
दुनिया भर में कोविड-19 की स्थिति भयावह है। भारत में स्थिति (Coronavirus in india) ज्यादा खराब है। कोविड-19 की दूसरी लहर (Second wave of corona) पहली के मुकाबले ज्यादा खतरनाक है और तेजी से फैलने वाली है। हालांकि अभी तक सरकार की ओर से ऐसा कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया है जिसमें बताया गया हो कि दूसरी लहर पहली से कैसे अलग है। लेकिन रोजाना बढ़ते मामले दूसरी लहर की गंभीरता दिखा रहे हैं। कोरोना की पहली लहर में युवा इतने प्रभावित नहीं थे, जितने दूसरी लहर में हो रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार मीडिया के माध्यम से युवाओं से अपील कर रहे हैं कि वे अपना ख्याल रखें। स्थिति ठीक नहीं है। इसी महामारी के बीच कोविड से ठीक होने को लेकर कई तरह की सूचनाएं, घरेलू उपचार सोशल मीडिया पर तैर रहे हैं। इनमें से कई जानकारियां लोगों को भ्रमित करने वाली हैं। नमामी लाइफ में डेंटिस्ट और न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. शैली तोमर का कहना है कि इस वक्त जो लोग कोविड पॉजिटिव हो गए हैं या उनमें लक्षण दिखाई दे रहे हैं, वे कई तरह के ऐसे घरेलू उपचार अपना रहे हैं जो सोशल मीडिया पर तैर रहे हैं। पर सभी घरेलू उपचार या DIY कोरोना को ठीक करने में सफल नहीं है। डॉक्टर शैली तोमर ने यहां कई ऐसी भ्रमित करने वाली सूचनाएं और DIY ट्रीटमेंट के बारे में बताया है जो कोरोना पॉजिटिव होने पर आपको नहीं करनी हैं।
1. नेब्युलाइजर से ऑक्सीजन लेवल ठीक होता है?
डॉक्टर शैली ने ऐसे कई DIY की लिस्ट बनाई है जो लोग कोविड पॉजिटिव होने पर कर रहे हैं। वे बताती हैं कि इस वक्त लोगों को दवा की जरूरत है, नीम हकीम नुस्खों की नहीं है। शैली बताती हैं कि सोशल मीडिया एक व्यक्ति जो खुद को डॉक्टर होने का दावा कहता है वह बताता है कि नेब्युलाइजर से ऑक्सजीन का लेवल ठीक होता है। जबकि यह सच नहीं है। नेब्युलाइजर अस्थमा या bronchitis जैसी मेडिकल कंडीशन को ठीक करने में मददगार है, ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने से उसका कोई मतलब नहीं है। नेब्युलाइजर ऑक्सीजन सिलेंडर का विकल्प नहीं है।
2. कच्चे प्याज के साथ सेंधा नमक खाने से कोविड-19 ठीक होता है?
कच्चे प्याज के साथ सेंधा नमक (rock salt) खाने से कोविड-19 15 मिनट में ठीक हो जाता है, ऐसा दावा सोशल मीडिया पोस्ट्स करते हैं, पर यह सच नहीं है। कोविड के शुरूआती लक्षण दिखाई देने पर सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना, सैनिटाइजेशन करना और न्यूट्रीशनिस्ट डाइट लेने से कोविड ठीक होता है। कच्चा नमक और सेंधा नमक खाने से नहीं है। सेंधा नमक अन्य बीमारियों में मददगार है, कोविड में नहीं। शैली कहती हैं कि इस वक्त लोग डरे हुए हैं, इसलिए ऐसे में वे सोशल मीडिया पर जो भी सामग्री आ रही है उसे बिना सोचे समझे इस्तेमाल कर रहे हैं। यही वजह है कि सही जानकारी होने की वजह से कोरोना बढ़ रहा है। जिनको लक्षण दिखाई देते हैं उनके केस और ज्यादा बिगड़ जाते हैं, अगर वे सही समय पर इलाज शुरू नहीं करते।
इसे भी पढ़ें : क्या सूखी खांसी कोविड होने का लक्षण है? जानें सूखी खांसी का कारण और उपाय
3. खुशबूदार फूल की खूशबू आने से कोविड नेगेटिव हो जाते हैं
डॉक्टर शैली बताती हैं कि सोशल मीडिया यह भी मिथ चल रहा है कि कोरोना में जिन लोगों की सूंघने की क्षमता चली जाती है अगर वे उस स्थिति में किसी फूल को सूंघ लेते हैं और उसकी खूशबू आ जाती है तो वे कोरोना नेगेटिव हैं, पर यह दावा बिल्कुल झूठा है। शैली का कहना है कि कोरोना में बहुत से लोगों को स्मेल के लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता है कि जिसको स्मेल आ रही है वह कोविड पॉजिटिव नहीं है। अभी हवा में वायरस के 6 स्ट्रेन्स तैर रहे हैं। हमें नहीं पता कि हमें कौन सा वाला प्रभावित करने वाला है। इसलिए अपने सभी लक्षणों पर ध्यान दें, सिर्फ सूंघने की क्षमता पर नहीं है।
4. भाप लेने से कोरोना वायरस मरता है?
