ऑक्सीजन लेवल कम होने पर शरीर में दिखते हैं ये 4 संकेत, जानें कब होती है हॉस्पिटल जाने की जरूरत

कोरोना से संक्रमित होने बाद ऑक्सीजन की कमी होने पर दिखते हैं ये लक्षण, डॉक्टर से जानिए कब होती है अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत।
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ऑक्सीजन लेवल कम होने पर शरीर में दिखते हैं ये 4 संकेत, जानें कब होती है हॉस्पिटल जाने की जरूरत


देश भर में तेजी से बढ़ रहे कोरोनावायरस के मामले लगातार लोगों की चिंता का कारण बने हुए हैं। कोरोना संक्रमण के नए लक्षणों ने भी लोगों की चिंता को दोगुना कर दिया है, शुरूआती दिनों में इस वायरस के संक्रमण की चपेट में आने पर लोगों खांसी, जुकाम, बुखार और बार-बार छींक आने की समस्या होती थी लेकिन अब इसके लक्षण लगातार बदल रहे हैं। ऐसे समय में जब देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहार तेजी से अपना पांव पसार रही है लोगों को तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई (Breathing Difficulty)और शरीर में ऑक्सीजन के स्तर (Low Oxygen Level) में कमी भी शामिल हैं। देश भर में ऑक्सीजन सिलेंडर की मारामारी चल रही है और ज्यादातर लोग जो इस वायरस से संक्रमित हो रहे हैं उनमें ऑक्सीजन की कमी की समस्या देखी जा रही है। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में कार्यरत डॉ अनिमेष रे के मुताबिक कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आये अधिकतर लोगों में अब ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट की समस्या देखी जा रही है लेकिन सभी लोगों को तुरंत अस्पताल में भर्ती करने की नौबत नहीं उत्पन्न होती। आइये डॉ अनिमेष रे से जानते हैं कि शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने पर किस प्रकार की स्थिति उत्पन्न होती है और ऐसी स्थिति में शरीर कौन से संकेत देता है। 

शरीर में ऑक्सीजन की कमी के लक्षण (Symptoms of Decreasing Oxygen Level in Body)

कोरोना के नए वैरिएंट से संक्रमित होने वाले लोगों में ऑक्सीजन की कमी की समस्या देखी जा रही है। इसकी वजह से अस्पतालों में लोगों को अब वेंटीलेटर से ज्यादा ऑक्सीजन वाले बेड की जरूरत पड़ रही है। डॉ अनिमेष के मुताबिक कोरोनावायरस के संक्रमण की चपेट में आये हुए सभी लोगों को समय-समय पर अपना ऑक्सीजन लेवल जरूर चेक कर लेना चाहिए। मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर डिवाइस के माध्यम से शरीर में ऑक्सीजन सैचुरेशन जरूर चेक करते रहना चाहिए। पल्स ऑक्सीमीटर डिवाइस की रीडिंग में यदि आपके शरीर का ऑक्सीजन लेवल 94 से कम है तो इस स्थिति में चिकित्सक से संपर्क करना बेहद जरूरी होता है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने पर कई तरह के संकेत देखने को मिलते हैं, आइये जानते हैं इन लक्षणों के बारे में। 

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1. ऑक्सीजन की कमी से सांस लेने में तकलीफ (Breathing Difficulty Due to Low Oxygen Level)

शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने पर सबसे प्रमुख लक्षण सांस लेने में कठिनाई होना होता है। कोरोना से संक्रमित लोगों में ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट होने के बाद सांस लेने में  भारी कठिनाई की समस्या देखने को मिलती है। इस स्थिति में मरीज को सांस लेने की दिक्कत के साथ ही सीने में दर्द, भारीपन और बेचैनी की समस्या भी होती है। कोरोनावायरस से संक्रमित किसी भी व्यक्ति में अगर ऐसे लक्षण दिखते हैं तो उन्हें अपना ऑक्सीजन सैचुरेशन जरूर चेक करना चाहिए और इसके स्तर में कमी होने पर चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। 

2. चेहरे और स्किन के रंग में बदलाव (Changes in the Color of Face and Skin)

