बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है। दरअसल, छोटे बच्चों की इम्यूनिटी पावर समय कैेके साथ बढ़ती है। यही वजह है कि मौसम बदलते समय या इंफेक्शन होने पर बच्चे बीमार पड़ जाते हैं। इस तरह बच्चों को निमोनिया होने का खतरा अधिक होता है। निमोनिया में बच्चे को बार-बार बुखार आता है। निमोनिया कई तरह के होते हैं। इसमें माइकोप्लाज्मा निमोनिया (Mycoplasma Pneumoniae) को भी शामिल किया जाता है। यह एक प्रकार का श्वसन संक्रमण (Respiratory Infection) है, जो विशेष रूप से बच्चों में पाया जाता है। यह संक्रमण मुख्य रूप से रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है और बच्चों में इसे 'वॉकिंग निमोनिया' या 'हल्का निमोनिया' भी कहा जाता है। माइकोप्लाज्मा निमोनिया का इंफेक्शन तेजी से फैलता है। यह खासकर स्कूल या भीड़भाड़ वाले स्थानों में होता है। इस लेख में यशोदा अस्पताल की पीडियेट्रिक्स सीनियर कंसल्टेंट डॉ दीपिका रुस्तगी से जानते हैं कि बच्चों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया संक्रमण के लक्षण और इस बीमारी का उपचार कैसे किया जाता है?
बच्चों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया के लक्षण - Symptoms Of Mycoplasma Pneumoniae Infection in Kids In Hindi
बच्चों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया का संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ता है, और इसके लक्षण कभी-कभी ठंड या फ्लू जैसे लग सकते हैं। आगे इसके लक्षण बताए गए हैं।
बुखार
इस संक्रमण में हल्के से मध्यम बुखार हो सकता है, जो कि लगभग 101-102°F तक पहुंच सकता है। बच्चों में बुखार के साथ कमजोरी और थकान भी महसूस हो सकती है।
लगातार खांसी आना
बच्चों में सूखी खांसी माइकोप्लाज्मा निमोनिया का सबसे आम लक्षण है। यह खांसी कई हफ्तों तक बनी रह सकती है और धीरे-धीरे गंभीर रूप ले सकती है।
गले में खराश होना
बच्चों को गले में खराश और दर्द महसूस हो सकता है। गले में जलन भी हो सकती है, जिससे उन्हें बोलने और खाना निगलने में परेशानी हो सकती है।
सिरदर्द और बदन दर्द
बच्चों को सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द की समस्या हो सकती है। यह दर्द विशेष रूप से शरीर के ऊपरी हिस्से में अधिक महसूस होता है।
सांस लेने में कठिनाई
बच्चों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है, खासकर जब वे शारीरिक गतिविधियां करते हैं। गंभीर मामलों में, सांसों की गिनती तेज हो सकती है और बच्चे को सीने में दर्द भी महसूस हो सकता है।
थकान और कमजोरी
माइकोप्लाज़्मा निमोनिया से पीड़ित बच्चों में सामान्यतः थकान और कमजोरी बनी रहती है। खेल-कूद या अन्य शारीरिक गतिविधियों में उनकी रुचि कम हो जाती है।
बच्चों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया का इलाज कैसे किया जाता है? - Treatment Of Mycoplasma Pneumoniae Infection in Kids In Hindi
माइकोप्लाज्मा निमोनिया का संक्रमण समय पर इलाज से ठीक हो सकता है। इसके उपचार में एंटीबायोटिक्स, आराम और कुछ घरेलू उपाय शामिल हैं।
एंटीबायोटिक उपचार
माइकोप्लाज्मा निमोनिया बैक्टीरिया के कारण होता है, इस संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर डॉक्टर एजिथ्रोमाइसिन (Azithromycin) या क्लैरिथ्रोमाइसिन (Clarithromycin) जैसी दवाओं का सुझाव देते हैं, जो बच्चों के लिए सुरक्षित मानी जाती हैं।
भाप (स्टीम) लेना
सांस की तकलीफ और गले की खराश को कम करने के लिए बच्चों को भाप दिलाई जा सकती है। भाप लेने से उनके श्वसन मार्ग में जमा म्यूकस (बलगम) ढीला होता है और सांस लेने में राहत मिलती है।
आराम और पर्याप्त नींद
बच्चों के शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए आराम की आवश्यकता होती है। उन्हें पर्याप्त नींद और आराम देने से उनकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और वे जल्दी ठीक हो सकते हैं।
गले की जलन के लिए गरारे करें
गले की खराश और दर्द को कम करने के लिए गरम पानी या हल्के गरम नमक के पानी से गरारे करना लाभकारी हो सकता है। यह गले के दर्द में आराम देता है।
पानी और तरल पदार्थ का सेवन
बच्चों को अधिक मात्रा में पानी और अन्य तरल पदार्थ, जैसे सूप और जूस देना चाहिए। तरल पदार्थों का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती और खांसी में राहत मिलती है।
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इस समस्या से बचने के लिए बच्चे को बाहर से आने के बाद हाथ होने की अच्छी आदत डालें। इसके अलावा बच्चे को नियमित रूप से वैक्सीन लगाएं। इसके लिए आप डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। संक्रमण से बचने के लिए बच्चे को भीड़-भाड़ वाली जगह पर न जाने दें। यदि, बच्चे को खांसी या बुखार लंबे समय से हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।