयों के साथ-साथ घरेलू नुस्खों को भी अपनाने की आवश्यकता होती है। ताकि वायरल फीवर में होने वाली परेशानियों से बचा जा सके।
इस बारे में सिरसा स्थित अमृत आयुर्वेद क्लीनिक के आयुर्वेदार्य डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि वायरस फीवर होने पर आप घरेलू नुस्खों का सहारा लेकर शरीर के तापमान को कम कर सकते हैं। कई एलोपैथी डॉक्टर्स भी बुखार को कम करने के लिए घरेलू नुस्खे अपनाने की सलाह देते हैं। हालांकि, अगर आपको काफी तेज बुखार है, तो एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। ताकि बुखार के कारणों का पता चल सके। अगर आपको वायरल फीवर है, तो आप इससे निपटने के लिए कुछ बेहतरीन घरेलू नुस्खों का सहारा ले सकते हैं। चलिए जानते हैं उन घरेलू नुस्खों के बारे में-
1. ठंडे पानी की लें पट्टी
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि सिर पर ठंडे पानी की पट्टी लेने से वायरल फीवर में शरीर के तापमान को कम किया जा सकता है। यह नुस्खा बहुत ही पुराना नुस्खा है। लगभग हर कोई बुखार होने के शुरुआत में इस नुस्खे को जरूर अपनाता है। कई डॉक्टर बुखार होने पर शरीर के तापमान को कंट्रोल करने के लिए ठंडे पानी की पट्टी लेने की सलाह देते हैं। ठंडे पानी की पट्टी लेने से शरीर के तापमान को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले 1 रुमाल या फिर कोई कॉटन का कपड़ा लें। अब एक कटोरी में बर्फ का पानी लें। इसके बाद कपड़े को इस पानी में भिगोकर निचोड़ लें और पट्टी की तरह बुखार से प्रभावित व्यक्ति के सिर पर लगाएं। आप चाहें, तो इस पट्टी को शरीर के अन्य हिस्सों जैसे- पैरों के तलबे, हथेलियों और सीने पर भी लगा सकते हैँ। इससे शरीर का तापमान कंट्रोल में रहता है।
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2. तुलसी का काढ़ा
आयुर्वेद में तुलसी का विशेष महत्व होता है। इम्यूनिटी बूस्ट करने से लेकर कई बीमारियों को दूर करने में तुलसी का इस्तेमाल होता है। इसके सेवन से आप वायरल फीवर को दूर रख सकते हैं। साथ ही इससे आपको वायरल फीवर में होने वाली कई परेशानियों से राहत भी मिल सकता है। तुलसी का सेवन आप कच्चा चबाकर भी कर सकते हैँ। इसके अलावा तुलसी काढ़ा भी पिया जा सकता है। तुलसी का काढ़ा बनाने के लिए 1.5 कप पानी लें। अब इस पानी में 10 से 12 तुलसी की पत्तियां डालकर इसे तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए। इसके बाद इसे एक कप में छानकर इसमें शहद मिलाकर पिएं। इससे वायरस फीवर से छुटकारा मिल सकता है।
3. हल्दी और सौंठ का काढ़ा
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि वायरल फीवर से ग्रसित व्यक्ति को हल्दी और सौंठ का काढ़ा भी दिया जा सकता है। यह दोनों एंटी-ऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं, जो बुखार को ठीक करने में आपकी मदद कर सकते हैं। हल्दी और सौंठ का काढ़ा तैयार करने के लिए एक पैन में 1 कप पानी डालें। अब इसमें आधा चम्मच काली मिर्च, 1 चुटकी हल्दी और आधा चम्मच करीब सौंठ का पाउडर डालें। इसके बाद इसे गर्म करें। जब पानी आधा रह जाए, तो गैस बंद करके इसे ठंडा करें। हल्का ठंडा होने पर इसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं। अब इस तैयार काढ़े को पिएं। इस काढ़े को आप दिन में कम से कम 2 बार पी सकते हैं। इससे वायरल फीवर से काफी आराम मिल सकता है।
4. दालचीनी की चाय
