बच्चे अक्सर बाहर का खाना खाने की जिद्द करते हैं। लेकिन, बाहर का दूषित भोजन आपके बच्चे की पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकता है। साथ ही, बदलते मौसम में बच्चों को वायरल और बैक्टीरिल इंफेक्शन का जोखिम भी बढ़ जाता है। यही वजह है कि बच्चों अक्सर पेट दर्द या उल्टी आदि का सामना करना पड़ता है। बच्चों के बीमार पड़ते ही अभिभावक घबरा जाते हैं। डॉक्टर्स बताते हैं कि बच्चो में गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या एक आम परेशानी मानी जाती है। गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या को पेट का फ्लू कहा जाता है। इस स्थिति में बच्चे के पेट और आंतों में सूजन हो सकती है। गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या के पीछे वायरस, बैक्टीरिया और फूड पॉइजनिंग वजह हो सकती है। सामान्य रूप से एक से पांच साल तक के बच्चे इस समस्या से ग्रसित हो सकते हैं। इस लेख में यशोदा अस्पताल की पीडियाट्रिशियन सीनियर कंसल्टेंट डॉ. दीपिका रुस्तगी से जानते हैं कि बच्चों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस के क्या लक्षण दिखाई देते हैं और इससे बचने के लिए क्या घरेलू उपाय अपनाने चाहिए।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस के सामान्य लक्षण - Symptoms Of Gastroenteritis in Toddlers In Hindi
- बुखार (हल्का या कभी-कभी तेज)
- थकान या चिड़चिड़ापन
- पेट में दर्द होना
- उल्टी और दस्त
- डिहाइड्रेशन के लक्षण महसूस होना, जैसे कम पेशाब, सूखे होंठ, सुस्ती।
- भूख में कमी आदि।
बच्चों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लिए घरेलू उपचार- Home Remedies For Gastroenteritis in Toddlers In Hindi
बच्चे को उल्टी दस्त होने पर नमक और चीनी का घोल दें
बच्चे को उल्टी दस्त व पेट में दर्द की समस्या होने पर आप उसे चीनी और नमक का घोल दे सकते हैं। दरअसल, दस्त और उल्टी होने पर बच्चे के शरीर से पानी का स्तर कम हो जाता है। ऐसे में डिहाइड्रेशन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस दौरान आप तीन साल से अधिक बच्चे के ओआरएस भी दे सकते हैं।
पर्याप्त आराम करने दें
बच्चे को उल्टी और दस्त होने पर उन्हें पर्याप्त आराम की आवश्यकता होती है। इस दौरान बच्चे को थकान और डिहाइड्रेशन की वजह से कमजोरी महसूस हो सकती है। इसके लिए बच्चे के पर्याप्त रेस्ट कराना चाहिए।
छाछ और दही
पेट की समस्या में आप 1 साल से ऊपर के बच्चों को छाछ या दही दे सकते हैं। यह आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है और संक्रमण को शांत करता है। ध्यान रहे कि ये ठंडी न हो।
नारियल पानी
बच्चा चार या पांच साल का हो गया है तो डॉक्टर की सलाह पर आप नारियल पानी भी पील सकते हैं। नारियल के पानी में इलेक्ट्रोलाइट्स पाए जाते हैं । यह बच्चे के शरीर को हाइड्रेट करता है और कमजोरी से उबारता है।
बच्चों को हल्का आहार दें
उल्टी दस्त होने पर बच्चा खाना खाने से घबराता है। ऐसे में आप उसको केला, चावल, सेब की चटनी दे सकते हैं। साथ ही आप बच्चे को दाल का पानी या मूंग दाल की खिचड़ी भी दे सकती हैं।
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गैस्ट्रोएंटेराइटिस बच्चों में आम समस्या मानी जाती है। इस दौराम बच्चों को मेडिकल ट्रीटमेंट के साथ ही घरेलू देखभाल की आवश्यकता होती है। इस दौरान बच्चे को डिहाईड्रेशन होने की संभावना अधिक होत है। अगर बच्चे के लक्षण गंभीर हों या सुधार न दिखे, तो डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। इस समस्या में बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, इसलिए समय पर देखभाल जरूरी है।
FAQ
छोटे बच्चों को उल्टी और दस्त होने पर क्या करना चाहिए?
छोटे बच्चों को उल्टी और दस्त हो रहा है तो ऐसे में आपको अपनी इच्छा से किसी तरह की दवा नहीं देनी चाहिए। इस दौरान आपको लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।दस्त और उल्टी वाले बच्चे को क्या देना चाहिए?
एनएचएस के अनुसार बच्चे को उल्टी और दस्त होने पर आप उन्हें ओआरएस घोल दे सकते हैं। ऐसे में डिहाइड्रेशन से बचने में मदद मिलती है। साथ ही, यदि बच्चा छोटा है तो उसको ब्रेस्टफीड कराते रहना चाहिए।क्या गैस्ट्रोएंटेराइटिस संक्रामक होता है?
हां, यह वायरस या बैक्टीरिया के कारण होता है और बहुत तेजी से फैल सकता है। इसलिए संक्रमित बच्चे के कपड़े, बर्तन और खिलौने अलग रखें और बार-बार हाथ धोना जरूरी है।