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बच्चों में लिवर इंफेक्शन होने पर दिखाई देते हैं ये 5 लक्षण, जानें कैसे किया जाता है इसका इलाज

यदि आपके बच्चे को लिवर इंफेक्शन या लिवर रोग के लक्षण दिखाई देते हैं, तो इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।   
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बच्चों में लिवर इंफेक्शन होने पर दिखाई देते हैं ये 5 लक्षण, जानें कैसे किया जाता है इसका इलाज


Liver Disease Symptoms in Children : बच्चे अक्सर बाहर का खाना खाने की जिद करते हैं। लेकिन आपको बता दें कि इस समय बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है। साथ ही बच्चे को दूषित खाने व पानी से कई तरह के रोग होने की संभावना काफी अधिक होती है। जब बच्चा बाहर का जंक फूड खाते हैं तो इससे उनके पाचन तंत्र के साथ ही लिवर पर भी दबाव पड़ता है। यदि बच्चा लगातार बाहर का खाने की जिद करता है तो ऐसे में आगे चलकर उसको लिवर इंफेक्शन व लिवर संबंधी अन्य रोग होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। ऐसे में अभिभावकों को बच्चे की आदतों में सुधार करना चाहिए और उसको घर का ही साफ बना खाना खाने की आदत डालनी चाहिए। बेशक आप उसकी मनपसंद चीज को घर पर ही बना सकते हैं। लेकिन उसे बाहर का खाना खाने से रोकें। इस लेख में हम आपको बच्चों को होने वाले लिवर इंफेक्शन के बारे में बता रहे हैं। लिवर संबंधी रोग होने पर बच्चों को कुछ लक्षण दिखाई देते हैं इन लक्षणों को आपने नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। साथ ही बच्चों के लिवर इंफेक्शन का इलाज कैसे किया जाता है।  

इस बारे में हमने इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के यूरोलॉजी और एंड्रोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. एन. सुब्रमण्यन से बात की। डॉक्टर ने बच्चों में लिवर संबंधी रोग होने पर दिखाई देने वाले मुख्य लक्षणों को आगे विस्तार से बताया।  

बच्चों में लिवर रोग होने के कारण 

बच्चों में लिवर रोग होने में कई तरह के आनुवांशिक कारक जिम्मेदार होते हैं। जिनमें से एक अल्फा 1 एंटीट्रिप्सिन की कमी को शामिल किया जाता है। लिवर में अल्फा 1 एंटीट्रिप्सिन नाम का प्रोटीन बनता है, जो रक्त प्रवाह में जाता है। जब ये तत्व बाधित हो जाता है तो बच्चे को लिवर रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा भी लिवर इंफेक्शन के कई अन्य कारण होते हैं। इसके साथ ही हेपिटाइस ए, बी और सी, इम्यून सिस्टम का विकार और आनुवांशिक कारण लिवर रोग की वजह बनता है।

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liver infection in children

बच्चों में लिवर रोग होने पर दिखाई देते हैं ये लक्षण  

पीलिया होना  

बच्चों में लिवर रोग होने पर पीलिया हो जाता है। लिवर में जब बिलिरूबिन का स्तर प्रभावित होता है तो बच्चों में पीलिया जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस समस्या में बच्चे के त्वचा व आंखों का रंग पीला पड़ जाता है।  

पेट में दर्द और गैस होना 

लिवर संबंधी किसी भी तरह की समस्या में बच्चों को भोजन पचाने में समस्या होने लगती है। साथ ही उनको पेट में भी दर्द होता है। इसके अलावा बच्चे को पेट में गैस होने लगती है।  

बच्चे का मल पीला आना  

बच्चे में लिवर का इंफेक्शन और लिवर में सूजन की वजह से बच्चे के मल का रंग पीला हो जाता है। यदि आपके बच्चे के मल का रंग पीला आ रहा है तो ये बिलीरुबिन के स्तर में बढ़ोतरी की मुख्य वजह हो सकता है।  

भूख न लगना 

बच्चे के लिवर में इंफेक्शन या अन्य रोग होने पर उसे भूख कम लगती है। भूख कम होने के कारण बच्चे के पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है। ऐसे में बच्चे का विकास भी बाधित होता है। साथ ही उसका वजन भी तेजी से कम होने लगता है। इसे भी लिवर की समस्या का एक मुख्य लक्षण माना जाता है।  

बोन डेसिंटी कम होना  

जिन बच्चों के लिवर में समस्या होती है, उनकी हड्डियों संबंधी समस्या होती है। लिवर प्रॉब्लम होने पर बच्चों को बोन डेसिंटी की समस्या होने लगती है और उन्हें हड्डियों के टूटने की संभावना बढ़ जाती है।  

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बच्चों में लिवर इंफेक्शन का इलाज  

बच्चो में लिवर संबंधी रोग के मुख्य कारणों के आधार पर डॉक्टर उसका इलाज करते हैं। आगे इसके इलाज को बताया गया है।  

  • लिवर बायोप्सी - यदि बच्चे के लिवर में ज्यादा समस्या है तो उसके कुछ टिशू को लेकर जांच की जाती है। इसके लिवर में सूई के माध्यम से टिशू कलेक्ट किए जाते हैं। इसे लिवर बायोप्सी कहा जाता है।  
  • लिवर फंक्शन का टेस्ट - इससे लिवर फंक्शन की जांच की जाती है। इसमें लिवर एंजाइम की जांच की जाती है।  
  • अल्ट्रासाउंड - अल्ट्रासाउंड के माध्यम से लिवर की समस्या की जांच की जाती है।  

इस समय डॉक्टर लिवर के रोग के मुख्य कारण की पहचान कर दवाओं को शुरु कर सकते हैं। लिवर में सूजन होने पर एंटी इंफ्लेमेटरी दवाएं दी जाती है। हेपेटाइटिस को कम करने के लिए भी दवाएं दी जाती है। इसके साथ ही डॉक्टर बीपी को कम करने या विटामिन और मिनिरल्स के सप्लीमेंट्स दिये जाते हैं।  

 

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