कोरोना से मां को खोकर भी नहीं हारे हिम्मत, घर पर ही इन 3 कोरोना पॉजिटिव भाई-बहनों ने ऐसे लड़ी कोविड से लड़ाई

तीनों भाई-बहन (निकिता, मनीष और लक्ष्य) की तरह ही आप भी कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हो सकते हैं। जानें इन तीनों भाई-बहन ने होम आइसोलेशन में अपना ध्यान कैसे रखा। 
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कोरोना से मां को खोकर भी नहीं हारे हिम्मत, घर पर ही इन 3 कोरोना पॉजिटिव भाई-बहनों ने ऐसे लड़ी कोविड से लड़ाई


कोरोना से डरने पर आप कमजोर पड़ सकते हैं। आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है। इसलिए अगर आपको कोरोना हो भी जाता है, तो बिल्कुल भी डरने की जरूरत नहीं है। हिम्मत रखकर आप कोरोना से बिल्कुल ठीक हो सकते हैं। ऐसा कहना है रोहिणी में रहने वाली निकिता और उसके दो भाईयों (मनीष और लक्ष्य) का। दरअसल, सबसे पहले यानी 24 अप्रैल को निकिता की मम्मी कोरोना पॉजिटिव हुई थीं। ऑक्सीजन लेवल कम होने और अस्पताल में बैड न मिलने की वजह से 25 अप्रैल को उनकी मम्मी की जान चली गई। इसके बाद उन्होंने अपना टेस्ट करवाया, तो वे तीनों भाई-बहन भी कोरोना पॉजिटिव निकलें। इसके बाद उन्होंने खुद को होम आइसोलेट किया और डॉक्टर की सलाह पर दवाइयों का सेवन किया।  

true story of covid survivours

कोरोना से गई थी मम्मी की जान (Mother's Life Was Lost From Corona)

निकिता बताती हैं कि काफी दिनों से उसकी मम्मी की तबियत खराब थी। उन्हें डायरिया और उल्टी हो रही थी। ऐसे में मैं उनकी देखभाल करने के लिए अपने ससुराल से मम्मी के पास आ गई। इसके बाद डॉक्टर से उन्हें कोरोना की जांच करवाने की सलाह दी। तब उन्होंने अपनी मम्मी का आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाया। निकिता बताती हैं कि 24 अप्रैल की मम्मी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद हम उन्हें होम आइसोलेशन में ही रखना चाहते थे, लेकिन 24 अप्रैल को ही रात में उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ने लगी। उनका ऑक्सीजन लेवल काफी डाउन होता गया और शुगर लेवल बढ़ता गया। इसके बाद हम मम्मी को हॉस्पिटल में एडमिट करवाना चाहते थे, कई मशकक्त के बाद नरेला के एक हॉस्पिटल में हमें रात को बैड मिला, लेकिन वहां सिर्फ 2 घंटे की ही ऑक्सीजन थी। हमने फिर भी उन्हें वहां एडमिट करवा दिया। इसके बाद हम ऑक्सीजन की व्यवस्था करने लगें, तभी डॉक्टर ने कहा कि अब इन्हें वेंटिलेटर की जरूरत है। ऐसे में पूरी रात वेंटिलटर ढू़ढ़ने में ही निकल गई। 25 अप्रैल की सुबह करीब 10 बजे मम्मी हमें छोड़ कर चली गई।

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कब हुए कोरोना पॉजिटिव (When Did They Test Corona Positive)

25 अप्रैल को मम्मी की जान जाने के बाद हम सबने यानी मेरे पापा, मेरे पति और हम तीनों भाई-बहन ने भी अपना कोरोना टेस्ट करवाया। इसके बाद मेरे पापा और पति की रिपोर्ट नेगेटिव आई और हम तीनों भाई-बहन कोरोना पॉजिटिव निकलें। इसके बाद हम तीनों ने खुद को होम आइसोलेट कर लिया। डॉक्टर से संपर्क कर खुद का इलाज करवाया। महज 5 दिन में हमारी दवाई बंद हो गई थी।

