Importance of Sattvic Food in Pregnancy According to Ayurveda: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपने खानपान का खास ख्याल रखना जरूरी होता है। ऐसा कहा जाता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं जो कुछ भी खाती हैं, उसका सीधा असर गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है। आयुर्वेद की मानें, तो प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं अगर सात्विक आहार (Health Benefits of Sattvic Food) का सेवन करें, तो उससे गर्भस्थ शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास में मदद मिलती है। दिल्ली के राजौरी गार्डन स्थित प्राइवेट क्लीनिक पर प्रैक्टिस कर रहीं फर्टिलिटी एक्सपर्ट और आयुर्वेदिक डॉ. चचंल शर्मा का कहना है कि सात्विक आहार का अर्थ है शुद्ध, ताजा और पौष्टिक खाना। सात्विक आहार न केवल शरीर को ऊर्जा देता है, बल्कि इससे मानसिक शांति भी मिलती है।
डॉ. चचंल के अनुसार, सात्विक आहार प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए एक आदर्श आहार है। आइए जानते हैं प्रेग्नेंसी में सात्विक आहार का महत्व (Importance of Sattvic Food in Pregnancy According to Ayurveda) और इसके फायदों के बारे में।
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आयुर्वेद में गर्भावस्था के लिए सात्विक आहार क्यों महत्वपूर्ण है?- Importance of Sattvic Food in Pregnancy According to Ayurveda
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि सात्विक आहार में मुख्य रूप से नेचुरल, आसानी से पचने वाले हल्के खाद्य पदार्थ होते हैं। इसमें मुख्य रूप से ताजे फल, हरी सब्जियां, अनाज, दालें, दूध, घी, शहद और ड्राई फ्रूट्स को शामिल किया जाता है। यह सभी खाद्य पदार्थ प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। आयुर्वेद की मानें, तो प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनल बदलावों की वजह से महिलाओं की पाचन क्रिया पर असर पड़ता है। इस स्थिति में सात्विक आहार का सेवन किया जाए, तो यह पोषण के साथ प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली समस्याओं को कम करता है।
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प्रेग्नेंसी में सात्विक आहार खाने के फायदे- Benefits of eating a sattvic diet during pregnancy
डॉ. चंचल शर्मा का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं अगर सात्विक आहार का सेवन करती हैं, तो इससे मां और शिशु दोनों के कई प्रकार के फायदे मिलते हैं।
1. शारीरिक और मानसिक विकास में मददगार
सात्विक आहारमें मौजूद पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम और आयरन गर्भस्थ शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास में मददगार होते हैं।
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2. पाचन क्रिया को करता है ठीक
प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं को एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सात्विक आहार में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, प्रेग्नेंसी के दौरान पाचन संबंधी परेशानियों से राहत दिलाता है।
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3. तनाव को करता है कम
हार्मोनल बदलावों के कारण प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं में तनाव की समस्या ज्यादा देखी जाती है। सात्विक आहार मानसिक शांति और भावनात्मक परेशानियों से राहत दिलाता है।
4. प्रसव प्रक्रिया को बनाता है आसान
सात्विक आहार का नियमित सेवन प्रसव के समय होने वाले दर्द और अन्य परेशानियों को भी कम करने के लिए जाना जाता है। सात्विक आहार मांसपेशियों को लचीला बनाकर डिलीवरी के दौरान होने वाली समस्याओं को कम करता है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान सात्विक आहार में क्या-क्या खाएं?- What to eat in a Satvik diet during pregnancy?
1. ताजे फल: केला, सेब, अंगूर और संतरा जैसे विभिन्न प्रकार के मौसमी फल।
2. हरी सब्जियां: पालक, मेथी, लौकी, तोरई और गाजर।
3. सूखे मेवे: बादाम, अखरोट और खजूर।
4. हर्बल चाय: तुलसी, अदरक और दालचीनी की चाय।
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निष्कर्ष
सात्विक आहार प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए एक आदर्श आहार है। यह मां और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए फायदेमंद होता है। सात्विक आहार में विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियों और अन्य प्रोटीन, विटामिन व मिनरल्स को शामिल किया जात है, जिसकी प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को सबसे ज्यादा जरूरत होती है।