
भारत में हर साल 16 मार्च को वैक्सीनेशन डे (National Vaccination Day) मनाया जाता है। जिसे इम्यूनाइजेशन डे (Immunization day) के नाम से भी जाना जाता है। आज हम बात कर रहे हैं कि अगर आपको कोरोना वैक्सीन का पूरा प्रभाव चाहिए तो उसके लिए नींद बहुत जरूरी है। कोरोना एक ऐसी महामारी है जिसको लेकर लोगों के मन में भय अभी है। वैक्सीनेशन के बाद भी लोग डरे हुए हैं। ऐसे में अगर आप भी कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन लगवाने की सोच रहे हैं तो अपनी नींद पर ध्यान दें। आपकी बेहतर नींद आपका इम्यूनिटी सिस्टम बूस्ट करेगी। यही वजह है कि नींद का वैक्सीनेशन से रिश्ता है। कोविड-19 वैक्सीन से पहले जितनी भी वैक्सीन बनीं उन पर हुए शोध के बाद देखा गया कि नींद रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity system) बढ़ाने में मदद करती है। उन्हीं शोधों के आधार पर नेशनल स्लीप फाउंडेशन (National Sleep Foundation) ने यह निष्कर्ष (Conclusion) निकाला कि कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के लिए भी नींद बहुत जरूरी है। नींद, इम्यूनिटी और वैक्सीन का आपस में कैसे जुड़ाव है, इसे समझने के लिए हमने बात की भोपाल के बंसल अस्पताल में मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी से।
नींद और इम्यूनिटी का संबंध (Relation of sleep and immunity)
डॉ. सत्यकातं का कहना है कि स्लीप का ड्यूरेशन इम्यूनिटी को बढ़ाने और शरीर पर वैक्सीनेशन का प्रभाव बढ़ाने में मददगार देखा गया है। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि हेपेटाइटिस बी के वैक्सीनेशन में भी देखा गया था कि जो लोग पूरी नींद ले रहे हैं उनमें वैक्सीनेशन की एफीकेसी और एंटीबॉडी फॉरमेशन बेहतर हुआ है। नींद से एंटीबॉडी फॉरमेशन और प्रोटीन फॉरमेशन बेहतर होता है। नींद लेने से साइटोकाइन अच्छे से बनते हैं। अगर कोई कम नींद लेता है तो साइटोकाइन का प्रोडक्शन कम होता है। साइकोटाइन के बारे में बताते हुए उन्होंने बताया कि हमारे शरीर में नींद के समय कुछ ऐसे प्रोटीन बनते हैं जो हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं, उन्हें साइटोकाइन कहा जाता है। स्लीप का सीधा-सीधा संबंध इम्यूनिटी से है।
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वैक्सीन और नींद का संबंध (Vaccine and sleep relationship)
डॉ. सत्यकांत ने वैक्सीन और नींद का आपस में संबंध बताते हुए बताया कि वैक्सीनशन में पहले कमजोर वायरस को शरीर में डाला जाता है। बॉडी उसके विरोध में एंटीबॉडी बनाती है और उस एंटीबॉडी को लेकर स्मृति कोशिकाएं बन जाती हैं। जिससे शरीर उन एंटीबॉडी को पहचान लेता है फिर उनसे लड़ने के लिए खुद को तैयार करता है। फिर शरीर उस एंटीजन पर प्रहार करता है। शरीर में एंटीबॉडी फॉरमेशन होता है, जिसका एक हिस्सा साइटोकाइन भी है। जो लोग नींद लेते हैं उनमें साइटोकाइन अच्छे से बनते हैं। कुलमिलाकर अगर आप नींद कम लेते हैं तो एंटीबॉडी कम बनते हैं। इसीलिए जो लोग आगे वैक्सीनेशन करवाना चाहते हैं उन्हें अच्छे से नींद लेनी। जिससे वैक्सीन का प्रभाव ठीक अच्छा रहे। नेशनल स्लीप फाउंडेशन का कहना है कि अगर आप पूरी नींद नहीं लेते हैं तो वैक्सीन का प्रभाव पूरी तरह से नहीं होता और आपको एलर्जी व अन्य समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।
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वैक्सीनेशन से पहले किन लोगों को रखनी चाहिए सावधानियां (Pre-Vaccination Precautions)
नेशलन स्लीप फाउंडेशन का मानना है कि कोविड-19 वैक्सीन को लेकर भी कई रिसर्च चल रही हैं। फाउंडेशन का कहना है कि कोरोना की वैक्सीन सुरक्षित है। अगर आप निम्न में से किसी भी एक बीमारी से पीड़ित हैं, तो वैक्सीन लगवाने से पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें
- -अगर आपको किसी तरह की एलर्जी है
- - आप ब्लड थिनर ले रहे हों
- -आपको कोविड-19 के लक्षण दिखाई दे रहे हैं और आप जल्द ही किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आएं हों।
- -हाल फिलहाल में आपको बुखार हुआ
- -आप गर्भवती हों
- -आप पहले ही कोई कोविड-19 वैक्सीन ले चुके हों
यह लक्षण यह कतई नहीं कहते कि आप वैक्सीन मत लगवाई। पर जिन लोगों को यह दिक्कते हैं वह पहले अपने डॉक्टर से सलाह ले लें।
डॉ. सत्यकांत का कहना है कि कोरोना की वैक्सीन सुरक्षित है। लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने बताया कि आपकी पूरी नींद आपको स्लीप एप्नीया, इन्सोमेनिया या स्लीप डिप्राइवेशन से भी बचा सकती है। साथ ही साथ नींद इम्यूनिटी को बढ़ाने में तो काम करती ही है जिससे वैक्सीनेशन का प्रभाव बढ़ता है। इसलिए जरूरी है कि रात की नींद अच्छे से लें।
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