क्या आपका बच्चा भी नींद में बोलता है? जानें इसके कारण और बचाव के उपाय

कई बच्चे अक्सर नींद में कुछ-न-कुछ बोलते हैं। ऐसे में डॉक्टर से जानें इसके कारण और बचाव के उपाय।   
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क्या आपका बच्चा भी नींद में बोलता है? जानें इसके कारण और बचाव के उपाय


आपने कई बार इस बात को नोटिस किया होगा कि आपका बच्चा सोते समय बड़बड़ाता है। यह समस्या बड़ों को भी होती है। ऐसे में कुछ अभिभावक घबरा जाते हैं। दरअसल, बच्चा दिन में जिन बातों को देखता या सुनता है, उन्हीं बातों को बच्चा रात के समय दोहराता है। करीब 3 से 12 साल तक के बच्चों में यह परेशानी ज्यादा देखने को मिलती हैं। कुछ बच्चे को रात में सोते समय हंसते हैं। इस तरह के व्यवहार से बच्चे के जीवन में किसी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इस लेख में मुंबई के मेडिकेयर अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नरजोहन मेश्राम ने बताया कि बच्चों का नींद में बोलने के क्या कारण होते हैं और इसे कैसे कम किया जा सकता है।

बच्चों के नींद में बोलने के कारण क्या होते हैं? Causes Of Sleep Talking In Children In Hindi

बच्चों के नींद में बोलने की आदत के कुछ कारणों को आगे बताया गया है।

  • परिवार के साथ छुट्टियों में बाहर जानें उत्सुकता और स्कूल खुलने की चिंता 1 होने के कारण कुछ बच्चे रात को सोते समय बोलने लगते हैं। इसके अलावा, स्कूल में टेस्ट या दोस्त के साथ लड़ाई होने पर भी कुछ बच्चे नींद में बोलने लगते हैं।
  • शारीरिक समस्या होने पर कुछ बच्चे नींद में बड़बड़ाते हैं। जबकि, कुछ बच्चे बुखार में बड़बड़ाने लगते हैं।
  • जिन बच्चों के सोने का एक फिक्स रुटिन या टाइम नहीं होता है, उनको भी रात में बड़बड़ाने या बोलने की आदत होती है।
  • कुछ बच्चों को नींद में बोलने की आदत अनुवांशिक होती है। जिन बच्चों के माता-पिता या परिवार के किसी सदस्य को नींद में बोलने की आदत होती हैं, तो ये आदत बच्चों को भी हो सकती है।

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sleep talking in children

बच्चों को नींद में  बोलने की आदत को कैसे कम करें? How To Deal With Sleep Talking In Child In Hindi

बच्चों को बोलने की आदत समय के साथ अपने आप ही ठीक हो जाती है। इसके लिए अभिभावकों को घबराने की आवश्यकता नहीं होती है।

बच्चे को रात में चाय या चीनी न दें

बच्चे को रात के समय चाय या चीनी न दें। इससे बच्चों का एनर्जी लेवल बढ़ सकता है और उनको रात में सोते समय परेशानी हो सकती है। इसकी जगह पर बच्चे को गुनगुना दूध पिलाएं। इससे बच्चे को गहरी नींद आने में मदद मिलती है।

स्लीप साइकिल करें मेंटेन

बच्चे की बड़बड़ाने की आदत को कम करने के लिए उनकी एक स्लीप साइकिल को मेंटेन करें। बच्चे के सोने का एक निश्चित समय तय करें। इसके अलावा, उसे 8 से 10 घंटे तक सुलाएं।

सोने से पहले बच्चे के साथ खेलें

सोने से पहले बच्चे के साथ फिजीकल एक्टिविटी वाले गेम खेलें। इससे बच्चे को सोने में आराम मिलेगा और उसे गहरी नींद आएगी। साथ ही, रात को सोने से पहले खेलने से बच्चे को थकान होगी और वह गहरी नींद ले पाएगा।

बच्चे के साथ बात करें

इस दौरान आप बच्चे के साथ बात करें। इससे उसकी चिंता या स्कूल को लेकर डर दूर होने में मदद मिलती है। इसके अलावा, रात को बच्चे के  साथ सोएं। बच्चे को अकेले सुलाने पर कई बार वह डर जाते हैं।

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बच्चे के बोलने की आदत को दूर करने के लिए आप ऊपर बताएं टिप्स को अपना सकते हैं। इसके अलावा, ध्यान दें कि बच्चे का बिस्तरा नरम और सॉफ्ट हो, ताकि उसे आराम से नींद आए।

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