
28 की उम्र पार करते ही कई महिलाओं को अचानक कुछ बदलाव महसूस होने लगते हैं जैसे बिना वजह मूड स्विंग्स, पेट के आसपास बेली फैट, पहले के मुकाबले धीमा मेटाबॉलिज्म, दिनभर लो एनर्जी, बालों का पतला होना या त्वचा का डल दिखना। अक्सर इसे एज फैक्टर मानकर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन सच यह है कि इसके पीछे उम्र नहीं, बल्कि हार्मोन्स का असंतुलन होता है। अगर शरीर के हार्मोन्स के बीच सही तालमेल में न हों, तो शरीर फैट बर्न करने की बजाय फैट स्टोर करने लगता है। यही वजह है कि डाइट और एक्सरसाइज के बावजूद वजन नहीं घटता। हार्मोनल बैलेंस बनाने के लिए महिलाएं एक आसान नाइट टाइम रूटीन फॉलो कर सकती हैं। इस रूटीन को विस्तार से आगे जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्पिटल की वरिष्ठ गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
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Step 1: रात 9 बजे के बाद स्क्रीन बंद करें- Cut-Off Screen At 9 PM
मोबाइल और लैपटॉप से निकलने वाली ब्लू लाइट, मेलाटोनिन को कम कर देती है। मेलाटोनिन सिर्फ नींद के लिए नहीं, बल्कि इंसुलिन बैलेंस को बनाए रखने, क्रेविंग कंट्रोल करने के लिए और फैट स्टोरेज रेगुलेशन के लिए भी जरूरी है।
क्या करें?
- 9 बजे के बाद फोन दूर रखें।
- लाइट्स हल्की कर दें।
- कोई किताब पढ़ें।
इससे मेलाटोनिन-कोर्टिसोल बैलेंस बेहतर होता है, अनिद्रा की समस्या दूर होती है और फैट मेटाबॉलिज्म सुधरता है।
Step 2: हल्की मसाज करें- Self Massage

सिर्फ दो मिनट की हल्की मसाज से आराम मिलता है। पैरों और पेट पर मालिश करें। इससे बॉडी रिपेयर होगी और हार्मोन्स का बैलेंस बनाने में मदद मिलेगी। हफ्ते में दो से तीन बार मालिश कर सकते हैं।
फायदे:
- स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल कम होता है।
- ब्लोटिंग (Bloating) कम होती है।
- गट का ब्लड फ्लो बेहतर होता है।
- नींद की गुणवत्ता सुधरती है।
Step 3: मेटाबॉलिज्म को बैलेंस करने वाली ड्रिंक पिएं- Metabolism Calming Drink At Night
सोने से पहले एक हेल्दी ड्रिंक का सेवन करने से हार्मोनल बैलेंस बनाने में मदद मिलती है।
हल्दी के साथ गर्म दूध का सेवन कर सकते हैं या अश्वगंधा की चाय का सेवन कर सकते हैं।
फायदे:
- इंसुलिन लेवल सुधरता है।
- रात को खाने की क्रेविंग्स शांत होती है।
- गहरी नींद आती है।
- कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल कंट्रोल होता है।
Step 4: रात 10:30 बजे तक सोने की आदत डालें- Sleep By 10:30 PM
रात 10 से 2 बजे के बीच सो जाएंगे, तो लिवर को एस्ट्रोजन, इंसुलिन और फैट को मैनेज करने में मदद मिलती है। देर से सोने का मतलब है हार्मोनल समस्याओं को न्यौता देना।
समय पर सोने के फायदे:
- बेली फैट कम होता है।
- वॉटर रिटेंशन की समस्या दूर होती है।
- पीएमएस लक्षण और एक्ने कंट्रोल होते हैं।
- स्लो मेटाबॉलिज्म की समस्या दूर होती है।
निष्कर्ष:
हार्मोन्स का बैलेंस बनाए रखने के लिए रात को समय पर सोएं, रात में हेल्दी ड्रिंक पिएं, हल्की मसाज करें और रात में स्क्रीन देखने से बचें।
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Dec 14, 2025 18:52 IST
Published By : Yashaswi Mathur