क्या थे शुरुआती लक्षण (Early Symptoms of Them)

हम तीनों भाई-बहन को शुरुआत में थोड़ा बहुत जुकाम और कमजोरी थी। इसके बाद हमने कोरोना टेस्ट करवाया, तो हम तीनों की रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। मेरी सीटी वैल्यू 27 थी। जबकि मेरे भाई मनीष की सीटी वैल्यू 19 और लक्ष्य की सीटी वैल्यू 25 थी। इसके बाद हमने डॉक्टर को अपनी रिपोर्ट के बारे में बताया और अपना इलाज करवाया। 

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होम आइसोलेशन में क्या करते थे (What They Did in Home Isolation)

लक्ष्य बताते हैं कि होम आइसोलेशन पीरियड में हम तीनों एक ही रूम में थे, लेकिन अलग-अलग बैड पर रहते थे। तीनों एक-दूसरे के संपर्क में आने से बचते थे और किसी भी चीज को छूने के बाद उसे सैनेटाइज जरूर करते थे। सबसे जरूरी बात यह है कि हम तीनों साथ में रहते थे, इसलिए डबल मास्क पहनते थे। इसके अलावा हम रोजाना 3 बार नमक के पानी से गरारे करते थे। निकिता कहती हैं कि डॉक्टर ने हमें स्टीम लेने की सलाह दी थी। ऐसे में हम नियमित रूप से दिनभर में 3 बार स्टीम लेते थे। साथ ही हम अपना  ऑक्सीजन लेवल भी समय-समय पर चेक करते रहते थे। 

कैसी थी डाइट (How Was Their Diet)

निकिता बताती हैं कि सुबह काढ़ा पीने के बाद हम नाश्ता करते थे, नाश्ते में हम तीनों पोहा, ओट्स या आमलेट खाते थे। लंच में हम फुल पेट रोटी, सब्जी और सलाद खाते थे। इस दौरान हमने ग्रीन वेजिटेब्लस खूब खाई। लंच करने के दो घंटे बाद हम मूंग और मसूर दाल को उबालकर पीते थे। इसे मैं दालचीनी, इलायची, काली मिर्च और लौंग भी मिलाती थी। इसे हम तीनों भाई-बहन पीते थे। रात को डिनर में हम हल्का खाना खाते थे। इसके अलावा हम विटामिन सी फ्रूट्स भी नियमित रूप से खाते रहते थे। साथ ही नारियल पानी भी पीते थे।

हम तीनों ने दिया एक-दूसरे का साथ (We Supported Each Other)

निकिता बताती हैं कि भले ही हम तीनों अलग-अलग बेड पर रहते थे। लेकिन इस दौरान हम खूब बातें करते थे, खूब मस्ती करते थे। इस दौरान हम तीनों एक-दूसरे के सपोर्टर बने रहें। हमने महसूस ही नहीं कि किया हम कोरोना पॉजिटिव हैं। हमने अपनी सामान्य जिंदगी की तरह ही आइसोलेशन पीरियड भी निकाला। होम आइसोलेशन के दौरान हमने खुद को बहुत स्ट्रांग रखा।

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कैसी थी उनकी दिनचर्या (How Was Their Routine)

मनीष बताते हैं कि हम तीनों सुबह उठते ही सबसे पहले नमक के पानी से गरारे करते थे। इसके बाद हम गर्म पानी पीते थे। पापा ने रेडिमेड काढ़ा ला कर दिया था, हम उसे नियमित रूप से सुबह उठकर पीते थे। इसके बाद हम तीनों योग करते थे। इसमें आधा घंटा प्राणायाम करते थे, ज्यादातर हम अनुलोम-विलोम करते थे। इसके साथ ही रात को प्रोन पॉजिशन में सोते थे। 

कैसे बिताते थे अपना समय (How Did They Spend Time)