अगर हाई टेंपरेचर कोरोना वायरस को मार सकता था, तो भारत में मामले इतने नहीं बढ़ते। भारत में 15 मई तक कोरोना वायरस की पीक देखने को मिलेगी। इसलिए स्टीम लेने से पूरी तरह से कोरोना वायरस खत्म नहीं होता है। स्टीम लेने से congestion में मदद मिलती है। ज्यादा भाप न लें क्योंकि यह शरीर में हवा के मार्गों को बाधित करती है।
इसे भी पढ़ें : कोरोना मरीजों तक इमरजेंसी मदद पहुंचाने में कैसे हो रहा है सोशल मीडिया का इस्तेमाल, जानें कोविड हीरोज की कहानी
5. सांस को 10-20 सैकेंड के लिए होल्ड करने का मतलब है कि आपको कोविड नहीं है?
यह भ्रमित करने वाला दावा भी सोशल मीडिया भी खूब वायरल हो रहा है। दावे में कहा जा रहा है कि अगर आप 10 या 20 सैकेंड के लिए अपनी सांस रोक पा रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आप कोरोना से दूर हैं। डॉक्टर शैली ने बताया कि यह दावा बिल्कुल झूठ है। अगर आप कोरोना पॉजिटिव हैं, तो लैबोरेटरी टेस्ट कराइए, ताकि सही जानकारी आपको मिल सके।
6. टीका लगने के बाद कोरोना नहीं होगा?
कोरोना टीका की पहली डोज लगने के बाद लोगों को लगा कि अब उन्हें कोरोना नहीं होगा, पर फिर भी उन्हें कोरोना हुआ। डॉक्टर शैली का कहना है कि लोगों को कोरोना टीका की दूसरी डोज लगने के बाद भी कोरोना हो रहा है इस प्रकार के कोविड को “breakthrough covid” कहा जाता है। वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी अगर आपको कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
कोरोना की दूसरी लहर भयावह रूप से लोगों को परेशान कर रही है। कोरोना के बढ़ते मामले लोगों में पैनिक बढ़ रहे हैं। ऊपर से सोशल मीडिया पर लगातार लोगों के मरने की सूचनाएं देखकर ठीक-ठाक लोगों की भी मानसिक स्थिति खराब हो रही है। सोशल मीडिया पर कोरोना से ठीक होने को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं, जिनमें से कई दावे झूठे और भ्रमित करने वाले हैं। जो लोग इन दावों को सच मान रहे हैं और कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उन्हीं तरीकों को उपचार के रूप में अपना रहे हैं, उनमें कोरोना की गंभीरता ज्यादा बढ़ रही है। इसलिए ऊपर बताए गई सूचनाओं में से कोई एक भी आप अपना रहे हैं तो उसे अब न करें आपके कोरोना की स्थिति और बिगड़ सकती है, इसलिए शुरूआती लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से बात करें और घर पर ही इलाज शुरू करें।
Read more on Miscellaneous in Hindi