हो सकता है, जब आप कहीं बाहर जाते या बच्चे को छोड़कर किसी काम से जाते हैं, तो आपका बच्चा रोता हो। आपके दूर जाने पर वह रोता और नखरे भी करता हो। हवह स्कूल आदि जाने पर भी इसी तरह से डरता और रोता हो। बच्चे को आपके साथ सुरक्षित महसूस होता है और जब आप उन्हें कहीं अपने से दूर भेज देते हैं, तो उनका इस प्रकार का व्यवहार भी जायज है। लेकिन ऐसी हालत कब तक रहेगी। इस स्थिति का कभी न कभी तो हल निकालना ही होगा। अगर आप भी बच्चे की सेपरेशन एंग्जायटी डिसऑर्डर से परेशान हैं, तो इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।
सेपरेशन एंग्जायटी डिसऑर्डर कैसे ठीक करें?
एकदम से गुड बाय करने की आदत डलवाएं
बच्चे के साथ जितनी देर तक ज्यादा रहेंगे या उनको रोते हुए देखेंगे, तो यह आपके लिए भी मुश्किल होगा और उनके लिए भी। इसलिए बच्चे को खिड़की से या फिर एकदम गेट के बाहर निकल कर ही गुड बाय बोलें और एकदम से घर से निकल जाएं। इससे बच्चे को ज्यादा कुछ सोचने या एंग्जायटी महसूस करने का समय नहीं मिल पाएगा।
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बच्चों की इस दूरी की प्रैक्टिस करवाएं
बच्चे को किसी रिश्तेदार या किसी केयर गिवर के साथ लंबे समय तक छोड़ सकते हैं। इससे आपके बच्चे को आपसे अलग रहना आएगा और धीरे-धीरे जब आप उसे कहीं छोड़ कर जाएंगे, तो वह एंग्जायटी से नहीं जूझेगा। ऐसा करना से आपका ऑफिस जाना या फिर आपका ट्रैवल करना बहुत आसान हो जाएगा। इसकी नियमित रूप से बच्चे को प्रैक्टिस करवाते रहें।
बच्चे को नैप और फीड करवाने के बाद भी अकेला रहना सिखाएं
बच्चा सबसे ज्यादा एंग्जायटी तब महसूस करता है, जब वह भूखा होता है या फिर वह सोने के मूड में होता है। इसलिए अगर वह आपसे अलग जाने में एंग्जायटी महसूस कर रहा है, तो एक बार उसे फीड करवा लें और फिर सुला दें। इसके बाद वह काफी रिलैक्स महसूस करेगा।
वादों को निभाएं
अगर आप सुबह-सुबह किसी तरह के वादे करके निकलते हैं, तो आने के बाद वह वादे पूरे भी करने चाहिए। ताकि बच्चे को आप पर विश्वास हो जाए और अगली बार भी वह आपको इसी उम्मीद में जानें दें कि आप जल्दी वापस आ जाएंगे। आने के बाद उनके लिए कोई खिलौना या कुछ खाने की चीजें लेकर आएंगे।
उन्हें भरोसा दिलाएं
बच्चे को यह विश्वास दिलाएं कि आप जल्दी ही घर में वापस आ जाएंगे और आने के बाद उनके लिए खाने-पीने की चीजें भी लाएंगे। जब उन्हें यह विश्वास हो जाएगा, तब भी वह कम एंग्जायटी महसूस करेंगे। उनको छाती पर लगाकर या फिर उन्हें इमोशनल करके इसे एक बहुत बड़ी बात में न बदलें।
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उन्हें ज्यादा डरावनी चीजें न दिखाएं
अगर आप टीवी देखते हैं, तो बच्चा भी साथ ही वह सारी चीजें देखेगा। अगर आप इमोशनल ड्रामा या कुछ ऐसी चीजें देखते हैं, जिसमें बच्चे का रोना शामिल हो तो ऐसा न करें। इससे बच्चे पर बहुत असर पड़ सकता है। इस देखकर बच्चा भी रोने का ड्रामा कर सकता है।
अगर बच्चे को दूर भेजते समय या खुद कहीं पर जाते समय इन सब टिप्स का पालन करते हैं, तो बच्चा शुरू-शुरू में तो रोएगा, लेकिन इसके बाद यह सब उसके लिए काफी सामान्य हो जाएगा। फिर वह इन चीजों से ज्यादा प्रभावित भी नहीं होगा।
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