हम तीनों एक ही रूम में रहते थे, इसलिए कभी बोरियत महसूस नहीं हुई। इस दौरान हम तीनों खूब बातें करते थे। तीनों मिलकर ऑनलाइन गेम खेलते थे और टीवी देखते थे। ऐसे में हमने खुद को नकारात्मक चीजों से दूर रखा। हम सॉन्ग सुनते थे, कॉमेडी मूवीज देखते थे। निकिता कहती हैं कि इसी तरह से हमने अपना होम आइसोलेशन पीरियड खत्म किया।

कौन-सी दवाईयां ली (We Took These Medicines for COVID Treatment-Nikita)

कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद हमने डॉक्टर से कंसल्ट किया। उन्होंने हमारे हेल्थ स्टेट्स और रिपोर्ट के आधार पर दवाइयां प्रिस्क्राइब की। डॉक्टर ने हमें 5 दिन की दवाइयां दी। इसमें तीनों की दवाइयां अलग-अलग थी। इसमें कुछ मल्टी विटामिंस, जुकाम और बुखार की दवाइयां शामिल थीं।

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क्या कहते हैं डॉक्टर (What Doctor Says on This)

निकिता और उसके भाईयों के होम आइसोलेशन पीरियड के बारे में सुनकर फोर्डा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर विवेक चौकसे काफी खुश होते हैं। वे कहते हैं कि मां को खोने के बाद आप खुद को हारा हुआ महसूस करते हैं। लेकिन जो हिम्मत निकिता और उसके भाईयों ने दिखाई वह बहुत जरूरी भी है। क्योंकि कोरोना या किसी भी बीमारी को हराने के लिए आपको खुद को पॉजिटिव रखना बहुत जरूरी होता है। अपने मन को शांत और सकारात्मक रखकर आप कोरोना को जरूर हरा सकते हैं। डॉक्टर विवेक कहते हैं कि इस दौरान आपको घबराना बिल्कुल भी नहीं है। क्योंकि पैनिक होने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है। इम्यूनिटी सिर्फ खाने से ही नहीं बल्कि पॉजिटिव रहकर भी बूस्ट होती है। अगर आप भी कोरोना पॉजिटिव हैं और होम आइसोलेशन में हैं, तो निकिता और उसके भाईयों की तरह हिम्मत करके आप भी ठीक हो सकते हैं। 

लोगों को क्या सुझाव देती हैं निकिता ( Nikita Suggestion to People About COVID Treatment and Recovery)

निकिता कहती हैं कि हम तीनों भाई-बहन ने कोरोना से अपनी मां को भी खोया। लेकिन हम फिर भी कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हुए हैं, यह बिल्कुल भी आसान नहीं था। ऐसे में पॉजिटिविटी से हमारा बहुत साथ दिया था। हम तीनों एक-दूसरे की हिम्मत बने रहें। दोनों भाई मेरे से छोटे हैं, ऐसे में मुझे हिम्मत रखना बहुत जरूरी था। क्योंकि उस समय मैं टूट जाती तो, हम तीनों की सेहत पर इसका बुरा असर पड़ सकता था। इसलिए मैं लोगों से भी यहीं कहना चाहती हूं कि कोरोना पॉजिटिव आने के बाद आपको बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए। आपको हिम्मत के साथ अपने होम आइसोलेशन पीरियड को जीना चाहिए। इसके साथ ही आपको अपनी डाइट का भी खास ध्यान रखना है। इससे आप बहुत जल्दी ही रिकवर हो जाएंगे।

अगर आप भी निकिता, मनीष और लक्ष्य की तरह की कोरोना पॉजिटिव होते हैं और होम आइसोलेशन में रहते हैं, तो आपको भी खुद को पॉजिटिव रखने की जरूरत है। पॉजिटिव रहने से आप इस बीमारी को आसानी से हरा सकते हैं। डॉक्टर भी पॉजिटि रहने की सलाह देते हैं। 

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