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छोटे बच्चे को हो पेशाब में जलन, तो अपनाएं ये 7 टिप्स, जिनसे मिलेगा आराम

बच्चों को यूरिन इंफेक्शन होने पर बुखार, फ्लू, पेशाब करने में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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छोटे बच्चे को हो पेशाब में जलन, तो अपनाएं ये 7 टिप्स, जिनसे मिलेगा आराम


आमतौर माना जाता है कि यूरिन इंफेक्शन सिर्फ बड़ों और वयस्कों को ही होती है। शायद आपको जानकर हैरानी हो कि छोटे बच्चों में भी इस तरह की समस्या देखने को मिलती है। यूरिन इंफेक्शन को ब्लैडर इंफेक्शन के तौर पर भी जाना जाता है। विशेषज्ञों की मानें, तो ब्लेडर के किसी भी हिस्से में इंफेक्शन होने पर पेशाब के दौरान जलन और दर्द हो सकता है। बच्चों को भी ऐसी समस्या हो सकती है। ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि वे जानें कि उनके बच्चे को यूरिन इंफेक्शन क्यों हो रहा है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

urine infection

कैसे बच्चे को यूरिन इंफेक्शन है

मेडिकेयर हॉस्पिटल, नवी मुंबाई के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नरजोहन मेश्राम (Head of Pediatric Intensive Care Department) के अनुसार, “छोटे बच्चों में यूटीआई को डायग्नोस करना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे अपनी स्थिति को आसानी से बता नहीं पाते हैं। इसलिए, उन्हें यूरिन इंफेक्शन है या नहीं, यह जानने के लिए उनका यूटीआई टेस्ट किया जाता है। बच्चों में यूटीआई होने की कई वजहें हो सकती हैं, जैसे गंदी जगह पेशाब करना या फिर छोटे बच्चे को लंबे समय तक डायपर पहनाए रखना। यूटीआई होने पर बच्चों में कई लक्षण दिखाई देते हैं। इनमें बुखार होना मुख्य रूप से देखा जाता है। इसके अलावा, अगर बच्चा बार-बार पेशाब कर रहा है और पेशाब करते हुए उसे तकलीफ हो, पेशाब को कंट्रोल करने में उसे दिक्कत हो, तो इस सिचुएशन में पेरेंट्स को सजग हो जाना चाहिए। यह स्थिति काफी गंभीर है। ये तमाम चीजें किडनी इंफेक्शन का संकेत भी हो सकती हैं। हालांकि, यूरिन इंफेक्शन के अलावा, अन्य समस्याएं होने पर भी बच्चा बुखार, कान में दर्द, फ्लू जैसी समस्याओं का सामना करता है।”

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बच्चे को यूरिन इंफेक्शन से कैसे बचाएं

डॉ. नरजोहन मेश्राम बताते हैं, "बच्चे को यूरिन इंफेक्शन से बचाने के लिए सबसे जरूरी है कि आप उन्हें वॉशरूम का इस्तेमाल करने का सही तरीका बताएं। इसके साथ ही, जरूरी है कि आप उन्हें समझाएं कि गंदी जगह पेशाब करने से यूरिन इंफेक्शन जैसी घातक बीमारी होने का रिस्क बढ़ सकता है।" इसके अलावा, डॉ. नरजोहन मेश्राम पेरेंट्स को इन टिप्स को फॉलो करने की सलाह भी देते हैं-

  • अपने बेटे या बेटी को कहें कि पब्लिक प्लेस में साफ-सुथरे वॉशरूम का यूज करें।
  • लड़कियों को बताएं कि यूरिन पास करने के बाद अपने गुप्तांग जरूर धोएं।
  • लड़कियों को उनके प्राइवेट पार्ट वॉश करने का सही तरीका बताएं। उन्हें कहें कि हमेशा आगे से पीछे की ओर सफाई करना चाहिए।
  • बच्चों को समझाएं कि अगर पेशाब आ रहा है, तो उसे रोके नहीं, बल्कि तुरंत यूरिन पास करें। ध्यान रखें कि देर तक यूरिन रोकने की वजह से दिक्कत हो सकती है। इससे बच्चे के पेट में दर्द हो सकता है। यहां तक कि आप बच्चे को यूरिन रोकने के नुकसान के बारे में भी बताएं।
  • बच्चे को कहें कि वे खूब पानी पिए ताकि उनकी बॉडी हाइड्रेट रहे। इसके अलावा, प्रत्येक 3-4 घंटे में यूरिन पास करें, ताकि यूटीआई होने की आशंका कम रहे।
  • अगर आपके बच्चे को पहले यूटीआई हो चुका है, तो उसे कहें कि पानी पीने की फ्रीक्वेंसी बढ़ाए ताकि प्रत्येक दो से तीन घंट में यूरिन पास कर सके।
  • अगर बच्चे को यूटीआई है, तो उन्हें एंटीबायोटिक्स लेने की जरूरत पड़ सकती है। हालांकि, यह डॉक्टर ट्रीटमेंट के दौरान देते हैं। बतौर पेरेंट्स आपको चाहिए कि बच्चे की इंटीमेट हाईजीन का ध्यान रखें। उनके अंडरगार्मेंट रोजाना बदलें। कुछ भी खाने से पहले बच्चे से कहें कि वह अपना हैंडवॉश करे। इस तरह यूटीआई के रिस्क को कम किया जा सकता है।

image credit: freepik

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