
हमारा देश रो रहा है और कारण है सिर्फ एक कोरोनावायरस (Coronavirus)। ऐसे में हम सब की प्राथमिकता है इस वायरस (Covid 19 India) से खुद को और अपने परिवार को बचाना। हॉस्पिटल्स में बेड की कमी और ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में ना होने के कारण लोग घरों में ही खुद का बचाव तरह-तरह के तरीकों को अपनाकर कर रहे हैं। इनमें कुछ ऐसे नुस्खे भी हैं जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। जी हां, इन्हीं में एक नुस्खा है दिन में कई बार गर्म पानी पीना (Drinking Hot Water)। इस सस्ते और सरल नुस्खे को हर कोई अपना रहा है। लेकिन क्या वह जानते हैं कि यह नुस्खा वायरस पर कितना कारगर है? कहीं इस तरीके को अपनाने से शरीर को कुछ और नुकसान तो नहीं हो रहा? आज का हमारा ये लेख इन्हीं सवालों के जवाब पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि दिन में बार-बार गर्म पानी पीना सेहत के लिए कितना सुरक्षित है और कितना असुरक्षित। पढ़ते हैं आगे...
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा मैसेज
इन दिनों सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, फेसबुक, टि्वटर आदि पर कोरोनावायरस से बचने के लिए कुछ घरेलू तरीकों से संबंधित जानकारियां सांझा की जा रही है, जिसमें समय-समय पर स्टीम लेना, फ्रिज का इस्तेमाल ना करना, कूलर ना चलाना, अपने आसपास का तापमान ठंडा ना होने देना, गरारे करना, दिन में कई बार गर्म पानी का सेवन करना आदि मौजूद हैं और लोग इन तरीकों को अपना भी रहे हैं। लेकिन वे नहीं जानते कि ये तरीके सच में कारगर हैं भी या नहीं।
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट
जब हमनें फॉर्टिस हॉस्पिटल नोएडा के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर सव्यसाची सक्सेना से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि गर्म पानी के बार-बार सेवन से शरीर में वायरस को प्रवेश करने से रोका जा सकता है या शरीर में प्रवेश हुए वायरस को खत्म किया जा सकता है। एक व्यक्ति के शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है। ऐसे में एक रिसर्च जो सार्स वायरस पर की गई थी, उसके मुताबिक 60 से 65 डिग्री सेल्सियस तापमान में वायरस को खत्म किया जा सकता है। चूंकि कोरोनावायरस को भी सार्स वायरस के परिवार का हिस्सा माना गया है ऐसे में कहा गया था कि 65 से 70 डिग्री तापमान पर कोरोनावायरस भी प्रभावित या खत्म हो सकता है लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
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क्यों कहा गया गर्म पानी पीने के लिए
एक्सपर्ट ने बताया कि हम गर्म पानी पीने की सलाह केवल इसलिए देते हैं, जिससे व्यक्ति ठंडे पानी का सेवन ना करे क्योंकि वह बार-बार गागल यानी गरारे नहीं कर सकता इसीलिए गर्म पानी के सेवन से उसके गले को सेक मिलती रहती है। लेकिन हमारे सामने कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें वे गुनगुना पानी पीने की बजाय ज्यादा तेज गर्म पानी का सेवन कर लेते हैं, जिससे उनकी जीभ, गला, खाल आदि जल जाती है। एक मामला तो ऐसा भी आया, जिसमें व्यक्ति के टांग बर्न हो गए थे। जब उसकी हिस्ट्री जानी तो पता चला कि उसने बदलाव के रूप में अत्यधिक गर्म पानी का सेवन किया था। हम केवल यही सलाह देंगे कि गर्म पानी का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि तेज गर्म पानी का सेवन किया जाए बल्कि गर्म पानी से हमारा मतलब होता है गुनगुना पानी और वह भी सिर्फ इसलिए जिससे कि व्यक्ति के गले को सेक मिलती रहे।
गलती से भी न करें ये भूल
कुछ लोग गर्म पानी में घरेलू नुस्खे जैसे अजवाइन, लौंग, अदरक, काली मिर्च आदि को मिलाकर उसका सेवन कर लेते हैं क्योंकि इनकी तासीर बेहद गर्म होती है। ऐसे में शरीर का टेंपरेचर नार्मल टेंपरेचर से कई ज्यादा बढ़ जाता है, जिससे भी कई समस्याएं हो जाती हैं। बता दें कि ओवरडोज कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। लोगों को ध्यान देना चाहिए कि ज्यादा टेंपरेचर हवा में मौजूद वायरस को खत्म करता है ना कि शरीर के अंदर मौजूद वायरस को। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है।
नोट - अपने एक्सपर्ट से बात करके हमने यह जाना कि गर्म पानी सेहत के लिए नुकसानदेह नहीं है। लेकिन हां, अगर आप तेज गर्म पानी का सेवन कर रहे हैं तो यह काफी हानिकारक हो सकता है। यहां पर गर्म पानी का मतलब गुनगुने पानी से है। डॉक्टर दिन में 2 से 3 लीटर पानी पीने का सुझाव देते हैं। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति 2 से 3 लीटर गुनगुने पानी का सेवन करता है तो ऐसा करने से कोई नुकसान नहीं है। जबकि तेज गर्म पानी का प्रयोग सेहत को कई बड़ी समस्याओं का सामना करा सकता है।
ये लेख फॉर्टिस हॉस्पिटल नोएडा के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर सव्यसाची सक्सेना से बातचीत पर आधारित है।
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