क्या अजनबी लोगों को देखते ही रोने लगता है आपका बच्चा? जानें क्या है स्ट्रेंजर एंग्जायटी के कारण

18 माह की उम्र के बाद अगर आपका बच्चा अजनबियों की मौजूदगी से डरता है, तो चिंता का विषय बन सकता है। इस स्थिति को स्ट्रेंजर एंग्जाइटी कहते हैं।

Meera Tagore
Written by: Meera TagoreUpdated at: Feb 14, 2023 12:16 IST
क्या अजनबी लोगों को देखते ही रोने लगता है आपका बच्चा? जानें क्या है स्ट्रेंजर एंग्जायटी के कारण

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Stranger Anxiety in Kids in Hindi : छोटे बच्चे जितना सुरक्षित अपनी मां की गोद में महसूस करते हैं, उतना सुरक्षित और किसी की गोद में महसूस नहीं करते। इसके बावजूद वे अपने पिता, रिश्तेदार की गाेद में विशेष असहज महसूस नहीं करते हैं। लेकिन जब वे किसी अजनबी की गोद में जाते हैं, तो उन्हें डर लगने लगता है और रो देते हैं। अमूमन ऐसा 18 माह तक की उम्र के बच्चे करते हैं। लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, उनका यह डर कम होने लगता है। अगर 18 माह के बाद भी बच्चे में अजनबियों को लेकर डर, शर्मीलापन बना रहे, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। विशेषज्ञ बच्चे के मन में समाए इस तरह के डर को स्ट‍्रेंजर एंग्जाइटी कहते हैं। आप ध्यान दें कि कहीं आपके बच्चे में भी तरह इस का डर तो नहीं बैठा हुआ है। अगर आप नहीं समझ पा रहे हैं, तो इसके लक्षण को पहचानने की कोशिश करें। यहां हम आपको स्ट्रेंजर एंग्जाइटी क्या है और इसके लक्षणों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं और साथ ही जानिए इससे बचाव कैसे मुमकिन है।

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किसे कहते हैं स्ट्रेंजर एंग्जाइटी

आमतौर पर बच्चे के आसपास जो लोग होते हैं, बच्चे उनके साथ घुलिमल जाते हैं। जब-तब उनके पास चले जाते हैं। क्योंकि बच्चे अपने आसपास मौजूद लोगों को अच्छी तरह पहचान चुके होते हैं और उनके पास रहने से बच्चों में असुरक्षा की भावना पैदा नहीं होती है। मगर जब अचानक वे किसी अजनबी को अपने आसपास देखते हैं या महसूस करते हैं, तो असुरक्षित हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चा या तो रोने लगता है या फिर अपनी मां को खोजता हो। इसी सिचुएशन को स्ट‍्रेंजर एंग्जाइटी कहा जाता है, जो कि डिस्ट्रेस बेबी का एक रूप होता है। 

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स्ट्रेंजर एंग्जाइटी के क्या हैं लक्षण

छोटे बच्चों में स्ट्रेंजर एंग्जाइटी के कई प्रकार के लक्षण देखने को मिलते हैं। आप भी इन्हें जानकर बच्चे की मदद कर सकते हैं ओर समय रहते बचाव भी कर सकेंगे। किसी अजनबी व्यक्ति को अपने पास मसहसू करते ही बच्चे रोने लगते हैं। यदि बच्चा किसी अजनबी के साथ कमरे में अकेला हो तो वह डरने लगता है, डर की वजह से सहम उठता है। सिचुएशन के साथ डील नहीं कर पाने के कारण बच्चा रोने लगता है। कई बार तो स्ट्रेंजर एंग्जाइटी होने पर बच्चे की सांसें फूलने लगती हैं और डर के मारे वह कमरे के किसी कोने या बेड के नीचे जाकर छिपने की जगह ढूंढ़ने लगता है। अगर बच्चे को अजनबी के सामने आने के लिए मजबूर किया जाए, तो बच्चा सामने न आने के लिए हर संभव प्रयास करता है।

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स्ट्रेंजर एंग्जायटी का कारण

जैसा यह बात सभी जानते हैं कि छोटे बच्चे अपने पेरेंट्स को अच्छी तरह पहचानते हैं, लेकिन जब वे किसी अजनबी के पास पहुंच जाते हैं, तो उन्हें दर लगने लगता है। मुख्य रूप से बच्चों में स्ट्रेंजर एंग्जायटी की यही वजह है। बच्चों में यह दर कितने समय तक रहेगा, यह को फिक्स नहीं होता है। विशेषज्ञ की मानें तो 6 महीने या उससे ज्यादा उम्र के बच्चों में यह डर देखा जाता है। बच्चे जितना ज्यादा दूसरों के साथ घुलने-मिलने लगता है, उतना ही उसका डर कम होने लगता है।

स्ट्रेंजर एंग्जायटी से बचाव के उपाय

सबसे पहले आप यह समझने की कोशिश करें कि आखिर बच्चे को स्ट्रेंजर एंग्जाइटी क्यों हो रही है? अगर किसी इस डर को कम करने के लिए आप कोशिश करें कि बच्चे को कुछ देर के लिए अजनबी से बात करने दें, ताकि उसके मन से उस अजनबी व्यक्ति के प्रति डर कम हो जाए। इस दौरान पैरेंट्स बच्चों के साथ रहें। इससे बच्चे के मन में सिक्युरिटी की भावना बनी रहेगी। आप उनके बीच दोस्ती बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं। आपके ऐसा करने से बच्चे के मन में अजनबी के प्रति दोस्ती जल्दी पनप सकती है। इन तमाम उपायों की हेल्प से बच्चे के मन से स्ट्रेंजर एंग्जाइटी एक सप्ताह के अंदर ही खत्म हो लगेगी और वजह अजनबियों के संग सहज महसूस करने लगेगा।

 
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