शरीर में ऑक्सीजन के स्तर में कमी होने पर मरीजों के चेहरे और त्वचा के रंग में बदलाव देखने को मिलते हैं। अचानक ऑक्सीजन का स्तर गिरने पर चेहरे का रंग नीला पड़ने लगता है और कभी-कभी यह चेरी रेड भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में ऑक्सीजन के स्तर की जांच कर उचित इलाज की सख्त जरूरत होती है। दरअसल शरीर में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा होने पर स्किन और चेहरे का रंग साफ और गुलाबी बना रहता है लेकिन जैसे ही ऑक्सीजन के स्तर में कमी आती है वैसे ही इसके रंग में बदलाव देखने को मिलता है। 

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3. सीने और फेफड़ों में दर्द की समस्या (Chest and Lung Pain)

कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित अधिकांश लोगों में ऑक्सीजन का स्तर अचानक कम होए की समस्या होती है। ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट आने के बाद लोगों को छाती, फेफड़े या सीने में दर्द, बेचैनी आदि की समस्या होती है।  ऐसे स्थिति में मरीज को तुरंत अस्पताल जाने की जरूरत होती है। 

4. दिमाग में खून का सही तरीके से संचार न हो पाना (Brain Blood Flow Problem)

शरीर में ऑक्सीजन के स्तर में कमी होने पर दिमाग में खून का संचारण सही तरीके से नहीं हो पाता है।  अगर ब्लड में ऑक्सीजन की कमी होती है तो इसकी वजह से ब्रेन ब्लड फ्लो भी प्रभावित होता है। इसकी वजह से मरीजों में बेहोशी, चक्कर और विजुअल डिसॉर्डर से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

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कब पड़ती है अस्पताल जाने की जरूरत (When Does a COVID Patient Require Oxygen Support)

सांस लेने में तकलीफ, चेहरे और त्वचा के रंग में बदलाव, सीने और फेफड़ों में दर्द और दिमाग में खून का सही तरीके से संचार न हो पाना ऑक्सीजन की कमी के मुख्य संकेत हैं। इसके अलावा मरीजों में ऑक्सीजन की कमी होने पर सरदर्द, बेचैनी, चक्कर आना, उलझन, हाई ब्लड प्रेशर जैसी कई समस्याएं होती हैं। ऐसे समय में मरीज को चिकित्सक के परामर्श की जरूरत होती है। लेकिन अगर ये समस्याएं बढ़ जाती हैं तो उसे अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़ती है। ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे मरीज को इन परिस्थितियों में अस्पताल जरूर ले जाना चाहिए। 

  • मरीज का spo2 लेवल 94 से कम होने पर। 
  • ऑक्सीजन सैचुरेशन 90 से नीचे जाने पर। 
  • सांस लेने में भारी तकलीफ की स्थिति में।
  • सीने और फेफड़ों में तेज दर्द होने पर। 
  • चेहरे या त्वचा और होंठों के रंग में बदलाव दिखने पर।
  • बेहोशी, या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होने पर। 

ऑक्सीजन की कमी होने पर इन बातों का जरूर रखें ध्यान (Things to Keep in Mind)

शरीर में ऑक्सीजन के स्तर में कमी होने पर चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही काम करना चाहिए। कोरोना से संक्रमित मरीज जिन्हें ऑक्सीजन की कमी की ही शिकायत है उन्हें अपना ऑक्सीजन लेवल हर 1-2 घंटे भीतर चेक कर लेना चाहिए। अगर ऑक्सीजन का स्तर 94 या उससे अधिक है तो इसका मतलब है कि आप स्वस्थ हैं लेकिन अगर इसका स्तर 94 से कम होता है तो आपको तुरंत डॉक्टर से इसके बारे में जानकारी लेनी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी ऑक्सीजन की कमी या सांस लेने में दिक्कत होने पर एक टेक्नीक के बारे में बताया है। इस तरीके में आपको पेट के बल उल्टा लेटने की जरूरत होती है, इसमें पैर और पेट के नीचे दो तकिये, सीने के पास और कंधे के नीचे दो तकिये और घुटनो के नीचे एक तकिया का इस्तेमाल करना होता है। इसका अभ्यास करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है। लेकिन किसी भी गंभीर स्थिति में डॉक्टर  लेना बेहद आवश्यक होता है। इसके अलावा कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए समय-समय पर अपने हाथों को साफ करना चाहिए और सरकार द्वारा बचाव के लिए बनाये गए नियमों का पालन करना चाहिए। एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोरोना के संक्रमण से जुड़े किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत जांच कराना बेहद जरूरी होता है और रिपोर्ट मिलने तक खुद को अन्य लोगों के संपर्क में आने से बचाना चाहिए।

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