
Benefits of Dhumapana according to Ayurveda : आयुर्वेद में कई ऐसी पद्धतियां हैं, जिनका उपयोग सदियों से मानव शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करने के लिए किया जा रहा है। आयुर्वेद में अपनाई जाने वाली पद्धतियां ऐसी हैं, जिनका इस्तेमाल रोजाना हम घर पर भी करते हैं, लेकिन आयुर्वेदिक एक्सपर्ट इसे एक तरीके से करते हैं और बीमारियों को दूर करते हैं। आयुर्वेद की एक ऐसी ही पद्धति है "धूमपानम्"। आयुर्वेद में धूमपानम् का अर्थ जड़ी-बूटियों के धुएं को सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करवाना है, ताकि शरीर के तीन दोष वात, पित्त और कफ को संतुलित किया जा सके।
ज इस लेख में देहरादून स्थित तुलसी आयुर्वेद के एमडी डॉ. अंकित अग्रवाल से जानेंगे, आयुर्वेद के अनुसार धूमपानम् (Benefits of Dhumapana according to Ayurveda) करवाने से शरीर को क्या-क्या फायदे मिलते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार धूमपानम् के फायदे- Benefits of Dhumapana according to Ayurveda in Hindi
डॉ. अंकित अग्रवाल के अनुसार, धूमपानम् का उपयोग मुख्य रूप से श्वसन तंत्र, मानसिक स्वास्थ्य और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए किया जाता है।
इसे भी पढ़ेंः पैरों में कील (Foot Corns) को खत्म करने में मदद करेगा ये आयुर्वेदिक नुस्खा, आज ही करें ट्राई
1. एलर्जी से दिलाता है राहत- Dhumapana Provides relief from allergies
धूमपानम् में उपयोग होने वाले औषधीय पदार्थ एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं। यह एलर्जी को दूर करने में मदद करती है।
2. छींकने की समस्या करता है दूर- Dhumapana Eliminates the problem of sneezing
धूमपानम् में औषधीय जड़ी-बूटियों जैसे हल्दी, कपूर, अजवाइन, और वचा का इस्तेमाल किया जाता है। इन जड़ी-बूटियों में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो छींकने और खांसने की समस्या को दूर करते हैं।
इसे भी पढ़ेंः आयुर्वेद में हल्दी को माना गया है स्वास्थ्य के लिए लाभकारी, आयुर्वेदाचार्य से जानें इसके फायदे
3. साइनसाइटिस- Dhumapana help in Sinusitis
साइनसाइटिस जिसे आम भाषा में नाक का संक्रमण भी कहा जाता है, धूमपानम् उससे भी राहत दिलाता है। धूमपानम् साइनस के सूजे हुए टिशू को रिपेयर करने में मदद करता है। साथ ही, श्वांस मार्ग में मौजूद कीटाणुओं को भी खत्म करता है, जिससे बीमारियों का खतरा कम होता है।
View this post on Instagram
4. टॉन्सिलिटिस- Dhumapana Provides relief from Tonsillitis
टॉन्सिलिटिस, गले के पीछे मौजूद टॉन्सिल में सूजन की स्थिति को कहा जाता है। टॉन्सिलिटिस की समस्या से भी राहत दिलाने में धूमपानम् बहुत फायदेमंद होता है। धूमपानम् के जरिए वायुमार्ग को साफ करने और संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है, जिससे टॉन्सिलिटिस से राहत मिलती है।
इसे भी पढ़ेंः आयुर्वेद के अनुसार प्रेग्नेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए? जानें डॉक्टर से
5. तनाव को करता है कम- Dhumapana Reduce Stress
आयुर्वेद के अनुसार, कुछ विशेष धूमपानम् प्रक्रियाओं में जड़ी-बूटियों का धुआं मस्तिष्क के तंत्रिका तंत्र को शांत करता है। इस प्रक्रिया को करवाने से मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करने में मदद मिलती है।
कैसे की जाती है धूमपानम् की प्रक्रिया
धूमपानम् की प्रक्रिया को हमेशा विशेषज्ञ की निगरानी में किया जाता है। इसे करने से पहले विभिन्न प्रकार की औषधी जैसे
हरिद्रा (हल्दी), त्रिफला, गुग्गुलु, नीम की पत्तियां और तुलसी के पत्ते, घी को एक साथ मिलाया जाता है। फिर इसे एक विशेष धूमपान यंत्र (धूम यंत्र) में रखा जाता है।
- धूमपानम् की प्रक्रिया की शुरुआत में मरीज को आरामदायक स्थिति में बैठाया जाता है।
- इसके बाद धूम यंत्र को जलाया जाता है और औषधीय धुआं निकलने लगता है।
- मरीज को निर्देश दिया जाता है कि वह नाक और मुंह से धीरे-धीरे धुआं भीतर लें और फिर बाहर छोड़ें।
- इस प्रक्रिया को कई बार दोहराया जाता है।
निष्कर्ष
आयुर्वेदिक धूमपानम् का सही उपयोग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। धूमपानम् में कई प्रकार की औषधीय जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इसे हमेशा विशेषज्ञों की देखभाल में ही करवाना चाहिए। अगर आपको किसी जड़ी-बूटी से त्वचा या अन्य किसी प्रकार की एलर्जी है, तो धूमपानम् विशेषज्ञ से इस बारे में बात जरूर करें। एलर्जी वाली जड़ी-बूटी का इस्तेमाल करने से आपकी परेशानी कम होने की बजाय बढ़ सकती है।
Read Next
पैरों में कील (Foot Corns) को खत्म करने में मदद करेगा ये आयुर्वेदिक नुस्खा, आज ही करें ट्राई
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version