डॉक्टर बताते हैं कि दालचीनी से तैयार चाय का सेवन करने से वायरस फीवर में होने वाली परेशानियां जैसे- खांसी, जुकाम और गले में खराश की समस्या को दूर किया जा सकता है। इस चाय को तैयार करने के लिए आप 1 कप पानी में 1 इंच करीब दालचीनी डालकर उबालें। इसके बाद आप इसमें 1 से 2 हरी इलायची भी डाल सकते हैं। इस पानी को करीब 10 मिनट तक धीमी आंच में पकाएं। जब पानी 1/3 रह जाए, तो इसे छानकर पी लें। आप चाहें तो इसमें शहद भी मिला सकते हैं। दालचीनी की यह चाय सर्दी-जुकाम और शरीर के तामपान को कंट्रोल कर सकता है।
दालचीनी एक नैचुरल एंटीबायोटिक है। जो गले में खराश, सर्दी-जुकाम के साथ-साथ बुखार की समस्या से भी आराम दिला सकती है। इसके लिए एक पैन में एक कप पानी में एक छोटा चम्मच दालचीनी और 2 इलायची डालकर करीब 5 मिनट उबाल लें। इसके बाद इसे छानकर गुनगुना पिएं।
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5. काली मिर्च और शहद
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि काली मिर्च और शहद का मिश्रण बच्चों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। अगर आपके शिशु को वायरल बुखार हो गया है, तो आप यह मिश्रण बच्चे को दे सकते हैं। इस मिश्रण को तैयार करने के लिए 1 चम्मच में थोड़ा सा शहद लें। अब इस शहद को उंगली की मदद से फेंटें। जब फेंटते हुए शहद हल्का सा गर्म हो जाए, तो इसमें 1 से 2 चुटकी काली मिर्च डाल दें। इसके बाद इसे अपने बच्चों को चटाएं। इससे वायरल फीवर में होने वाली परेशानी दूर की जा सकती है। लेकिन ध्यान रखें कि बच्चों को शहद देते समय इसे गर्म न करें। कुछ लोग बच्चों को शहद चटाने के लिए उसे गर्म करते हैं, जो आयुर्वेद के अनुसार बिल्कुल गलत तरीका है।
6. नींबू, अजवाइन और काली मिर्च
वायरस फीवर और शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए आप नींबू, अजवाइन और काली मिर्च से तैयार काढ़ा पी सकते हैं। इससे वायरल फीवर और इंफेक्शन की वजह से होने वाली समस्याओं को कंट्रोल किया जा सकता है।
इस काढ़े को तैयार करने के लिए 1 पैन में 1.5 कप पानी लें। अब इसमें 1 चम्मच अजवाइन और काली मिर्च डालकर उबालें। जब पानी आधा रह जाए, तो इसे छान लें। इसके बाद इसमें नींबू के रस की दो से तीन बूंदें डाल दें। इस काढ़े को पीने से गले की खराब, इंफेक्शन और वायरल फीवर को दूर किया जा सकता है। साथ ही आपकी इम्यूनिटी बूस्ट हो सकती है।
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7. धनिया की चाय
वायरल फीवर की समस्या को दूर करने के लिए धनिया की चाय का सेवन भी किया जा सकता है। धनिया में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण कई बीमारियों को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैँ। धनिया चाय बनाने के लिए सबसे पहले 1 पैन में दो गिलास पानी डालें। अब इसमें थोड़ा 2 से 3 चम्मच धनिया के दाने डालकर इसे अच्छे से उबालें। जब पानी आधा रह जाए, तो गैस बंद करके इसे पिएं। यह चाय आपकी इम्यूनिटी को बूस्ट करने में भी मददगार हो सकता है। इसका सेवन नियमित रूप से करने से वायरल फीवर से काफी हद तक बच सकते हैं।
वायरल फीवर की परेशानियों को दूर करने के लिए आप इन घरेलू नुस्खों का सहारा ले सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि अगर नुस्खों को अपनाने के बावजूद आपकी परेशानी कम नहीं हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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